"सिलाई मशीन": अवतरणों में अंतर
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17:49, 30 जुलाई 2011 का अवतरण
सिलाई मशीन एक ऐसा यांत्रिक उपकरण है जो किसी वस्त्र या अन्य चीज को परस्पर एक धागे या तार से सिलने के काम आती है। इनका आविष्कार प्रथम औद्योगिक क्रांति के समय में हुआ था। सिलाई मशीनों से पहनने के सुंदर कपड़े छोटे-बड़े बैग, चादरें, पतली या मोटी रजाइयां सिली जाती हैं। सुंदर से सुंदर कढ़ाई की जाती है और इसी तरह बहुत कुछ किया जा सकता है।
इतिहास
कार्य करने वाली प्रथम सिलाई की मशीन का आविष्कार करने का श्रेय प्रायः एक अंग्रेज थॉमस सेंट (१७९०) को जाता है। उसने ही सबसे पहले सिलाई मशीन की डिजाइन का पेटेन्ट प्राप्त किया। उसकी मशीन चमड़े एवं किरमिच (कानवास) की सिलाई के निमित्त डिजाइन की गयी थी किन्तु इसका कार्यकारी मोडल कभी नहीं बना।
भारत में आज से 65 वर्ष पहले यानी 1935 में कोलकाता (कलकत्ता) के एक कारखाने में उषा नाम की पहली सिलाई मशीन बनी। मशीन के सारे पुर्जें भारत में ही बनाए गए थे। अब तो भारत में तरह-तरह की सिलाई मशीनें बनती हैं। उन्हें विदेशों में भी बेचा जाता है।
सिलाई मशीन के प्रकार
इंसान की जरूरतें बढ़ती गईं। इसके साथ सुंदर और सुडौल दिखने की चाह भी बढ़ती गई। सुंदर दिखने के लिए सुंदर आकर्षक पहनावे पर ध्यान दिया जाने लगा। इस तरह सिलाई मशीनों पर नए-नए काम करने की खोज होती रही। नए-नए डिजाइन बनने लगे। अब सिलाई मशीनें वह तमाम काम कर सकती हैं जो हम सोच भी नहीं सकते थे। सिलाई मशीनें हाथ, पैर या मोटर से चलती हैं।
सिलाई कैसे होती है?
विभिन्न भाग
इन्हें भी देखें
- घरेलू उपकरण (Home appliance)
- सिलाई