"बंगबंधु का ७ मार्च का भाषण": अवतरणों में अंतर

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७ मार्च १९७१ को [[शेख मुजीबुर्रहमान]] ने [[ढाका]] के रेसकोर्स मैदान में लगभग २० लाख लोगों की महान जनसभा के समक्ष एक भाषण दिया था। यह वह समय था जब तत्कालीन [[पूर्वी पाकिस्तान]] और शक्तिशाली [[पश्चिमी पाकिस्तान]] के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था। अपने भाषण में मुजीबुर्रहमान ने कहा था, "इस बार हमारा संघर्ष आजादी के लिए है। इस बार हमारा संघर्ष स्वतंत्रता के लिए है।" उन्होने बंगाल प्रान्त में नागरिक अवज्ञा आन्दोलन की घोषणा की और आह्वान किया कि हर घर को एक किला बना दीजिए। इस भाषण ने बंगालियों को 'मुक्ति' के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से सशस्त्र कार्वाई की खबरें छायी हुईं थी। इस भाषण के १८ दिन पश्चात [[पाकिस्तानी सेना]] ने आम बंगालियों, बुद्धिजीवियों, छात्रों, राजनेताओं और सशस्त्र बलों के विरुद्ध [[ऑपरेशन सर्चलाइट]] शुरू कर दिया और इस प्रकार [[बांग्लादेश मुक्ति युद्ध|मुक्ति संग्राम]] शुरू हो गया। 30 अक्टुबर 2017 को [[यूनेस्को]] ने इस भाषण को एक 'विरासत भाषण' घोषित किया। <ref>{{Cite news|url=http://www.thedailystar.net/politics/unesco-recognises-bangabandhu-sheikh-mujibur-rahman-7th-march-speech-memory-of-the-world-1484356|title=Unesco recognises Bangabandhu’s 7th March speech|date=31 October 2017|work=The Daily Star|access-date=2017-10-31|language=en}}</ref><ref name=":0">{{cite web|url=https://en.unesco.org/news/international-advisory-committee-recommends-78-new-nominations-unesco-memory-world|title=International Advisory Committee recommends 78 new nominations on the UNESCO Memory of the World International Register|website=en.unesco.org|accessdate=30 October 2017}}</ref>
७ मार्च १९७१ को [[शेख मुजीबुर्रहमान]] ने [[ढाका]] के रेसकोर्स मैदान में लगभग २० लाख लोगों की महान जनसभा के समक्ष एक भाषण दिया था। यह वह समय था जब तत्कालीन [[पूर्वी पाकिस्तान]] और शक्तिशाली [[पश्चिमी पाकिस्तान]] के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था। अपने भाषण में मुजीबुर्रहमान ने कहा था, "इस बार हमारा संघर्ष आजादी के लिए है। इस बार हमारा संघर्ष स्वतंत्रता के लिए है।" उन्होने बंगाल प्रान्त में नागरिक अवज्ञा आन्दोलन की घोषणा की और आह्वान किया कि हर घर को एक किला बना दीजिए। इस भाषण ने बंगालियों को 'मुक्ति' के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से सशस्त्र कार्वाई की खबरें छायी हुईं थी। इस भाषण के १८ दिन पश्चात [[पाकिस्तानी सेना]] ने आम बंगालियों, बुद्धिजीवियों, छात्रों, राजनेताओं और सशस्त्र बलों के विरुद्ध [[ऑपरेशन सर्चलाइट]] शुरू कर दिया और इस प्रकार [[बांग्लादेश मुक्ति युद्ध|मुक्ति संग्राम]] शुरू हो गया। 30 अक्टुबर 2017 को [[यूनेस्को]] ने इस भाषण को एक 'विरासत भाषण' घोषित किया। <ref>{{Cite news|url=http://www.thedailystar.net/politics/unesco-recognises-bangabandhu-sheikh-mujibur-rahman-7th-march-speech-memory-of-the-world-1484356|title=Unesco recognises Bangabandhu’s 7th March speech|date=31 October 2017|work=The Daily Star|access-date=2017-10-31|language=en|archive-url=https://web.archive.org/web/20190329025244/https://www.thedailystar.net/politics/unesco-recognises-bangabandhu-sheikh-mujibur-rahman-7th-march-speech-memory-of-the-world-1484356|archive-date=29 मार्च 2019|url-status=live}}</ref><ref name=":0">{{cite web|url=https://en.unesco.org/news/international-advisory-committee-recommends-78-new-nominations-unesco-memory-world|title=International Advisory Committee recommends 78 new nominations on the UNESCO Memory of the World International Register|website=en.unesco.org|accessdate=30 October 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20171031010633/https://en.unesco.org/news/international-advisory-committee-recommends-78-new-nominations-unesco-memory-world|archive-date=31 अक्तूबर 2017|url-status=live}}</ref>


==सन्दर्भ==
==सन्दर्भ==

06:01, 15 जून 2020 का अवतरण

बंगबंधु का ७ मार्च का भाषण
चित्र:Sheikh Mujib giving speech 7th March.jpg
शेख मुजीबुर्रहमान भाषण देते हुए (७ मार्च, १९७१)
तिथि साँचा:Start date2020
समय 2:45 pm — 3:03 pm
स्थान Ramna, Dhaka
निर्देशांक 23°43′59″N 90°23′54″E / 23.733066°N 90.398437°E / 23.733066; 90.398437निर्देशांक: 23°43′59″N 90°23′54″E / 23.733066°N 90.398437°E / 23.733066; 90.398437
Recognition Memory of the World International Register

७ मार्च १९७१ को शेख मुजीबुर्रहमान ने ढाका के रेसकोर्स मैदान में लगभग २० लाख लोगों की महान जनसभा के समक्ष एक भाषण दिया था। यह वह समय था जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान और शक्तिशाली पश्चिमी पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था। अपने भाषण में मुजीबुर्रहमान ने कहा था, "इस बार हमारा संघर्ष आजादी के लिए है। इस बार हमारा संघर्ष स्वतंत्रता के लिए है।" उन्होने बंगाल प्रान्त में नागरिक अवज्ञा आन्दोलन की घोषणा की और आह्वान किया कि हर घर को एक किला बना दीजिए। इस भाषण ने बंगालियों को 'मुक्ति' के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उस समय पश्चिमी पाकिस्तान से सशस्त्र कार्वाई की खबरें छायी हुईं थी। इस भाषण के १८ दिन पश्चात पाकिस्तानी सेना ने आम बंगालियों, बुद्धिजीवियों, छात्रों, राजनेताओं और सशस्त्र बलों के विरुद्ध ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू कर दिया और इस प्रकार मुक्ति संग्राम शुरू हो गया। 30 अक्टुबर 2017 को यूनेस्को ने इस भाषण को एक 'विरासत भाषण' घोषित किया। [1][2]

सन्दर्भ

  1. "Unesco recognises Bangabandhu's 7th March speech". The Daily Star (अंग्रेज़ी में). 31 अक्टूबर 2017. मूल से 29 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्टूबर 2017.
  2. "International Advisory Committee recommends 78 new nominations on the UNESCO Memory of the World International Register". en.unesco.org. मूल से 31 अक्टूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2017.