"ओम पर्वत": अवतरणों में अंतर
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==ओम पर्वत और आदि कैलाश== |
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ओम पर्वत को आदि कैलाश भी कहा जाता है।<ref name=PW1>[http://www.peakware.com/peaks.html?pk=4370 Peakware - Om Parvat]</ref> भारत से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्री लिपुलेख दर्रे के नीचे बने शिविर से इस पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। कई यात्री ओम पर्वते के दर्शन के लिए नाभिधांग कैंप का रास्ता पकड़ते हैं।<ref name=AN1>[http://www.asianews.network/content/editorial-borderline-blues-2763 AsiaNews - Borderline blues]</ref> <ref name=LK1>[http://www.moran-mountain.co.uk/moran-mountaineering/kailash-expedition-reports.htm Moran-Mountain.co.uk Little Kailash expedition 2012]</ref><ref name=PW1/> |
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==पर्वतारोहण के प्रयास== |
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कई पर्वतारोहियों के दल इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने का प्रयास कर चुके हैं। इस संबन्ध में सबसे पहला ब्रिटिश और भारतीय पर्वतारोहियों के संयुक्त दल ने किया था। दल ने इस पर्वत की धार्मिक मान्यता का सम्मान करते हुए शिखर से 30 फीट पहले ही रुक जाने का फैसला किया था लेकिन मौसम खराब हो जाने की वजह से इस दल को चोटी से 660 पहले ही लौट आना पड़ा।<ref>{{cite web|url=https://www.patrika.com/news/pilgrimage-trips/om-mountain-where-nature-recites-hindu-mantra-om-chanting-1057977 |title=कई पर्वतारोहियों ने इसे फतह करने का किया प्रयास|publisher=patrika.com|date=24 जून 2015 |accessdate=22 नवंबर 2017}}</ref>8 अक्टूबर 2008 को एक दूसरे दल ने इस पर्वत के शिखर पर चढ़ने का प्रयास किया और शिखर के प्रति सम्मान दिखाते हुए ये दल चोटी से कुछ मीटर पहले ही लौट आया। |
कई पर्वतारोहियों के दल इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने का प्रयास कर चुके हैं। इस संबन्ध में सबसे पहला ब्रिटिश और भारतीय पर्वतारोहियों के संयुक्त दल ने किया था। दल ने इस पर्वत की धार्मिक मान्यता का सम्मान करते हुए शिखर से 30 फीट पहले ही रुक जाने का फैसला किया था लेकिन मौसम खराब हो जाने की वजह से इस दल को चोटी से 660 पहले ही लौट आना पड़ा।<ref>{{cite web|url=https://www.patrika.com/news/pilgrimage-trips/om-mountain-where-nature-recites-hindu-mantra-om-chanting-1057977 |title=कई पर्वतारोहियों ने इसे फतह करने का किया प्रयास|publisher=patrika.com|date=24 जून 2015 |accessdate=22 नवंबर 2017}}</ref>8 अक्टूबर 2008 को एक दूसरे दल ने इस पर्वत के शिखर पर चढ़ने का प्रयास किया और शिखर के प्रति सम्मान दिखाते हुए ये दल चोटी से कुछ मीटर पहले ही लौट आया। |
03:53, 22 नवम्बर 2017 का अवतरण
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ओम पर्वत | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 6,191 मी॰ (20,312 फीट) |
निर्देशांक | 30°12′00″N 81°15′00″E / 30.2000°N 81.2500°Eनिर्देशांक: 30°12′00″N 81°15′00″E / 30.2000°N 81.2500°E |
भूगोल | |
स्थान | धारचुला, नेपाल पिथौरागढ़ जिला, उत्तराखंड, भारत |
मातृ श्रेणी | हिमालय |
ओम पर्वत, 6191 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पहाड़ों में से एक है। इस पहाड़ को लिटिल कैलाश, आदि कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है। ये स्थान भारतीय - तिब्बत सीमा के पास में स्थित है जो एक शानदार दृश्य प्रदान करता है। यहाँ आने वाले यात्री इस स्थान से अन्नपूर्णा की विशाल चोटियों को भी देख सकते हैं।यह स्थान धारचूला के निकट है।[1]
महात्म्य
इस पहाड़ पर बर्फ के बीच 'ओम' या 'ऊँ' शब्द का आकार दिखता। इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिमालय पर कुल 8 प्राकृतिक ओम की आकृतियां बनी हुई हैं। इनमें से अबतक केवल ओम पर्वत की ही आकृति के बारे में पता चल सका है।[2]ये चोटी हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्म में भी विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस पर्वत के दूसरी तरफ पार्वती मुहर नाम का एक पहाड़ है जो इसी नाम के एक दर्रे से जुड़ा हुआ है। ओम् पर्वत को लेकर भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद है। दोनों देश इस पर्वत के पास सीमा रेखा को लेकर सहमत नहीं है। पर पहाड़ पर 'ऊँ' भारत की ओर दिखता है जबकि इसका पृष्ठ भाग नेपाल की ओर पड़ता है।
ओम पर्वत और आदि कैलाश
ओम पर्वत को आदि कैलाश भी कहा जाता है।[3] भारत से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्री लिपुलेख दर्रे के नीचे बने शिविर से इस पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। कई यात्री ओम पर्वते के दर्शन के लिए नाभिधांग कैंप का रास्ता पकड़ते हैं।[4] [5][3]
पर्वतारोहण के प्रयास
कई पर्वतारोहियों के दल इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने का प्रयास कर चुके हैं। इस संबन्ध में सबसे पहला ब्रिटिश और भारतीय पर्वतारोहियों के संयुक्त दल ने किया था। दल ने इस पर्वत की धार्मिक मान्यता का सम्मान करते हुए शिखर से 30 फीट पहले ही रुक जाने का फैसला किया था लेकिन मौसम खराब हो जाने की वजह से इस दल को चोटी से 660 पहले ही लौट आना पड़ा।[6]8 अक्टूबर 2008 को एक दूसरे दल ने इस पर्वत के शिखर पर चढ़ने का प्रयास किया और शिखर के प्रति सम्मान दिखाते हुए ये दल चोटी से कुछ मीटर पहले ही लौट आया।
कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग
धारचुला के रास्ते कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ-यात्रियों को रास्ते में ओम पर्वत के दर्शन होते हैं।
संदर्भ
- ↑ American Alpine Journal, 2003, pp. 365-366. Available at AAJ Online (PDF) Archived 27 सितंबर 2007 at the वेबैक मशीन
- ↑ "इस पर्वत पर माना जाता है शिव का वास". bhaskar.com. 26 दिसंबर 2017. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ अ आ Peakware - Om Parvat
- ↑ AsiaNews - Borderline blues
- ↑ Moran-Mountain.co.uk Little Kailash expedition 2012
- ↑ "कई पर्वतारोहियों ने इसे फतह करने का किया प्रयास". patrika.com. 24 जून 2015. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.