समीक्षा दर्शन
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समीक्षा दर्शन या समीक्षावाद (critical philosophy) के जनक इमानुएल कांट माने जाते हैं। हिन्दी में इसे इसे परीक्षावाद भी कहते हैं। समीक्षा दर्शन का अन्दोलन यह मानता है कि दर्शन का मुख्य कार्य 'ज्ञान की समालोचना' (of knowledge) करना है, न कि 'ज्ञान को सत्य या न्यायोचित सिद्ध करना'।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- आलोचनात्मक चिन्तन (क्रिटिकल थिंकिंग)