रक्षी रिले
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रक्षी रिले (protective relay) एक विद्युतचुम्बकीय युक्ति है जिसमे एक से अधिक क्वायलें होती हैं। इसकी डिजाइन इस प्रकार की गई होती है कि विद्युत प्रणाली के धारा, वोल्टता, शक्ति आदि के मान में विसंगति दिखते ही ये परिपथ विच्छेदक को ट्रिप कर देती हैं। आजकल विद्युतचुम्बकीय रिले के अलावा ठोस-अवस्था रिले तथा 'आंकिक रिले' (न्युमेरिकल रिले) आदि का भी उपयोग होने लगा है।
इतिहास
[संपादित करें]रक्षी रिले का इतिहास विद्युत्चुम्बकीय रिले से आरम्भ होता है। प्रौद्योगिकी के विकास के साथ ठोस-अवस्था रिले प्रचलन में आये। अब माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर आधारित रिले लोकप्रिय हो गये हैं।
- १९०० से १९६३ - विद्युतचुम्बकीय रिले
- १९६३ - १०७२ - स्टैटिक रिले
- १९७२ - १९८० - डिजिटल रिले
- १९८० - १९९० - न्युमेरिकल रिले
प्रकार
[संपादित करें]संरचना के आधार पर
[संपादित करें]- विद्युतचुम्बकीय रक्षी रिले
- attracted armature
- moving coil
- induction
- motor operated
- mechanical
- thermal
- Induction disc overcurrent relay
- Static
- Digital
- Numerical
कार्य के आधार पर
[संपादित करें]- Over current relay
- Distance relay
- Current differential protection
- Directional relay
- Synchronism check
वैशिष्ट्य (कैरेक्तरिस्टिक्स) के आधार पर
[संपादित करें]- Definite time Relays.
- Inverse definite minimum time Relays (IDMT)
- Instantaneous Relays
- IDMT with Instantaneous.
- Stepped Characteristic
- Programmed Switches
- Voltage restraint over current relay
लॉजिक के आधार पर
[संपादित करें]- Based on logic:
- Differential
- Unbalance
- Neutral Displacement
- Directional
- Restricted Earth Fault
- Over Fluxing
- Distance Schemes
- Bus bar Protection
- Reverse Power Relays
- Loss of excitation
- Negative Phase Sequence Relays etc.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- रिले
- विद्युत स्विचगीयर
- परिपथ विच्छेदक (सर्किट ब्रेकर)
- अंकीय रक्षी रिले
बाहरी कड़ियाँ
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