स्वेद-ग्रन्थि
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स्वेद ग्रन्थि स्तनधारियों के त्वचा में स्थित होते हैं। यह छिद्र द्वारा बाहर खुलती है। इसका कुंडलित भाग पसीना या स्वेद स्त्रावित करता है जिसमें जल, लवण एवं नाइट्रोजन युक्त वर्ज्य पदार्थ रहते हैं। यह शरीर में जल तथा लवण का संतुलन बनाने में सहायता करता है।
पसीना हमारे शरीर में मौजूद पसीने की ग्रंथियों से निकलता है।[1] इन्हें एक्राइन स्वेद-ग्रन्थि/पसीना ग्रंथि (Eccrine Sweat Glands) कहते हैं। इंसान के शरीर पर 20 लाख से 40 लाख तक पसीने की ग्रंथियां होती है। ये ग्रंथियां पैर के तलवों , हथेली , मस्तक , गाल और काँख Armpit में सबसे ज्यादा होती है। इसलिए इन जगहों पर स्वेटिंग ज्यादा होती है। पसीने में 99 % पानी और थोड़ी मात्रा में नमक , प्रोटीन और यूरिया होते है। पसीना गंध रहित पानी होता है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "मुश्किल नहीं है तन की दुर्गंध से पार पाना". मूल से 21 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अगस्त 2017.