जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी
जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी | |
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जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी अब रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय | |
अन्य नाम | জোড়াসাঁকো ঠাকুরবাড়ি |
सामान्य विवरण | |
अवस्था | विश्वविद्यालय भवन |
पता | 6/4 द्वारकानाथ टैगोर लेन, जोड़ासांको, कोलकाता 700007 |
शहर | कोलकाता |
राष्ट्र | भारत |
जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी (बांग्ला: জোড়াসাঁকো ঠাকুরবাড়ি; ठाकुरों (या अंग्रेजी उच्चारण टैगोर) का घर), जोड़ासांको, उत्तरी कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत में, टैगोर परिवार का पुश्तैनी घर है। यह वर्तमान में 6/4 द्वारकानाथ टैगोर लेन[1], जोड़ासांको, कोलकाता 700007 में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय परिसर में स्थित है।[2] यह वह घर है जिसमें कवि और साहित्य के पहले गैर-यूरोपीय नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म हुआ था।[3] यह वह स्थान भी है जहाँ उन्होंने अपना अधिकांश बचपन बिताया और जहाँ 7 अगस्त 1941 को उनकी मृत्यु हुई।
इसे 18 वीं शताब्दी में बड़ाबाजार के प्रसिद्ध सेठ परिवार द्वारा 'राजकुमार' द्वारकानाथ टैगोर (रवींद्रनाथ टैगोर के दादा) को दान की गई भूमि पर बनाया गया था। यहाँ पर रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार, जीवन और कृतित्व से संबंधित 'टैगोर संग्रहालय' भी उपस्थित है।[4]
इसे 1785 ई. में बनाया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन और कार्यों को यहां कई स्तरों पर दर्ज किया गया है। यह 35,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है। वर्तमान में इस भवन में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय कार्यरत है। विश्वविद्यालय का उद्घाटन 8 मई 1962 को जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। परिसर में एक भवन है जिसे महर्षि भवन कहा जाता है। भवन का निर्माण रवींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर की याद में किया गया था। इस भवन के बाहर एक पट्टिका पर मार्मिक शब्द अंकित हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर ने यहां अंतिम सांस ली थी। अब एक संग्रहालय, इस भवन में तीन दीर्घाएँ उपस्थित हैं। परिवार की बहुत ही दुर्लभ तस्वीरें यहां की चित्रदीर्घा में प्रदर्शित हैं। साथ ही रवींद्रनाथ टैगोर के कवि बनने की पृष्ठभूमि भी प्रस्तुत की गई है। बेहद प्रतिभाशाली टैगोर परिवार ने दुनिया को कला और इतिहास में महान उपलब्धियां दी हैं। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को उनमें से सबसे महत्वपूर्ण के रूप में उल्लेख किया जा सकता है। उन्हें कवि गुरु कहा जाता है, यह दर्शाता है कि वे सभी कवियों के शिक्षक हैं। वह समकालीन कवियों, लेखकों और कला प्रेमियों के लिए एक महान प्रेरणा रहे हैं।
चित्र दीर्घा
[संपादित करें]-
जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी, अब रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय
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जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी द्वार रवींद्र सरानी पर।
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जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी द्वार चित्तरंजन एवेन्यू पर।
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जोड़ासांको हवेली का भीतरी बरामदा।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Rabindra Bharti Museum (Jorasanko Thakurbari),". मूल से 22 सितम्बर 2012 को पुरालेखित.
- ↑ "Tagore House (Jorasanko Thakurbari)".
- ↑ "Jorasanko Thakurbari". मूल से 21 नवम्बर 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवम्बर 2023.
- ↑ [1] Archived 11 नवम्बर 2013 at the वेबैक मशीन Rabindra Bharati Museum Kolkata