सियाचिन पर्वतमाला अथवा सियाचिन मुज़ताग़काराकोरम पर्वतमाला की सुदूर पूर्वी उप-श्रेणी है। इसका लगभग ६०% भाग चीन द्वारा प्रशासित क्षेत्र में है तथा ४०% क्षेत्र भारत द्वारा प्रशासित क्षेत्र में। संपूर्ण सियाचिन ग्लेशियर, सॉल्टोरो रिज (सिया ला, बिलाफोंड ला, ग्योंग ला, याराम ला (6,100 मी), और चुलुंग ला (5,800 मी।[2]) सहित सभी प्रमुख दर्रे और ऊंचाइयों के साथ, 1984 से भारत का प्रशासन (वर्तमान में लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से के रूप में) के अंतर्गत रहा है।[3][4][5][6]
यह सियाचिन मुज़ताग़ के उन पर्वतों की सूची है, जो 7,200 मीटर से ऊँचे हैं और 500 मीटर से अधिक की स्थलाकृतिक उदग्रता रखते हैं। इस से कम उदग्रता रखने वाले शिखर स्वतंत्र पर्वत नहीं माने जाते बल्कि आसपास के अन्य पर्वतों के ही शिखर माने जाते हैं (पर्वतों के कई शिखर हो सकते हैं)।