रंगपुर विद्रोह
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रंगपुर विद्रोह बंगाल में कृषक विद्रोह में एक महत्वपूर्ण विद्रोह था। यह विद्रोह 1783 ईस्वी में हुआ। यह रंगपुर, दिनाजपुर और कूचबिहार में हुआ। हिंदू और मुस्लिम किसानों ने यह विद्रोह अत्याचारी इजरादार देवी सिंह के विरोध किया था। इजरादार एक निश्चित राजस्व पर भूमि कंपनी से ले लेता था। और किसानों से मनमानी भूमि राजस्व की वसूली करता था। इजरादार द्वारा नियुक्त टैक्स वसूल करने वाले किसानों पर घोर अत्याचार करते थे। जब देवी सिंह का अत्याचार सारी सीमाओं को पार कर गया तो रंगपुर के किसान उसके विरुद्ध विद्रोह कर दियें। अंग्रेजों ने अपने सैनिकों के बल पर इस विद्रोह का दमन किया। इस विद्रोह का नेतृत्व वीरजी नारायण ने किया। किसान पटग्राम नामक गांव के समीप अंग्रेजों से बुरी तरह से पराजित हो गए[1][2]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
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- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 22 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2020.
- ↑ www.opennaukri.com पर पढ़ें[मृत कड़ियाँ]