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10 सितंबर 2019

  • 10:0410:04, 10 सितंबर 2019 अन्तर इतिहास −415 छो जटायुस्थानीय मान्यता के मुताबिक दंडकारण्य के आकाश में ही रावण और जटायु का युद्ध हुआ था और जटायु के कुछ अंग दंडकारण्य में आ गिरे थे। ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर में सिर्फ यही जटायु का एकमात्र मंदिर है। इन सब चीजों के ऐतिहासिक साक्ष्य भी है, लेकिन आस्था और भक्ति को शायद किसी साक्ष्य की जरूरत नहीं पड़ती। दुनिया के इकलौते जटायु मंदिर को देखना काफी दिलचस्प अनुभव है। जटायु की राम से पहली मुलाकाता पंचवटी (नासिक के पास) हुई थी जहां वे रहते थे। लेकिन उनकी मृत्यु दंडकारण्य में हुई। उल्लेखनीय है कि राम टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन