"भारत की स्वतन्त्रता": अवतरणों में अंतर
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* रक्षा मंत्री - [[बलदेव सिंह]] |
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कविता बलिदान का रंग |
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कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा |
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मोबाइल नंबर 9467520190 |
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आओ तुम्हें सुनाए हम ,बलिदान की कहानी । |
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भारत के वीरों की है यह अमर कहानी , |
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भारत की है जुबानी ----------। |
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बलिदान के र॔ग की रग॔त है बड़ी भारी । |
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ईमान का रंग भरा है , लगती प्राणों की बाजी । |
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धर्म युद्ध की नीति है, दानवता पर है भारी। |
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राख की ढेर हुई हिंसा, रीत सदा है पुरानी । |
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भारत की जुबानी- -------------। |
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भारत का इतिहास मैं फिर से दोहराती हूँ ।, |
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त्रेता युग की बात बताएँ, सोने की एक लंका |
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भारत के बन्दर -भालू की बनी एक जल सेना । |
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सौ योजन पार किया सागर , पहुँचे वो लंका । |
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अधर्मी होकर जो टकराया, मिटा दिया है पल में |
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चुन-चुन कर मार गिराया, फूंक दी सोने की लंका। |
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धर्म बचा कर किया सुरक्षित, भारत ने निभाई मित्रता । |
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बलिदान की रगंत है बड़ी भारी , भारत की जुबानी । |
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निर्मला सीता रमन है भारत की नारी , |
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शैतानों ने जब -जब नारी को ललकारा । |
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दुर्गा बन असूरों का संहार किया , सुर को उभारा । |
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वायुयान की सेना ने शत्रु को मौत के घाट उतारा । |
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शैतानों को घुस कर मारा ,बची मानवता हमारी । |
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पाक पर परचम फहराए, यह नीति ना हमारी । |
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आंतक का हो सफाया, प्रण है यह हमारा । |
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सद्भावना की ताकत से ,भारत हो विश्व गुरु हमारा । |
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* [[स्वतंत्रता दिवस (भारत)]] |
* [[स्वतंत्रता दिवस (भारत)]] |
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* [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] |
* [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] |
06:22, 28 फ़रवरी 2019 का अवतरण
कविता बलिदान का रंग
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा मोबाइल नंबर 9467520190 आओ तुम्हें सुनाए हम ,बलिदान की कहानी । भारत के वीरों की है यह अमर कहानी , भारत की है जुबानी ----------।
बलिदान के र॔ग की रग॔त है बड़ी भारी । ईमान का रंग भरा है , लगती प्राणों की बाजी । धर्म युद्ध की नीति है, दानवता पर है भारी। राख की ढेर हुई हिंसा, रीत सदा है पुरानी । भारत की जुबानी- -------------।
भारत का इतिहास मैं फिर से दोहराती हूँ ।, त्रेता युग की बात बताएँ, सोने की एक लंका भारत के बन्दर -भालू की बनी एक जल सेना । सौ योजन पार किया सागर , पहुँचे वो लंका ।
अधर्मी होकर जो टकराया, मिटा दिया है पल में चुन-चुन कर मार गिराया, फूंक दी सोने की लंका। धर्म बचा कर किया सुरक्षित, भारत ने निभाई मित्रता । बलिदान की रगंत है बड़ी भारी , भारत की जुबानी ।
निर्मला सीता रमन है भारत की नारी , शैतानों ने जब -जब नारी को ललकारा । दुर्गा बन असूरों का संहार किया , सुर को उभारा । वायुयान की सेना ने शत्रु को मौत के घाट उतारा । , शैतानों को घुस कर मारा ,बची मानवता हमारी । पाक पर परचम फहराए, यह नीति ना हमारी । आंतक का हो सफाया, प्रण है यह हमारा । सद्भावना की ताकत से ,भारत हो विश्व गुरु हमारा ।
कविता बलिदान का रंग
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा मोबाइल नंबर 9467520190 आओ तुम्हें सुनाए हम ,बलिदान की कहानी । भारत के वीरों की है यह अमर कहानी , भारत की है जुबानी ----------।
बलिदान के र॔ग की रग॔त है बड़ी भारी । ईमान का रंग भरा है , लगती प्राणों की बाजी । धर्म युद्ध की नीति है, दानवता पर है भारी। राख की ढेर हुई हिंसा, रीत सदा है पुरानी । भारत की जुबानी- -------------।
भारत का इतिहास मैं फिर से दोहराती हूँ ।, त्रेता युग की बात बताएँ, सोने की एक लंका भारत के बन्दर -भालू की बनी एक जल सेना । सौ योजन पार किया सागर , पहुँचे वो लंका ।
अधर्मी होकर जो टकराया, मिटा दिया है पल में चुन-चुन कर मार गिराया, फूंक दी सोने की लंका। धर्म बचा कर किया सुरक्षित, भारत ने निभाई मित्रता । बलिदान की रगंत है बड़ी भारी , भारत की जुबानी ।
निर्मला सीता रमन है भारत की नारी , शैतानों ने जब -जब नारी को ललकारा । दुर्गा बन असूरों का संहार किया , सुर को उभारा । वायुयान की सेना ने शत्रु को मौत के घाट उतारा । , शैतानों को घुस कर मारा ,बची मानवता हमारी । पाक पर परचम फहराए, यह नीति ना हमारी । आंतक का हो सफाया, प्रण है यह हमारा । सद्भावना की ताकत से ,भारत हो विश्व गुरु हमारा ।
भारत की स्वतंत्रता से तात्पर्य ब्रिटिश शासन द्वारा 15 अगस्त, 1947 को भारत की सत्ता का हस्तांतरण भारत की जनता के प्रतिनिधियों को किए जाने से है। इस दिन दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया। भारत के स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत 1857 में हुए [[१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतं
कविता बलिदान का रंग
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा मोबाइल नंबर 9467520190 आओ तुम्हें सुनाए हम ,बलिदान की कहानी । भारत के वीरों की है यह अमर कहानी , भारत की है जुबानी ----------।
बलिदान के र॔ग की रग॔त है बड़ी भारी । ईमान का रंग भरा है , लगती प्राणों की बाजी । धर्म युद्ध की नीति है, दानवता पर है भारी। राख की ढेर हुई हिंसा, रीत सदा है पुरानी । भारत की जुबानी- -------------।
भारत का इतिहास मैं फिर से दोहराती हूँ ।, त्रेता युग की बात बताएँ, सोने की एक लंका भारत के बन्दर -भालू की बनी एक जल सेना । सौ योजन पार किया सागर , पहुँचे वो लंका ।
अधर्मी होकर जो टकराया, मिटा दिया है पल में चुन-चुन कर मार गिराया, फूंक दी सोने की लंका। धर्म बचा कर किया सुरक्षित, भारत ने निभाई मित्रता । बलिदान की रगंत है बड़ी भारी , भारत की जुबानी ।
निर्मला सीता रमन है भारत की नारी , शैतानों ने जब -जब नारी को ललकारा । दुर्गा बन असूरों का संहार किया , सुर को उभारा । वायुयान की सेना ने शत्रु को मौत के घाट उतारा । , शैतानों को घुस कर मारा ,बची मानवता हमारी । पाक पर परचम फहराए, यह नीति ना हमारी । आंतक का हो सफाया, प्रण है यह हमारा । सद्भावना की ताकत से ,भारत हो विश्व गुरु हमारा ।
त्रता संग्राम|सिपाही विद्रोह]] को माना जाता है। स्वाधीनता के लिए हजारों लोगो ने जान की बली दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 कांग्रेस अधिवेशन में अंग्रेजो से पूर्ण स्वराज की मांग की थी।
भारत का विभाजन
भारत के पहले राज्य
भारत के पहले पदाधिकारी
- प्रधानमंत्री, विदेश सम्बन्ध, राष्ट्रमंडल सम्बन्ध, वैज्ञानिक शोध मंत्री - जवाहरलाल नेहरू
- राष्ट्रपति - राजेन्द्र प्रसाद
- कानून एवं न्याय मंत्री - भीमराव आम्बेडकर
- मंत्री - गोपाल स्वामी अय्यंगर
- शिक्षा मंत्री - अबुल कलाम आज़ाद
- वाणिज्य मंत्री - कुंवरजी होरमुसजी भाभा
- वित्त मंत्री - आर. के. शन्मुखम चेट्टी
- खाद्य और कृषी मंत्री - जयराम दास दौलताराम
- कार्य, खादान और उर्जा मंत्री - नाहर विष्णु गाडगील
- स्वास्थ मंत्री - राजकुमारी अमृत कौर
- संचार मंत्री - रफी अहमद कीडवाई
- रेल और यातायात मंत्री - जॉन मथाई
- उधोग और आपूर्ती मंत्री - श्यामाप्रसाद मुखर्जी
- रेफ्यूजी और बहाली मंत्री - क्षीतीज चंद्र नीयोगी
- गृह, सुचना और प्रसारण, राज्य और उप-प्रधानमंत्री - वल्लभभाई पटेल
- श्रम मंत्री - जगजीवन राम
- रक्षा मंत्री - बलदेव सिंह
कविता बलिदान का रंग
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा मोबाइल नंबर 9467520190 आओ तुम्हें सुनाए हम ,बलिदान की कहानी । भारत के वीरों की है यह अमर कहानी , भारत की है जुबानी ----------।
बलिदान के र॔ग की रग॔त है बड़ी भारी । ईमान का रंग भरा है , लगती प्राणों की बाजी । धर्म युद्ध की नीति है, दानवता पर है भारी। राख की ढेर हुई हिंसा, रीत सदा है पुरानी । भारत की जुबानी- -------------।
भारत का इतिहास मैं फिर से दोहराती हूँ ।, त्रेता युग की बात बताएँ, सोने की एक लंका भारत के बन्दर -भालू की बनी एक जल सेना । सौ योजन पार किया सागर , पहुँचे वो लंका ।
अधर्मी होकर जो टकराया, मिटा दिया है पल में चुन-चुन कर मार गिराया, फूंक दी सोने की लंका। धर्म बचा कर किया सुरक्षित, भारत ने निभाई मित्रता । बलिदान की रगंत है बड़ी भारी , भारत की जुबानी ।
निर्मला सीता रमन है भारत की नारी , शैतानों ने जब -जब नारी को ललकारा । दुर्गा बन असूरों का संहार किया , सुर को उभारा । वायुयान की सेना ने शत्रु को मौत के घाट उतारा । , शैतानों को घुस कर मारा ,बची मानवता हमारी । पाक पर परचम फहराए, यह नीति ना हमारी । आंतक का हो सफाया, प्रण है यह हमारा । सद्भावना की ताकत से ,भारत हो विश्व गुरु हमारा ।