"गुदा मैथुन": अवतरणों में अंतर

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'''नोट:''' ''इस लेख में महिला से गुदा मैथुन करता एडवर्ड हेनरी ऐव्रिल(Édouard-Henri Avril) का केवल एक ही चित्र लगाया गया हैं। यदि आपको लगता है कि यह चित्र जानकारी न देकर अश्लीलता का प्रदर्शन कर रहा है तो इस बारे में [[विकिपीडिया:चौपाल|चौपाल]] पर अपनी टिप्पणी दें यहाँ नहीं, धन्यवाद।''
[[File:Anal Intercourse Artwork.jpg|thumb|महिला से गुदा मैथुन करते पुरुष का एक चित्र]]
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[[File:Édouard-Henri Avril (18).jpg|thumb|महिला से गुदा मैथुन करता एडवर्ड हेनरी ऐव्रिल(Édouard-Henri Avril) का एक चित्र]]
'''गुदा मैथुन''' एक प्रकार का [[मैथुन]] ही है। इस प्रकार के मैथुन में [[शिश्न]], उँगली, [[डिल्डो]] या अन्य किसी वस्तु को [[योनि]] की बजाय गुदा में प्रविष्ट किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाय तो [[गुदा]] मे लिंग डालकर [[संभोग|सम्भोग]] करने की प्रक्रिया को ही गुदा मैथुन कहते हैं।
'''गुदा मैथुन''' एक प्रकार का [[मैथुन]] ही है। इस प्रकार के मैथुन में [[शिश्न]], उँगली, [[डिल्डो]] या अन्य किसी वस्तु को [[योनि]] की बजाय गुदा में प्रविष्ट किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाय तो [[गुदा]] मे लिंग डालकर [[संभोग|सम्भोग]] करने की प्रक्रिया को ही गुदा मैथुन कहते हैं।


गुदा मैथुन के विभिन्न प्रकार हैं मसलन गुदा का मौखिक उकसाव, उकसाव के लिए उँगलियों अथवा अन्य वस्तुओं का उपयोग। सर्वप्रथम तो गुदा शरीर का ही एक भाग है जो कसा हुआ होता है और स्त्री योनि की भाँति स्वत: चिकना नहीं हो सकता। इसलिए इस अंग में कुछ भी प्रवेश कराते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इस अंग की भीतरी दीवारों को कोई क्षति न पहुँचे क्योंकि गुदा का मुख्य कार्य मल त्याग करना है मैथुन करना या करवाना नहीं।
गुदा मैथुन के विभिन्न प्रकार हैं मसलन गुदा का मौखिक उकसाव, उकसाव के लिए उँगलियों अथवा अन्य वस्तुओं का उपयोग। सर्वप्रथम तो गुदा शरीर का ही एक भाग है जो कसा हुआ होता है और स्त्री योनि की भाँति स्वत: चिकना नहीं हो सकता। इसलिए इस अंग में कुछ भी प्रवेश कराते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इस अंग कि भीतरी दीवारों को कोई क्षति न पहुँचे क्योंकि गुदा का मुख्य कार्य मल त्याग करना है मैथुन करना या करवाना नहीं।


इस प्रकार के मैथुन से पुरुषों को आनन्द प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) के उकसाव से आता है जो गुदा के अत्यधिक निकट पाया जाता है। जबकि स्त्रियों को आनन्द इसलिये आता है क्योंकि गुदा पर बहुत सी तन्त्रिकाओं की समाप्ति होती है।
इस प्रकार के मैथुन से पुरुषों को आनन्द प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) के उकसाव से आता है जो गुदा के अत्यधिक निकट पाया जाता है। जबकि स्त्रियों को आनन्द इसलिये आता है क्योंकि गुदा पर बहुत सी तन्त्रिकाओं की समाप्ति होती है।


भारतीय शास्त्रों में कामसूत्र के जनक [[वात्स्यायन]] ने इसे भी सम्भोग का एक प्रकार बताया है। इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ [[कुरान]] में स्त्रियों की माहवारी (रजस्वला होने) के चार या पाँच दिनों में गुदा मैथुन से पुरुषों की काम वासना की पूर्ति को जायज ठहराया गया है।
भारतीय शास्त्रों में कामसूत्र के जनक [[वात्स्यायन]] ने इसे भी सम्भोग का एक प्रकार बताया है। इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ [[कुरान]] में स्त्रियों की माहवारी (रजस्वला होने) के चार या पाँच दिनों में गुदा मैथुन से पुरुषों की काम वासना की पूर्ति को जायज ठहराया गया है।

==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
* [http://www.brandbharat.com/hindi/women/sexual_health_3.html क्या गुदापरक सम्भोग से कोई लड़की गर्भवती हो सकती है?]
* [http://www.brandbharat.com/hindi/women/sexual_health_3.html क्या गुदापरक सम्भोग से कोई लड़की गर्भवती हो सकती है?]

13:02, 12 सितंबर 2012 का अवतरण

महिला से गुदा मैथुन करते पुरुष का एक चित्र

गुदा मैथुन एक प्रकार का मैथुन ही है। इस प्रकार के मैथुन में शिश्न, उँगली, डिल्डो या अन्य किसी वस्तु को योनि की बजाय गुदा में प्रविष्ट किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाय तो गुदा मे लिंग डालकर सम्भोग करने की प्रक्रिया को ही गुदा मैथुन कहते हैं।

गुदा मैथुन के विभिन्न प्रकार हैं मसलन गुदा का मौखिक उकसाव, उकसाव के लिए उँगलियों अथवा अन्य वस्तुओं का उपयोग। सर्वप्रथम तो गुदा शरीर का ही एक भाग है जो कसा हुआ होता है और स्त्री योनि की भाँति स्वत: चिकना नहीं हो सकता। इसलिए इस अंग में कुछ भी प्रवेश कराते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इस अंग कि भीतरी दीवारों को कोई क्षति न पहुँचे क्योंकि गुदा का मुख्य कार्य मल त्याग करना है मैथुन करना या करवाना नहीं।

इस प्रकार के मैथुन से पुरुषों को आनन्द प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) के उकसाव से आता है जो गुदा के अत्यधिक निकट पाया जाता है। जबकि स्त्रियों को आनन्द इसलिये आता है क्योंकि गुदा पर बहुत सी तन्त्रिकाओं की समाप्ति होती है।

भारतीय शास्त्रों में कामसूत्र के जनक वात्स्यायन ने इसे भी सम्भोग का एक प्रकार बताया है। इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरान में स्त्रियों की माहवारी (रजस्वला होने) के चार या पाँच दिनों में गुदा मैथुन से पुरुषों की काम वासना की पूर्ति को जायज ठहराया गया है।

बाहरी कड़ियाँ