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मरकज़ी दारुल इफ्ता

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मरकज़ी दारुल इफ्ता की स्थापना ताजुश्शरिया अख्तर रज़ा खान कादरी ने अपने जीवन के दौरान 1990 में की थी।[1] जमीअतुर रज़ा के गठन के बाद, दारुल इफ्ता शैक्षणिक संस्थान के अंतर्गत आ गया और इसका अलग हिस्सा बन गया। यह बरेलवी मुसलमानों का एक ऑनलाइन फतवा विभाग है और 2003 से आधिकारिक तौर पर जमीअतुर रज़ा का विभाग है।[2] मरकजी दारुल इफ्ता हर पूर्व संध्या पर चांद दिखने की सूचना जारी करता है।[3]

वेबसाइट के रूप में गठन[संपादित करें]

ताजुश्शरिया अख्तर रजा खान कादरी द्वारा जमीअतुर रजा की स्थापना के तीन साल बाद, फतवा जारी करने का ऑनलाइन पोर्टल वर्ष 2003 से चल रहा है।यह 2003 से जमीअतुर रज़ा की आधिकारिक वेबसाइट पर चलना शुरू हुआ।

अधिकारियों ने प्रश्न प्राप्त करने और मामले पर अपने फतवे ऑनलाइन जारी करने के लिए इसे वेबसाइट पर आस्क पेज के रूप में शुरू किया।

प्रसिद्ध फ़तवा[संपादित करें]

  • मरकजी दारुल इफ्ता ने साल 2013 में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और शाहरुख खान के खिलाफ फतवा जारी किया था कि किसी एक्टर के नाम पर बच्चों का नाम रखना इस्लाम में जायज नहीं है और इसकी मनाही है।
  • 2009 में जब शाहरुख खान ने इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोला था तो मरकजी दारुल इफ्ता और मंज़र-ए-इस्लाम ने संयुक्त रूप से शाहरुख खान के खिलाफ काफिर होने का फतवा जारी किया था।
  • मरकजी दारुल इफ्ता ने बच्चे की सरोगेसी को लेकर शाहरुख खान और गौरी खान के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा कि यह गैर-इस्लामी है। मरकज़ ने कहा कि सरोगेसी हर किसी के लिए हराम है।
  • मुंबई में गणपति पूजा में शामिल होने पहुंचे सलमान खान के खिलाफ मरकजी दारुल इफ्ता ने फतवा जारी कर दिया। मरकज़ ने कहा कि दूसरे धर्मों के भगवान के पास जाना और उनसे दुआ करना कुफ्र है।
  • मरकजी दारुल इफ्ता ने वंदे मातरम गाने के खिलाफ फतवा जारी किया और इसे इस्लाम विरोधी बताया।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "वर्ष 1816 में अंग्रेजों के खिलाफ बरेली से जारी हुआ था फतवा". http://epaper.livehindustan.com/. अभिगमन तिथि 2023-09-09. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  2. "फतवाः पुरुषों का 'विग लगाना' और औरतों के इस मेक अप को बताया हराम | News in Hindi". zeenews.india.com. अभिगमन तिथि 2023-09-09.
  3. "रमजान के चाँद की शहादत के लिए दारुल इफ्ता ने की व्यवस्था, हेल्पलाइन नंबर जारी | helpline number issued from darul ifta for moon of Ramadan". Patrika News. 2019-05-05. अभिगमन तिथि 2023-09-09.