चौहरमल
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" चौहरमल " या " चुहरमल " या " वीर चौहरमल " एक लोक नायक थे, बहुजन समाज के वीर योद्धा, जो दुसाध(पासवान) जाति के सदस्य थे। चौहरमल भूमिहार जमींदार और दुसाध माता बिछिया रानी की नाजायज संतान थे। इनकी माता बिछिया रानी एक भूमिहार जमींदार के घर पर दासी थी वहीं बाबा चौहरमल का जन्म हुआ लेकिन भूमिहार जमींदार ने इन्हें अपने पुत्र के रूप में स्वीकार नहीं किया, जिसके कारण इन्होंने भूमिहारों के खिलाफ अभियान चलाया। भूमिहारों ने इनका सर कलम करवा दिया था। दलित समाज उन्हें अपना भगवान मानते हैं। यह दलित जाति के महान पुरुषों में से एक है। दुसाध लोककथाओं के भीतर चौहरमल की कहानी एक सशक्त संदेश है। जो दलित समुदाय को उच्च जाति पर जीत की भावना देती है। भेदभाव के खिलाफ युद्ध के दौरान चौहरमल मारे गए थे [1] [2]
चौहरमल | |
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Devnagari. | "चौहरमल" |
संबंध | गैर-ब्राह्मणवादी देवता। |
अस्त्र | हंसिया और खुरपी |
जीवनसाथी | अविवाहित |
सवारी | गधा |
- ↑ Narayan, Badri (2013), "Documenting Dissent", प्रकाशित Channa, Subhadra Mitra; Mencher, Joan P. (संपा॰), Life as a Dalit: Views from the Bottom on Caste in India, Sage Publications India, पृ॰ 317,319,326,328,329,330, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8-13211-777-3
- ↑ Roy Choudhury, Pranab Chandra (1976). Folklore of Bihar. India: National Book Trust(Original from the University of Michigan). पपृ॰ 108, 109. अभिगमन तिथि 2020-09-19.