"कृष्ण चन्द्र पंत": अवतरणों में अंतर

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== राजनीतिक जीवन ==
== राजनीतिक जीवन ==
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19:17, 3 मार्च 2020 का अवतरण

 कृष्ण चन्द्र पंत  भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे लगभग २५ वर्षों तक सांसद रहे। इसके अतिरिक्त उन्होंने केंद्रीय स्तर पर रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।


ये 10 अगस्त 1931 को नैनीताल के निकट मवाली में पैदा हुए थे। ये अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी और उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री गोविन्द वल्लभ पंत के पुत्र थे।

कृष्ण चन्द्र पंत

पद बहाल
12 अप्रैल 1987 – 1 दिसम्बर 1989
पूर्वा धिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह
उत्तरा धिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह

पद बहाल
5 फरवरी 1999 – 17 जून 2004
पूर्वा धिकारी जसवंत सिंह
उत्तरा धिकारी मोनटेक सिंह आहलूवालिया

जन्म 10 अगस्त 1935
भोवाली , नैनीताल, उत्तराखंड
मृत्यु 15 नवम्बर 2012
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जीवन संगी इला पंत

राजनीतिक जीवन

पंत ने शिक्षा पूरी करने के बाद कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। वे 1962 में पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह करीब 26 वर्ष तक सांसद रहे। लोकसभा के अलावा वह राज्यसभा के भी सदस्य रहे। 1967 से वे केंद्र में मंत्री रहे। रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त उन्होंने वित्त इस्पात एवं भारी इंजीनियरिंग, गृह, सिंचाई एवं बिजली, ऊर्जा आदि मंत्रालयों का भी कामकाज संभाला। 1987 से 1989 तक भारत के रक्षा मंत्री रहे पंत की नौसेना के लिए विमानवाहक पोत आईएनएस विराट तथा वायुसेना के लिए मिग-29 विमान हासिल किए जाने में अहम भूमिका रही। वे 1962, 1967, 1971 मे नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद रहे , 1977 के आम चुनावों में भारतीय लोकदल के प्रत्याशी भारतभूषण ने उन्हे हरा दिया, उसके बाद पुनः 1989 में लोकसभा के लिए चुने गए। वे 1978 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1979-80 के दौरान उच्च सदन के नेता रहे।

पंत 1987-89 के दौरान ऐसे समय में रक्षा मंत्री रहे जब लिट्टे के विद्रोह से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में भारतीय शांति सेना की तैनाती की गई। रक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही मालदीव में तख्तापलट के एक प्रयास को विफल करने के लिए शॉर्ट नोटिस पर भारतीय सेना भेजी गई।

पंत ने 1970 के दशक में अलग तेलंगाना आंदोलन के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। मल्की रूल्स के नाम के समझौते में भी उनकी अहम भूमिका रही, जिसमें स्थानीय लोगों को नौकरियों में वरीयता देने की बात थी, जिसके बाद आंदोलन खत्म हो गया।

1998 में वह भाजपा के करीब आ गये. उनकी पत्नी इला पंत ने भाजपा के टिकट पर नैनीताल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता. पंत वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में योजना आयोग के उपाध्यक्ष बने.

सन्दर्भ

http://164.100.47.194/Loksabha/Members/lokprev.aspx

http://164.100.47.5/HindiNewMembers/alphabeticallist_all_terms.aspx