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हविर्भू कर्दम ऋषि एवं देवहूति की चतुर्थ कन्या थी। हविर्भू का विवाह पुलस्त्य ऋषि के साथ हुआ था। पुलस्त्य और हविर्भू से अगस्त्य और विश्रवा का जन्म हुआ।
विश्रवा की दूसरी पत्नी केसिनी के गर्भ से रावण, कुम्भकर्ण तथा विभीषण उत्पन्न हुये।