"प्रह्लादपुरी मंदिर, मुल्तान": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
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कहा जाता है कि मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहाँ मूल मंदिर का निर्माण प्रह्लाद ने स्वयं किया था और साथ में यह भी कहा जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान [[नरसिंह]] ने पिता [[हिरण्यकशिपु]] से प्रह्लाद को बचाने के लिए स्तंभ के बाहर प्रकट हुए थे।<ref name=x/><ref name=y/><ref name=z>[http://www.thefridaytimes.com/15042011/page16.shtml]</ref> इसलिए, हिंदुओं का मानना है कि होली की शुरुआत इस मंदिर से हुई है।
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मुल्तान के सूर्य मंदिर की तरह प्रह्लादपुरी मंदिर भी मुल्तान की मुस्लिम विजय के बाद नष्ट हो गया था।
भारत में बाबरी मस्जिद को गिराने के बाद पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिरों को गिराया गया, जिनमें से एक प्रल्हादपुरी मंदिर भी था।


==वास्तु-कला==

मंदिर को मुल्तान किले के अंदर एक उच्च मंच पर बनाया गया था।
==सन्दर्भ==
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08:50, 17 दिसम्बर 2019 का अवतरण

प्रह्लादपुरी मंदिर
پرَہْلادْپُورِی مندر
प्रहलादपुरी मंदिर के अवशेष
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवताप्रह्लाद
शासी निकायपाकिस्तान हिंदू परिषद
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिमुल्तान, पंजाब पाकिस्तान पाकिस्तान
प्रह्लादपुरी मंदिर, मुल्तान is located in पाकिस्तान
प्रह्लादपुरी मंदिर, मुल्तान
पाकिस्तान के मानचित्र पर अवस्थिति
भौगोलिक निर्देशांक30°11′52″N 71°28′11″E / 30.19778°N 71.46972°E / 30.19778; 71.46972निर्देशांक: 30°11′52″N 71°28′11″E / 30.19778°N 71.46972°E / 30.19778; 71.46972
वास्तु विवरण
प्रकारहिंदू मंदिर
वेबसाइट
http://www.pakistanhinducouncil.org/

प्रह्लादपुरी मंदिर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है जिसे पहले कश्यपपुर के नाम से जाना जाता था। हिंदू देवता नरसिंह को समर्पित इस मंदिर का नाम प्रह्लाद के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि प्रह्लादपुरी के मंदिर का निर्माण भगवान नरसिंह के सम्मान में प्रह्लाद ने करवाया था। मंदिर हज़रत बहाउल हक़ ज़करिया की कब्र से निकट है।

इतिहास

प्रह्लादपुरी के मूल मंदिर का निर्माण हिरण्यकश्यपु के पुत्र प्रह्लाद द्वारा किया गया था।[1][2][3][4][5] कहा जाता है कि मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहाँ मूल मंदिर का निर्माण प्रह्लाद ने स्वयं किया था और साथ में यह भी कहा जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान नरसिंह ने पिता हिरण्यकशिपु से प्रह्लाद को बचाने के लिए स्तंभ के बाहर प्रकट हुए थे।[2][4][6] इसलिए, हिंदुओं का मानना है कि होली की शुरुआत इस मंदिर से हुई है।

मुल्तान के सूर्य मंदिर की तरह प्रह्लादपुरी मंदिर भी मुल्तान की मुस्लिम विजय के बाद नष्ट हो गया था। भारत में बाबरी मस्जिद को गिराने के बाद पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिरों को गिराया गया, जिनमें से एक प्रल्हादपुरी मंदिर भी था।

वास्तु-कला

मंदिर को मुल्तान किले के अंदर एक उच्च मंच पर बनाया गया था।

सन्दर्भ

  1. Syad Muhammad Latif (1963). The early history of Multan. पृ॰ 3,54. Kasyapa, is believed, according to the Sanscrit texts, to have founded Kashyapa-pura (otherwise known as Multan
  2. Gazetteer of the Multan District, 1923-24 Sir Edward Maclagan, Punjab (Pakistan). 1926. पपृ॰ 276–77.
  3. Imperial rule in Punjab: the conquest and administration of Multan, 1818-1881 by J. Royal Roseberry. पपृ॰ 243, 263.
  4. All the year round , Volume 51. Charles Dickens. 1883.
  5. "Archived copy". मूल से 2015-01-07 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-01-07.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link) Survey & Studies for Conservation of Historical Monuments of Multan. Department of Archeology & Museums, Ministry of Culture, Government of Pakistan
  6. [1]