प्रकाशग्राही कोशिका

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आँख में शंकु और शलाकाएँ, जो दो प्रकार की प्रकाशग्राही कोशिकाएँ होती हैं

प्रकाशग्राही कोशिका (photoreceptor cell) आँखों के दृष्टि पटल (रेटिना) में उपस्थित ऐसी कोशिका होती है जो दृश्य प्रकाशपारक्रमण (visual phototransduction) की क्षमता रखता हो। यह अपने ऊपर प्रकाश के फ़ोटोन पड़ने पर उसे अन्य प्रकार के संकेतों में बदल देते हैं, जिनका प्रयोग दृष्टि पटल पर अंकित होने वाली छवियों की जानकारी को मस्तिष्क तक पहुँचाने के लिए किया जाता है। इन कोशिकाओं में प्रकाशग्राही प्रोटीन होते हैं जो फ़ोटोनों के गिरने पर कोशिका का झिल्ली विभव बदलकर एक विद्युत संकेत उत्पन्न कर देते हैं जो न्यूरॉनों द्वारा मस्तिष्क की ओर बढ़ाया जाता है। यह प्रक्रिया जीवों में दृश्य बोध के लिए अत्यंत ज़रूरी है।[1][2]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Campbell, Neil A. & Reece, Jane B. (2002). Biology. San Francisco: Benjamin Cummings. pp. 1064–1067. ISBN 0-8053-6624-5.
  2. Freeman, Scott (2002). Biological Science (2nd Edition). Englewood Cliffs, N.J: Prentice Hall. pp. 835–837. ISBN 0-13-140941-7.