"हम दोनों (1961 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''हम दोनों''' 1961 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे [[देव आनन्द]] द्वारा निर्मित किया गया और उनके भाई [[विजय आनन्द]] ने निर्देशन किया। फिल्म में देव आनन्द दोहरी भूमिका में हैं और इसमें [[नन्दा]], [[साधना शिवदासानी|साधना]] और [[लीला चिटनिस]] भी हैं। फिल्म [[जयदेव]] के संगीत के लिए भी जानी जाती है और यह बॉक्स ऑफिस पर हिट रही।


== संक्षेप ==
== संक्षेप ==
महेश आनन्द और मेजर वर्मा में कई चीजें समान हैं। एक: दोनों सेना में हैं; दोनों अमीर परिवारों से हैं; और दोनों एक जैसे दिखते हैं। जब मेजर वर्मा लापता हो जाता है, तो उसे युद्ध के दौरान मृत माना जाता है। महेश को इस खबर को उसके परिवार तक पहुँचाने के लिए कहा जाता है। आगमन पर, उसे मेजर वर्मा समझ लिया जाता है। वह वर्मा की माँ श्रीमती वर्मा ([[ललिता पवार]]) के साथ-साथ उसकी बीमार पत्नी रूमा ([[नन्दा]]) से मिलता है। वर्मा की मौत की खबर को वह नहीं बता पाता है और वर्मा के रूप में ही रहने लगता है।
महेश आनन्द और मेजर वर्मा में कई चीजें समान हैं। एक: दोनों सेना में हैं; दोनों अमीर परिवारों से हैं; और दोनों एक जैसे दिखते हैं। जब मेजर वर्मा लापता हो जाता है, तो उसे युद्ध के दौरान मृत माना जाता है। महेश को इस खबर को उसके परिवार तक पहुँचाने के लिए कहा जाता है। आगमन पर, उसे मेजर वर्मा समझ लिया जाता है। वह वर्मा की माँ श्रीमती वर्मा ([[ललिता पवार]]) के साथ-साथ उसकी बीमार पत्नी रूमा ([[नन्दा]]) से मिलता है। वर्मा की मौत की खबर को वह नहीं बता पाता है और वर्मा के रूप में ही रहने लगता है।


उसका घर में स्वागत किया जाता है। इससे महेश के जीवन में उसकी प्रेमिका मीता ([[साधना (हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री)|साधना]]) के रूप में जटिलताएँ पैदा होती हैं। उसे लगता है कि महेश अब उससे प्यार नहीं करता। तब रूमा को पता चलता है कि उसका पति किसी दूसरी महिला के प्यार करता है। महेश अपने आप को गहरे संकट में पाता है, क्योंकि वह किसी को भी कुछ बताने करने में असमर्थ है। उसे अपने जीवन और परिवार में वापस जाने में केवल मेजर वर्मा ही है जो उसकी मदद कर सकता है।
उसका घर में स्वागत किया जाता है। इससे महेश के जीवन में उसकी प्रेमिका मीता ([[साधना शिवदासानी|साधना]]) के रूप में जटिलताएँ पैदा होती हैं। उसे लगता है कि महेश अब उससे प्यार नहीं करता। तब रूमा को पता चलता है कि उसका पति किसी दूसरी महिला के प्यार करता है। महेश अपने आप को गहरे संकट में पाता है, क्योंकि वह किसी को भी कुछ बताने करने में असमर्थ है। उसे अपने जीवन और परिवार में वापस जाने में केवल मेजर वर्मा ही है जो उसकी मदद कर सकता है।


== मुख्य कलाकार ==
== मुख्य कलाकार ==
* [[देव आनन्द]] ― कैप्टन आनन्द / मेजर मनोहर लाल वर्मा
* [[देव आनन्द]] ― कैप्टन आनन्द / मेजर मनोहर लाल वर्मा
* [[नन्दा]] ― रूमा
* [[नन्दा]] ― रूमा
* [[साधना (हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री)|साधना]] ― मीता
* [[साधना शिवदासानी|साधना]] ― मीता
* [[ललिता पवार]] ― मेजर की माँ
* [[ललिता पवार]] ― मेजर की माँ
* [[गजानन जागीरदार]] ― रूमा के पिता
* [[गजानन जागीरदार]] ― रूमा के पिता
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| title1 = अभी ना जाओ छोड़कर
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14:14, 12 मार्च 2020 का अवतरण

हम दोनों

हम दोनों का पोस्टर
निर्देशक विजय नन्दा
निर्माता देव आनन्द
अभिनेता देव आनन्द,
नन्दा,
साधना
संगीतकार जयदेव
प्रदर्शन तिथि
1961
देश भारत
भाषा हिन्दी

हम दोनों 1961 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे देव आनन्द द्वारा निर्मित किया गया और उनके भाई विजय आनन्द ने निर्देशन किया। फिल्म में देव आनन्द दोहरी भूमिका में हैं और इसमें नन्दा, साधना और लीला चिटनिस भी हैं। फिल्म जयदेव के संगीत के लिए भी जानी जाती है और यह बॉक्स ऑफिस पर हिट रही।

संक्षेप

महेश आनन्द और मेजर वर्मा में कई चीजें समान हैं। एक: दोनों सेना में हैं; दोनों अमीर परिवारों से हैं; और दोनों एक जैसे दिखते हैं। जब मेजर वर्मा लापता हो जाता है, तो उसे युद्ध के दौरान मृत माना जाता है। महेश को इस खबर को उसके परिवार तक पहुँचाने के लिए कहा जाता है। आगमन पर, उसे मेजर वर्मा समझ लिया जाता है। वह वर्मा की माँ श्रीमती वर्मा (ललिता पवार) के साथ-साथ उसकी बीमार पत्नी रूमा (नन्दा) से मिलता है। वर्मा की मौत की खबर को वह नहीं बता पाता है और वर्मा के रूप में ही रहने लगता है।

उसका घर में स्वागत किया जाता है। इससे महेश के जीवन में उसकी प्रेमिका मीता (साधना) के रूप में जटिलताएँ पैदा होती हैं। उसे लगता है कि महेश अब उससे प्यार नहीं करता। तब रूमा को पता चलता है कि उसका पति किसी दूसरी महिला के प्यार करता है। महेश अपने आप को गहरे संकट में पाता है, क्योंकि वह किसी को भी कुछ बताने करने में असमर्थ है। उसे अपने जीवन और परिवार में वापस जाने में केवल मेजर वर्मा ही है जो उसकी मदद कर सकता है।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखित; सारा संगीत जयदेव द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."अभी ना जाओ छोड़कर"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले4:18
2."मैं जिंदगी का साथ निभाता"मोहम्मद रफ़ी3:50
3."कभी खुद पे कभी हालात"मोहम्मद रफ़ी4:00
4."अल्लाह तेरा नाम ईश्वर तेरा नाम"लता मंगेशकर3:38
5."प्रभु तेरो नाम जो ध्याय फल पाये"लता मंगेशकर3:00
6."जहाँ में ऐसा कौन है"आशा भोंसले2:44

बाहरी कड़ियाँ