अंधेरा

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अन्धकार के मध्य से प्रकाश का प्रस्फुटन

अंधेरा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक ऐसी स्थिति है जिसमें प्रकाश का अभाव होता है और जिसमें किसी दृश्य को स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता है। दूसरे शब्दों में जब प्रकाश किसी वस्तु या स्थान पर पड़े ही नहीं और इस कारण मानव नैत्र उस वस्तु और स्थान को देखने में असमर्थ हो तो उस स्थिति को अंधेरा कहा जाता है।[1]

भौतिक विज्ञान के अनुसार किसी वस्तु को अंधेरे में माना जाता है जब वह फोटॉन को अवशोषित कर लेती है, जिसके फलस्वरूप वह अन्य वस्तुओं की तुलना में धुंधली दिखाई देती है। दूसरे शब्दों में जब किसी वस्तु से प्रकाश टकराता है तो वह वस्तु प्रकाश को परावर्तित कर देती है जिसके बाद वही प्रकाश वस्तु से परावर्तित होकर जब हमारी आँखों से टकराता है तो हम उस वस्तु को देख पाते हैं किन्तु किसी कारणवश जब प्रकाश का अधिकांश या पूर्ण हिस्सा अवशोषित होकर या अन्य रूप से लुप्त हो जाता है तो हम उस वस्तु को सही से नहीं देख पाते हैं क्योंकि मानव दृष्टि प्रकाश के अभाव में किसी भी चीज़ को देख पाने में सक्षम नहीं है। प्रकाश का स्तर अपर्याप्त होने से दृष्टि पटल पर रंग संवेदनशील प्रकाशग्राही कोशिका निष्क्रिय हो जाती हैं। इसी स्थिति को हम अंधेरा कह सकते हैं।[2][3] वैंटाब्लैक के नाम से जाना जाने वाला पदार्थ अब तक ज्ञात सबसे गहरे पदार्थों में से एक है, जो खुद पर पड़ने वाले 99.965% प्रकाश को अवशोषित कर लेता है।[4][5]

कई संस्कृतियों में अंधेरा एक भावनात्मक अर्थ रखता है जहाँ अंधेरा शब्द दुःख या पूर्वाभास की भावना का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही अंधेरे का संबंध रात्रि से भी है, जो तब होती है जब सूर्य क्षितिज से 18° से अधिक नीचे होता है।

अंधेरे का एक वैज्ञानिक माप भी है, जिसे बोरटल स्कैल कहा जाता है, यह एक विशेष स्थान पर रात के आकाश और सितारों की चमक और उस स्थान पर खगोलीय पिंडों के अवलोकन क्षमता को परिभाषित करने के काम आता है।[6]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Darkness Definition & Meaning | Britannica Dictionary" [अंधेरे की परिभाषा और अर्थ | ब्रिटानिका शब्दकोश]. www.britannica.com. अभिगमन तिथि 2 फरवरी 2024.
  2. होर्नर, डेविड टी. (2000). Demonstrations of Color Perception and the Importance of Contours, Handbook for Teaching Introductory Psychology [रंग बोध का प्रदर्शन और आकृतियों का महत्व, परिचयात्मक मनोविज्ञान पढ़ाने के लिए हैंडबुक]. 2. टेक्सास: साइकोलोजिक प्रेस. पृ॰ 217. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780805836547. Afterimages are the complementary hue of the adapting stimulus and trichromatic theory fails to account for this fact
  3. मेंटेसे, लुसीमेरी (March 2000). "Photon-Driven Localization: How Materials Really Absorb Light" [फोटॉन-संचालित स्थानीयकरण: सामग्री वास्तव में प्रकाश को कैसे अवशोषित करती है]. अमेरिकन फिजिकल सोसायटी, वार्षिक मार्च बैठक. अमेरिकन फिजिकल सोसायटी: E2.001. बिबकोड:2000APS..MAR.E2001M.
  4. कोल्डवी, डेविन (15 July 2014). "Vantablack: U.K. Firm Shows Off 'World's Darkest Material'" [वैंटाब्लैक: यू.के. फर्म ने 'दुनिया की सबसे काली सामग्री' का प्रदर्शन किया]. एनबीसीन्यूज़. मूल से 19 July 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 July 2014.
  5. गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स: Darkest manmade substance, 19 October 2015
  6. मिज़ोन, बॉब (2016-07-04). Finding a Million-Star Hotel: An Astro-Tourist's Guide to Dark Sky Places [एक मिलियन-स्टार होटल ढूँढना: डार्क स्काई स्थानों के लिए एक एस्ट्रो-टूरिस्ट गाइड] (अंग्रेज़ी में). स्पिरंगर. पपृ॰ 9–16. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-319-33855-2.