मेरे महबूब
मेरे महबूब | |
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मेरे महबूब का पोस्टर | |
निर्देशक | एच॰ एस॰ रवैल |
लेखक | विनोद कुमार (संवाद) |
निर्माता | एच॰ एस॰ रवैल |
अभिनेता |
राजेन्द्र कुमार, साधना, अशोक कुमार, निम्मी, अमीता, जॉनी वॉकर, |
संगीतकार | नौशाद |
प्रदर्शन तिथि |
14-April 1963, |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
मेरे महबूब 1963 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन एच॰ एस॰ रवैल ने किया है और इसमें राजेन्द्र कुमार, साधना, अशोक कुमार, निम्मी, प्राण, जॉनी वॉकर और अमीता हैं। यह फिल्म एक बड़ी हिट बनी और 1963 में बॉक्स ऑफिस पर नंबर एक स्थान पर रही।[1] यह एक मुस्लिम सामाजिक फिल्म है और इसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और पारंपरिक लखनऊ से एक पृष्ठभूमि तैयार की है। प्रसिद्ध गीत "मेरे महबूब तुझे मेरी" को विश्वविद्यालय हॉल में फिल्माया गया था और एक-दो स्थानों पर, विश्वविद्यालय देखा जा सकता है।
संक्षेप
[संपादित करें]अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ते समय, अनवर हुसैन (राजेन्द्र कुमार) को एक बुर्के वाली महिला से प्यार हो जाता है और वह उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं पाता है। लखनऊ के रास्ते में, वे नवाब बुलंद अख्तर चंगेज़ी (अशोक कुमार) से मिलते हैं। कुछ दिनों बाद वो उनसे फिर मिलने जाते हैं ताकि उनके प्रभाव का उपयोग करके एक पत्रिका में अनवर के लिए संपादक की नौकरी हासिल की जा सकें।
नवाब तब अनवर से अपनी बहन, हुस्ना (साधना) को कुछ कविता सिखाने की कहता है। जिसके लिये वह सहमत हो जाता है और अंततः उसे पता चलता है कि वह ही वो बुर्के वाली महिला है। दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं और नवाब इस गठबंधन को सहमति दे देते हैं, भले ही अनवर गरीब जीवनशैली जी रहा है। औपचारिक सगाई समारोह होता है और जल्द ही शादी संपन्न होनी होती है। कर्ज में डूबे हुए नवाब को इस बात का एहसास नहीं है कि जल्द ही वह अनवर को एक वेश्या, नजमा की संगति में पाएंगे; और उन पर अमीर मुन्ने राजा से हुस्ना की शादी करने के लिए दबाव डाला जाएगा। वह नवाब की हवेली के साथ-साथ सामानों को नीलाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- राजेन्द्र कुमार — अनवर हुसैन
- साधना — हुस्ना बानो चंगेज़ी
- अशोक कुमार — नवाब बुलंद अख्तर चंगेज़ी
- निम्मी — नज्मा, अनवर की बहन
- अमीता — नसीम आरा
- प्राण — मुन्ने राजा
- जॉनी वॉकर — बिंदादिन रस्तोगी, अनवर का दोस्त
- मुमताज़ बेगम — मुन्ने की चाची
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत शकील बदायूँनी द्वारा लिखित; सारा संगीत नौशाद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "याद में तेरी जाग-जाग के" | मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेश्कर | 4:28 |
2. | "मेरे महबूब तुझे मेरी मोहब्बत" | मोहम्मद रफ़ी | 7:03 |
3. | "अल्लाह बचाये नौजवानों से" | लता मंगेशकर | 4:28 |
4. | "ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे" | मोहम्मद रफ़ी | 3:28 |
5. | "मेरे महबूब में क्या नहीं" | लता मंगेशकर, आशा भोंसले | 4:13 |
6. | "तुमसे इजहार-ए-हाल कर" | मोहम्मद रफ़ी | 3:28 |
7. | "जानेमन एक नजर देख ले" | लता मंगेशकर, आशा भोंसले | 3:39 |
8. | "तेरे प्यार में दिलदार" | लता मंगेशकर | 3:31 |
9. | "मेरे महबूब तुझे मेरी मोहब्बत" | लता मंगेशकर | 4:43 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1964 | जॉनी वॉकर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित |
अमीता | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
निम्मी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
नौशाद | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित | |
शकील बदायूँनी ("मेरे महबूब तुझे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
मोहम्मद रफ़ी ("मेरे महबूब तुझे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "पल्लू में नोटों का बंडल बांधकर डायरेक्टर के पास पहुंची थी ये एक्ट्रेस,जानें क्या था माजरा". दैनिक भास्कर. 14 मार्च 2018. मूल से 18 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 फरवरी 2019.