सोरठी बृजभार

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सोरठी बृजभार या सोरठी बिरजाभार भोजपुरी का प्रेमकाव्य है जो पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार में गाया और सुना जाता है।बिहार के सिवान ज़िला में स्थित ग्राम रानिबारी के स्व. राम आज्ञा गिरी जी ने इसे बहुत अच्छे ढंग स प्रस्तुत किया था। इसके गायक बहुत कम बचे हैं।

‘एकिया हो रामा’, ‘हो राम’, ‘राम न रे की’ जैसे टेक ले यह कथा गायी जाती रही है।

इसमें सात जन्मों की कथा सौ भागों में मिलती है। इन्द्र के शाप से एक देव और एक अप्सरा मृत्यलोक में जन्म लेते हैं और आगे जनम जनम मिलते-बिछड़ते रहते हैं।