हीरा

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कोहिनूर की काँच प्रति
कोहिनूर की एक और प्रति
हीरों की आकृतियां

हीरा एक पारदर्शी रत्न है। यह रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है। हीरा में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़ा रहता है। कार्बन परमाणुओं के बाहरी कक्ष में उपस्थित सभी चारों इलेक्ट्रान सह-संयोजी बन्ध में भाग ले लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान संवतंत्र नहीं होता है। इसलिए हीरा ऊष्मा तथा विद्युत का कुचालन होता है। हीरा में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है। हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदा‍र्थ है इसकी कठोरता के कारण इसका प्रयोग कई उद्योगो तथा आभूषणों में किया जाता है। हीरे केवल सफ़ेद ही नहीं होते अशुद्धियों के कारण इसका शेड नीला, लाल, संतरा, पीला, हराकाला होता है। हरा हीरा सबसे दुर्लभ है। हीरे को यदि ओवन में ७६३ डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाये, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिल्कूल ही राख नहीं बचती है।[1] इससे यह प्रमाणित होता है कि हीरा कार्बन का शुद्ध रूप है। हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एव सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व ३.५१ होता है। बहुत अधिक चमक होने के कारण हीरा को जवाहरात के रूप में उपयोग किया जाता है। हीरा उष्मीय किरणों के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए अतिशुद्ध थर्मामीटर बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। काले हीरे का उपयोग काँच काटने, दूसरे हीरे के काटने, हीरे पर पालिश करने तथा चट्टानों में छेद करने के लिए किया जाता है।

दुनिया का सबसे बड़ा हीरा कलिनन हीरा (Cullinan Diamond) है जो 3106 कैरेट का है। इसका पता 1905 में दक्षिण अफ्रीका में लगाया गया था। यह अभी ब्रिटेन राजघरानों के शाही संग्रह में शोभायमान है। [2] अब तक ढूंढ़ा गया दुनिया का सबसे दूसरा बड़ा अपरिष्कृत हीरा 1758 कैरेट का सेवेलो डायमंड (Sewelo Diamond) है, सेत्स्वाना भाषा में जिसका अर्थ 'दुर्लभ खोज' है।


दुर्लभ हीरे

हीरा खान से निकाला जाता है और बाद में पॉलिश कर के चमकाया जाता है। १८वीं शताब्दी में दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में हीरों की खानों का पता चलने से पहले तक दुनिया भर में भारत की गोलकुंडा खान से निकले हीरों की धाक थी।[3] लेकिन यहाँ से निकले अधिकांश भारतीय हीरे या तो लापता हैं या विदेशी संग्रहालयों की शोभा बढ़ा रहे हैं। इनमें से एक हीरा ब्रिटेन की महारानी के ताज में जड़ा कोहिनूर भी है। सबसे अधिक वजन वाला हीरा ग्रेट मुगल गोलकुंडा की खान से १६५० में जब निकला तो इसका वजन ७८७ कैरेट था। जो कोहिनूर से करीब छह गुना अधिक था[4] आज यह हीरा आज कहाँ है किसी को पता नहीं। ऐसा ही एक बहुमूल्य हीरा अहमदाबाद डायमंड था जो बाबर ने १५२६ में पानीपत की लड़ाई के बाद ग्वालियर के राजा विक्रमजीत को हराकर हासिल किया था। इस दुर्लभ हीरे को आखिरी बार १९९० में लंदन के क्रिस्ले ऑक्सन हाउस की नीलामी में देखा गया था। द रिजेंट नामक १७०२ के आसपास गोलकुंडा की खान से निकला हीरा ४१० कैरेट था। जो बाद में नेपोलियन के पास पहुँचा। यह हीरा अब १४० कैरेट का हो चुका है और पेरिस के लेवोरे म्यूजियम में रखा गया है। इसी प्रकार ब्रोलिटी ऑफ इंडिया का। ९०.८ कैरेट के ब्रोलिटी जिसे कोहिनूर से भी पुराना बताया जाता है, १२वीं शताब्दी में फ्रांस की महारानी ने खरीदा। आज यह कहाँ है कोई नहीं जानता। एक और गुमनाम हीरा २०० कैरेट का ओरलोव था जिसे १८वीं शताब्दी में मैसूर के मंदिर की एक मूर्ति की आंख से फ्रांस के व्यापारी ने चुराया था। कुछ गुमनाम भारतीय हीरे: ग्रेट मुगल (२८० कैरेट), ओरलोव (२०० कैरेट), द रिजेंट (१४० कैरेट), ब्रोलिटी ऑफ इंडिया (९०.८ कैरेट), अहमदाबाद डायमंड (७८.८ कैरेट), द ब्लू होप (४५.५२ कैरेट), आगरा डायमंड (३२.२ कैरेट), द नेपाल (७८.४१)

हीरे का कारोबार करने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी डी बियर्स की सहयोगी इकाई डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (डीटीसी) के मुताबिक दुनिया के ९० फीसदी हीरों के तराशने का काम भारत में होता है, ऐसे में यहाँ हीरा उद्योग के फलने-फूलने की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं।[5]

सन्दर्भ

  1. "भगवान का आंसू है हीरा". प्रभात खबर. मूल (एएसपीएक्स) से 3 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १४ मई २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा, इस 1758 कैरेट के हीरे का नाम है 'सेवेलो डायमंड'". NDTVIndia. मूल से 25 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-02-16.
  3. "भगवान का आंसू है हीरा" (एएसपीएक्स). दैनिक भास्कर. मूल से 5 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १४ मई २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. "मुगल डायमंडः रॉयल डायमंड" (एएसपीएक्स). नवभारत टाइम्स. मूल से 22 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १४ मई २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. "हीरा उद्योग में बढ़ेगी भारत की चमक" (एएसपीएक्स). webduniya हिन्दी. अभिगमन तिथि १४ मई २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

विशेष: भारत के 10 सबसे कीमती हीरे, जो हैं विदेशी तिजोरियों में कैद