सदस्य:Srinath chinmayee2230949

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गोल्डविन स्मिथ[संपादित करें]

गोल्डविन स्मिथ

शुरुआती ज़िंदगी और पेशा[संपादित करें]

गोल्डविन स्मिथ अमेरिका और कनाडा में एक इतिहासकार और पत्रकार थे। उनका जन्म 13 अगस्त 1823 को इंग्लैंड के बर्कशायर में हुआ था। उनकी शिक्षा ' ' 'ईटन कॉलेज ' और 'ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय' में हुई। 1854 अधिनियम के तहत चुने गए आयुक्तों के सचिव की भूमिका निभाने से पहले स्मिथ सहायक सचिव थे। 1858 के लोकप्रिय शिक्षा आयोग में एक सीट ने शैक्षिक सुधार पर एक विशेषज्ञ के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत कर दिया। 1868 में, ऑक्सफ़ोर्ड में सुधार की तीव्र माँगों के बीच, उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय का पुनर्गठन शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की। 1858 से 1866 तक, वह ऑक्सफ़ोर्ड में आधुनिक इतिहास के रेगियस प्रोफेसर थे, जहाँ उन्होंने इतिहास पढ़ाया। उनकी दो सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कृतियाँ, द यूनाइटेड स्टेट्स: एन आउटलाइन ऑफ़ पॉलिटिकल हिस्ट्री (1893) और द यूनाइटेड किंगडम: ए पॉलिटिकल हिस्ट्री (1899) हैं। उन्होंने एक इतिहासकार के रूप में ज्यादा योगदान नहीं दिया लेकिन अपने राजनीतिक विचारों के लिए प्रसिद्ध हैं। 1865 में, उन्हें अमेरिकन फिलॉसॉफिकल सोसाइटी में शामिल होने के लिए चुना गया था।

ऑक्सफोर्ड में इतिहास पढ़ाने के बाद उन्होंने अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में भी इतिहास पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने 1868 से 1972 तक कॉर्नेल में अंग्रेजी और संवैधानिक इतिहास पढ़ाया। 1871 में, वह अपने रिश्तेदारों के साथ रहने के लिए टोरंटो, कनाडा चले गए लेकिन 1972 तक एक साल तक कॉर्नेल में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया। टोरंटो में उन्होंने एक पत्रकार की भूमिका निभाई। स्मिथ ने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा टोरंटो में द ग्रेंज मनोर में बिताया, जहां उन्होंने 'कैनेडियन मंथली' का संपादन किया और बाद में 'वीक' और 'द बाईस्टैंडर' की स्थापना की।

गोल्डविन स्मिथ हॉल, कॉर्नेल विश्वविद्यालय

7 जून 1910 को टोरंटो में उनके हाउस ग्रेंज मैनर में उनकी मृत्यु हो गई। [1]

राजनीतिक दृष्टिकोण[संपादित करें]

उन्होंने अनेक उपविषयों पर अपने विचार इस प्रकार प्रस्तुत किये हैं:

a. एंग्लो सैक्सोनिज्म - उनका मानना ​​था कि 'एंग्लो सैक्सन रेस' शब्द न केवल ब्रिटिशों के लिए बल्कि वेल्श और स्कॉट्स के लिए भी था। उनका यह भी मानना ​​था कि अमेरिका और कनाडा को एक ही देश में विलय होना चाहिए।

b. साम्राज्यवाद - उन्होंने खुद को 'साम्राज्यवाद विरोधी' कहा लेकिन साथ ही भारत पर ब्रिटिश साम्राज्यवादी शासन की सराहना की और इसे महान बताया।

c. यहूदी विरोध - वे यहुदियों के ख़िलाफ़ थे और उनको परजीवी भी कहते थे। [2]

सम्मान और पुरस्कार[संपादित करें]

गोल्डविन स्मिथ पत्थर

उन्होंने कहा, "सभी राष्ट्रों से ऊपर मानवता है"। यह उद्धरण दुनिया भर के कई विश्वविद्यालयों जैसे हवाई विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य है। यही उद्धरण कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एक पत्थर की बेंच पर उकेरा गया है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में उनके नाम पर एक हॉल भी बनाया गया है जिसका नाम "गोल्डविन स्मिथ हॉल" है। उन्हें कॉर्नेल में शीर्ष बारह प्रोफेसरों में भी नामित किया गया था, लेकिन यहूदियों के खिलाफ उनकी नस्लवादी राय के कारण उन्हें उस सूची से हटा दिया गया था। उन्होंने अपनी निजी लाइब्रेरी और पत्थर की बेंचें भी कॉर्नेल विश्वविद्यालय को दान कर दीं। [3]

कार्य[संपादित करें]

  • 1861 – Rational Religion, and the Rationalistic Objections of the Bampton Lectures for 1858.
  • 1861 – The Foundation of the American Colonies.
  • 1861 – The Study of History.
  • 1863 – The Empire: A Series of Letters.
  • 1863 – On Some Supposed Consequences of the Doctrine of Historical Progress.
  • 1864 – Does the Bible Sanction American Slavery?
  • 1864 – A Letter to a Whig Member of the Southern Independence Association.
  • 1864 – A Plea for the Abolition of Tests in the University of Oxford.
  • 1865 – The Civil War in America.
  • 1865 – England and America.
  • 1865 – Lectures on the Study of History.
  • 1867 – Three English Statesmen.
  • 1868 – The Reorganization of the University of Oxford.
  • 1871 – The European Crisis of 1870.
  • 1878 – The Political Destiny of Canada.
  • 1880 – Cowper.
  • 1881 – Lectures and Essays.
  • 1882 – Great Britain, America, and Ireland.
  • 1883 – False Hopes: Or, Fallacies, Socialistic and Semi-socialistic.
  • 1885 – Temperance versus Prohibition.
  • 1886 – Dismemberment no Remedy: An address.
  • 1887 – Schism in the Anglo-Saxon Race.
  • 1888 – Keeping Christmas.
  • 1888 – A Trip to England.
  • 1890 – Life of Jane Austen.
  • 1891 – Canada and the Canadian Question.
  • 1891 – Loyalty.
  • 1893 – Essays on Questions of the Day.
  • 1893 – Oxford and Her Colleges.
  • 1893 – The United States: An Outline of Political History.
  • 1893 – Bay Leaves: Translations from the Latin Poets.
  • 1893 – Specimens of Greek Tragedy: Euripides.
  • 1894 – Specimens of Greek Tragedy: Aeschylus and Sophocles.
  • 1896 – Guesses at the Riddle of Existence, and Other Essays on Kindred Subjects.
  • 1899 – Shakespeare: The Man.
  • 1899 – The United Kingdom: A Political History.
  • 1901 – Commonwealth or Empire?
  • 1902 – In the Court of History.
  • 1903 – The Founder of Christendom.
  • 1904 – The Early Days of Cornell.
  • 1904 – Lines of Religious Inquiry.
  • 1904 – My Memory of Gladstone.
  • 1905 – Irish History and the Irish Question.
  • 1906 – In Quest of Light.
  • 1906 – Labour and Capital.
  • 1908 – No Refuge but in Truth.
  • 1910 – Reminiscences.

[2] [4]

ग्रंथ सूची[संपादित करें]

  1. "Goldwin Smith", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2024-03-30, अभिगमन तिथि 2024-04-10
  2. "Goldwin Smith", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2024-03-30, अभिगमन तिथि 2024-04-10
  3. ""Above all nations is…": The Fraught Legacy of Goldwin Smith with Joanne Lee and Angel Nugroho | Society for the Humanities". societyhumanities.as.cornell.edu (अंग्रेज़ी में). 2022-03-02. अभिगमन तिथि 2024-04-10.
  4. "Goldwin Smith". www.thecanadianencyclopedia.ca (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-04-10.