तीन-वस्तु समस्या

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भौतिकीचिरसम्मत यांत्रिकी में तीन-वस्तु समस्या (three-body problem) तीन बिन्दु-आकार की वस्तुओं की गति व चाल को समझने को कहते हैं जो केवल एक-दूसरे को ही प्रभावित करती हैं (यानि कोई भी चौथी वस्तु इस अध्ययन में शामिल नहीं करी जाती)। आमतौर पर इस समस्या के अध्ययन में न्यूटन के गति नियम को आधार बनाया जाता है। यह दो-वस्तु समस्या से थोड़ा भिन्न है क्योंकि जहाँ भौतिकी में दो-वस्तु समस्या का हर परिस्थिति में मान्य सैद्धांतिक समाधान उपलब्ध है, वहाँ तीन-वस्तु समस्या के समाधान के लिए ऐसा कोई समाधान उपलब्ध नहीं है और उसके लिए अलग-अलग परिस्थितियों के लिए संगणकों द्वारा अनुमान लगाने की आवश्यकता पड़ती है। पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा की गतियों व चाल की समस्या तीन-वस्तु समस्या का एक ऐतिहासिक उदाहरण है।[1][2][3]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Poincaré, H. (1967). New Methods of Celestial Mechanics, 3 vols. (English trans.). American Institute of Physics. ISBN 1-56396-117-2.
  2. Aarseth, S. J. (2003). Gravitational n-Body Simulations. New York: Cambridge University Press. ISBN 0-521-43272-3.
  3. Bagla, J. S. (2005). "Cosmological N-body simulation: Techniques, scope and status". Current Science. 88: 1088–1100. arXiv:astro-ph/0411043 Freely accessible. Bibcode:2005CSci...88.1088B.