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सोलर प्रोब प्लस

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नासा के सोलर प्रोब+ का कलाकार द्वारा चित्र

सोलर प्रोब प्लस नासा द्वारा सूर्य के कोरोना व सौर वायु का रहस्य जानने के लिए भेजा गया एक अंतरिक्ष यान है। यह यान मूलतः वर्ष २०१५ में भेजा जाना प्रस्तावित था, परन्तु कई देरियों के बाद अंततः इसे १२ अगस्त २०१८ को अंतरिक्ष में भेज दिया गया। इस यान का नाम फिजिसिस्‍ट यूजीन न्‍यूमैन पार्कर के नाम पर रखा गया है। इन्‍होंने तारों द्वारा ऊर्जा संचारित करने के कई अवधारणाएं पेश की थीं। नासा के इस यान का नाम पहली बार किसी जीवित वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है। सोलर प्रोब प्लस सूर्य के काफी निकट तक पहुँचेगा और इसका डिजाइन व निर्माण कार्य अनुभवी एप्लाइड फिजिक्स लैब (एपीएल) द्वारा किया जाएगा। इस अभियान को भेजे जाने में सात वर्ष का समय लग जाएगा। ये यान सूर्य के काफी निकट पहुँचकर लगभग ७० लाख कि॰मी॰ दूरी पर रहकर अपना कार्य करेगा। सूर्य के कोरोनासौर वायु के बारे में इससे काफी तथ्य उजागर होने की संभावनाएँ हैं। नासा का यह अभियान एरीज के वैज्ञानिकों द्वारा सूर्य पर किए जा रहे अध्ययन में भी लाभकारी सिद्ध होगा।[1]

वैज्ञानिक लक्ष्य

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  • सौर हवा के स्रोतों पर चुंबकीय क्षेत्र की संरचना और गतिशीलता को निर्धारित करना।
  • उस उर्जा का प्रवाह ट्रेस करना जो कोरोना को ताप देता है और सौर हवा को गति देता है।[2]
  • निर्धारित करना कि कौनसे तंत्र ऊर्जाशील कणों को गति और परिवहन प्रदान करते हैं।
  • सूर्य के निकट धुंधला प्लाज्मा और सौर हवा और ऊर्जावान कण गठन पर इसके प्रभाव का पता लगाना।

सन्दर्भ

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  1. सोलर प्रोब प्लस मिशन से एरीज के वैज्ञानिक उत्साहित[मृत कड़ियाँ]। याहू जागरण। ११ जून २००९
  2. द इंडिपेंडेंट (३० मई २०१७). "सूरज के रहस्य को सुलझाएगा नासा का मिशन, होने वाली है अहम घोषणा". नवभारत टाइम्स. Archived from the original on 4 जून 2017. Retrieved 31 मई 2017. {{cite web}}: Check date values in: |date= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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