"बॉक्सर विद्रोह": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो r2.7.1) (Robot: Adding oc:Revòuta dei Boxers
छो r2.7.2) (Robot: Adding war:Rebelyon Boxer
पंक्ति 64: पंक्ति 64:
[[uk:Боксерське повстання]]
[[uk:Боксерське повстання]]
[[vi:Phong trào Nghĩa Hòa Đoàn]]
[[vi:Phong trào Nghĩa Hòa Đoàn]]
[[war:Rebelyon Boxer]]
[[zh:义和团运动]]
[[zh:义和团运动]]
[[zh-min-nan:Gī-hô-thoân]]
[[zh-min-nan:Gī-hô-thoân]]

03:09, 3 जून 2012 का अवतरण

तियानजिन में बॉक्सर विद्रोहियों का दस्ता
आठ-राष्ट्रिय गुट के नुमाइंदे - (बाएँ से) ब्रिटिश, अमेरिकी, रूसी, ब्रिटिश भारतीय, जर्मन, फ़्रांसिसी, ऑस्ट्रो-हंगेरियाई, इतालवी, जापानी
सर क़लम कर के विद्रोहियों को सज़ा

बॉक्सर विद्रोह या मुक़्क़ेबाज़ विद्रोह चीन में सन् 1898 से 1901 तक चलने वाला यूरोपियाई साम्राज्यवाद और इसाई धर्म के फैलाव के विरुद्ध एक हिन्सक आन्दोलन था। इसका नेतृत्व एक "धार्मिक समस्वर संघ" (चीनी:義和團, यीहेतुआन) नाम के संगठन ने किया था, जिन्हें "धार्मिक और समस्वरीय मुक़्क़ों का संघ" भी कहा जाता था। मुक़्क़ेबाज़ को अंग्रेज़ी में "बॉक्सर" (boxer) कहते हैं इसलिए विद्रोहियों को यही बुलाया जाने लगा।

विद्रोह

इस विद्रोह से पहले, यूरोप के देशों ने चीन को प्रभाव क्षेत्रों में बाँट लिया था जहाँ वे अपनी धौंस जमाते थे। बाहरी प्रचारकों ने कुछ चीनियों को इसाई भी बना लिया था और समाज में यह इलज़ाम उठ रहे थे के चीन की अपनी संस्कृति भ्रष्ट करने के साथ-साथ किसानों से उनकी सम्पति छीनने में भी इसाई गिरजे अग्रसर हैं। चीन के साथ व्यापर में यूरोप के लिए चीन से ख़रीदने वाली बहुत सी चीज़ें थीं लेकिन चीन यूरोप से बहुत कम चाहता था। केवल चीन की तरफ ही पैसा जाने से रोकने के लिए यूरोपीय ताक़तों ने चीनियों को अफ़ीम बेचना शुरू कर दिया और चीन की सरकार पर इस अफ़ीम के व्यापर को रोकने के लिए कोई भी क़दम उठाने पर पाबंदी लगा दी। बॉक्सर विद्रोही इस से भी नाराज़ थे।

सन् 1900 के जून के महीने में विद्रोहियों ने सारे विदेशियों को खदेड़कर बीजिंग के दूतावासी मोहल्ले में बंद कर दिया था। चीन की शाही सरकार पहले तो अलग बैठी रही लेकिन दरबार के कुछ दरबारियों के उकसाने पर उन्होंने विद्रोह का पक्ष ले लिया और विदेशी शक्तियों पर युद्ध का ऐलान कर दिया। 55 दिन तक विदेशी दुतावासी मोहल्ले में बंद रहे। चीनी सरकार कभी तो कहती के वह सारे विदेशियों को मार डालेगी और कभी कहती के वह विदेशियों के साथ शान्ति बहाल करना चाहती है।

विद्रोह का अंत

विदेशी ताक़तों ने इस विद्रोह को कुचलने के लिए एक आठ-राष्ट्रिय गुट बनाया जिसमें ऑस्ट्रिया-हंगरी, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे। यह गुट बाहर से 20,000 सिपाहियों की फ़ौज चीन ले आया और चीनी सरकार को हराकर उन्होंने बीजिंग पर क़ब्ज़ा कर लिया। 7 सितम्बर 1901 को उन्होने चीनी सरकार से एक संधि पर हस्ताक्षर करवाए जिसमें चीन पर 45 करोड़ पौंड का जुरमाना हुआ, उन्हें बहुत से चीनी फ़ौजी क़िले तोड़ने पड़े, चीन पर 2 साल तक बहार से कोई भी हथियार मंगवाने पर पाबंदी लगी, चीनी सरकार को औपचारिक रूप से कई विदेशी सरकारों से माफ़ी मांगनी पड़ी और कुछ अन्य दंड भी भुगतने पड़े।

बर्बरता की ख़बरें

बॉक्सर विद्रोहियों ने शुरू में बहुत से ईसाईयों को मारा। हज़ारों की संख्या में इसाई मारे गए, जिनमें से अधिकाँश कैथोलिक मत से सम्बन्ध रखते थे। जब विदेशी फ़ौजों ने चीनी क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा किया तो उन इलाकों से ख़ून-ख़राबे और बलात्कारों की बहुत सी ख़बरें आईं। यह कहा गया के जब जापानी सिपाहियों ने यूरोपियाई सिपाहियों को खुले-आम बलात्कार करते हुए देखा, वे हैरान रह गए।[1] माना जाता है के इस दौरान हज़ारों चीनी लड़कियों और औरतों के बचने के लिए आत्महत्या करी। डेली टेलीग्राफ़ के नुमाइंदे डॉक्टर ई॰जे॰ डिलन ने अपना आँखों देखा हाल बयान किया के उन्होंने सड़कों पर बलात्कार करके मारी गयी औरतों की बहुत-सी लाशें देखीं।[2][3] जार्ज लिन्च नाम के विदेशी पत्रकार ने कहा के "ऐसी चीजें हैं जो मुझे लिखनी नहीं चाहिए, और जिन्हें इंग्लैण्ड में छपने नहीं दिया जाएगा, जो यह दिखाती हैं के हमारी यह पश्चिमी सभ्यता जंगलीपन पर सिर्फ़ एक हल्का सा पर्दा है।"[4]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Patricia Ebrey, Anne Walthall, James Palais (2008). East Asia: A Cultural, Social, and Political History. Cengage Learning. पृ॰ 301. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0547005342.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  2. Diana Preston (2000). The boxer rebellion: the dramatic story of China's war on foreigners that shook the world in the summer of 1900. Bloomsbury Publishing USA. पृ॰ 284. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0802713610.
  3. Joanna Waley-Cohen (2000). The Sextants of Beijing: Global Currents in Chinese History. W. W. Norton & Company. पृ॰ 201. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0393320510.
  4. Diana Preston (2000). The boxer rebellion: the dramatic story of China's war on foreigners that shook the world in the summer of 1900. Bloomsbury Publishing USA. पृ॰ 285. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0802713610.