कालिंदी पर्वत
कालिंदी पर्वत | |
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कालिंदी पर्वत | |
उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 6,102 मी॰ (20,020 फीट) [1] |
उदग्रता | 133 मी॰ (436 फीट) [2] |
निर्देशांक | 30°55′20″N 79°16′48″E / 30.92222°N 79.28000°Eनिर्देशांक: 30°55′20″N 79°16′48″E / 30.92222°N 79.28000°E |
भूगोल | |
स्थान | उत्तराखंड, भारत |
मातृ श्रेणी | गढ़वाल हिमालय |
आरोहण | |
प्रथम आरोहण | 20 जुलाई 1931 को फ्रैंक स्माइथ और एरिक शिप्टन |
कालिंदी पर्वत भारत के उत्तराखंड राज्य में गढ़वाल हिमालय का एक पर्वत है। कालिंदी पर्वत की ऊंचाई 6,102 मीटर (20,020 फीट) है। यह उसके निकटतम पर्वत एवलान्च पर्वत (भारत) से 1.1 किमी उत्तर में स्थित है, जो कि 6,196 मीटर (20,328 फीट) की उच्चता लेकर इसके निकटतम उच्च पड़ोसी है। माना पर्वत II 6,771 मीटर (22,215 फीट) इसके 4.2 किमी उत्तर उत्तर पश्चिम में स्थित है और यह चंद्र पर्वत I 6,739 मीटर (22,110 फीट) के 6.1 किमी उत्तर उत्तर पूर्व में स्थित है। [3]
इतिहास
[संपादित करें]कालिंदी पर्वत पर पहली बार 20 जुलाई 1931 को फ्रैंक स्माइथ और एरिक शिप्टन द्वारा चढ़ाई कि गई थी। यह घटना उस समय की है जब यह दल माना बद्रीनाथ की ओर से अरवा घाटी के अज्ञात क्षेत्र से होते हुए टिहरी-गढ़वाल में ग्रेट हिमालयन वाटरशेड के क्रॉसिंग को स्थापित करने की कोशिश करते समय हुऐ। [4] 1 अगस्त 1947 को, आंद्रे रोच के नेतृत्व में एक स्विस टीम ने उत्तर पश्चिम सिरे के द्वारा कालिंदी चोटी पर दूसरी बार चढ़ाई की। इस दल के अन्य सदस्य ममे एनालिस लोहनेर, रेने डिटर्ट, अल्फ्रेड सटर और अलेक्जेंडर ग्रेवेन। [5] तीसरी चढ़ाई 15 जुलाई 1971 को बिभास दास, बिजेंद्र सिंह नेगी, प्रशिक्षक उजागर सिंह और रतन सिंह द्वारा की गई। वे 5:45 बजे शुरू होते हैं और नौ बजे कालिंदी के शिखर पर पहुंच जाते हैं। इसका आखरि 500 फीट चट्टानी था। [6]
पड़ोसी और सहायक चोटियाँ
[संपादित करें]कालिंदी की पड़ोसी या सहायक चोटियाँ:
- चंद्र पर्वत I 6,739 मीटर (22,110 फीट)30°52′19″N 79°15′25″E
- माना पर्वत II 6,771 मीटर (22,215 फीट)30°57′05″N 79°15′15″E
- एवलान्च पर्वत (भारत) 6,196 मीटर (20,328 फीट)30°50′39″N 79°24′30″E
ग्लेशियर और नदियाँ
[संपादित करें]कालिंदी अरवा घाटी और गंगोत्री के वाटरशेड में पड़ता है, इसके पश्चिमी तरफ चतुरंगी ग्लेशियर और पूर्वी तरफ अरवा ग्लेशियर है। चतुरंगी ग्लेशियर जो वहां से गंगोत्री ग्लेशियर कि ओर बहता है, जिस में से आगे जाकर भागीरथी नदी निकलती है जो गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है। दूसरी ओर, अरवा ग्लेशियर से अरवा नाला निकल कर सरस्वती नदी में खुद को मिलता है जो बाद में अलकनंदा नदी में मिल कर गंगा नदी की दो मुख्य सहायक नदियों में से एक बन जाती है यह बाद में देवप्रयाग में भागीरथी नदी में मिलती है और उसके बाद गंगा बन जाती है। [7]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ http://www.alpine-club.org.uk/hi/screen2c_2.php?s=40&np=10&ri=&cond=%20regnumber=47%20or%20regnumber=48&sig=aab5354ecf13c72c7d7e55f98d8fb086
- ↑ "Kalindi Peak".
- ↑ "Kalindi Peak".
- ↑ "The Himalayan Journals".
- ↑ "AAC Publications - Asia, Swiss in Garhwal".
- ↑ "AAC Publications - Asia, India—Himachal Pradesh, Kalindi".
- ↑ "Devprayag | Times of India Travel". timesofindia.indiatimes.com. अभिगमन तिथि 22 May 2020.