सदस्य:Rakshitaramesh1840260

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व्यक्तिगत विवरण[संपादित करें]

रक्षिता रमेश - वीणा बजाते हुए
Rakshitaramesh1840260
जन्मनाम रक्षिता रमेश
लिंग स्त्री
जन्म स्थान चेन्नई
निवास स्थान बेंगलूरू
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
महाविद्यालय ख्रैस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय नाश्न्ल हिल व्यू पब्लिक स्कूल

मैं, रक्षिता रमेश, ख्रैस्ट कॉलेज में बी एस सी(प्रथम वर्ष) की छात्रा हूँ| मेरा जन्म १९९९ में चेन्नई में हुआ था| मेरी माता का नाम चित्रा रमेश है और पिता का नाम रमेश राघवन है| मेरे जन्म के कुछ महीने बाद हम बेंग्लूरू आए| मैं अपने घर में अपने माता-पिता के साथ रहती हूँ| मैं उनकी इकलौती पुत्री हूँ| मैंने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई बेंगलूरू के नैश्नल हिल व्यू पब्लिक स्कूल में की| उसके बाद मैंने ट्रैन्सेन्ड पी यू कॉलेज में कॉमर्स का अध्ययन किया| मैं अब ख्रैस्ट कॉलेज में गणित, संगणक और सांख्यिकी का अध्य्यन कर रही हूँ।

संगीत में रुचि[संपादित करें]

मुझे हमेशा पढ़ाई के अलावा संगीत में शौक रहा है| वीणा बजाना मुझे बहुत अच्छा लगता है| छः वर्ष की आयु में मैंने वीणा बजाने की कला अपनी माता से सीखना शुरु किया| उसके बाद, दस वर्ष की उम्र से, मैं विदुषी योग वंदना जी की शिष्या रही हूँ| उनके मार्गदर्शन के कारण ही मैं भारतीय संगीत की ओर आकर्शित हुई| मैंने संगीत के अनेक प्रतियोगिताओं में पुरस्कार प्राप्त किए हैं और बेंगलूरू, चेन्नई, हैदेराबाद, मैसूरू, मंगलूरू,मुम्बई,दिल्ली, सिंगपूर जैसे अनेक नगरों में संगीत कार्यक्रम दिए हैं|

उल्लेखनीय पुरस्कार[संपादित करें]

  • सर्वश्रेष्ठ वादक पुरस्कार (स्पिरिट औफ यूत समारोह) २०१८, म्यूसिक अकादमी, चेन्नई
  • तमिल नाडू सरकार के युव संगीतकारों का फेलोशिप, २०१८
  • अखिल भारतीय आकाशवाणी (ऑल इन्डिआ रेडियो) की संगीत प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, २०१६
  • युव प्रतिभा पुरस्कार, कार्तिकेय गान सभा, हैदेराबाद, २०१५
  • २०१२ से केन्द्रीय सरकार का युव कलाकारों की छात्रव्रित्ती

अन्य क्षेत्रों में रुचि[संपादित करें]

संगीत के अलावा मैं बचपन में नृत्य और चित्रकला भी सीखती थी और आज भी मुझे चित्र बनाना बहुत अच्छा लगता है| मुझे वाद-विवाद जैसे पाठ्येतर कार्यक्रम में भाग लेना भी अच्छा लगता है| इन कर्यक्रमों में भाग लेने के लिए मुझे पी यू के अन्त में 'सर्व श्रेष्ठ विद्यार्थी' का सम्मान दिया गया था| मैं पी यू के समय में कॉलेज की कप्तान भी रही|

मुझे किताबें भी पसंद हैं| खासकर, कहानियाँ बहुत अच्छे लगते हैं| अमीश त्रिपाठी, डन ब्रौन जैसे लेखकों के अनेक उपन्यास मैंने पढ़े हैं| हाल ही में मैंने लक्ष्मी देवनाथ जी के 'इन्क्यूरबल रोमांटिक' नामक अंग्रेज़ पुस्तक पढ़ा| एक संगीतकार की जीवनी के रूप में लिखी गयी यह किताब मुझे अत्युत्तम लगी|

भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ मैं समकालीन फिल्मों के संगीत और पाश्चात्य संगीत भी सुनती हूँ| मुझे ऐसा लगता है कि वास्तव में इन सभी संगीत रूपों में अनेक समानताएँ हैं| मुझे शंकर महादेवन, अर्जीत सिंह, श्रेया घोशाल जैसे बोलिवुड संगीतकार और अभिशेक रघुराम, जयंती कुमरेश, संजय सुब्रह्मन्यम और अम्रुता वेन्कटेश जैसे समकालीन शास्त्रीय संगीतकार बहुत पसंद है और ये सभी लोग मेरे लिए प्रेरणा हैं|

महत्त्वाकांक्षा[संपादित करें]

मैं परिश्रम में विश्वास करने वाली हूँ और मेरी मानना यह है कि इसके बिना जीवन में कुछ भी प्राप्त करना साध्य नहीं है| मैं हमेशा समय का सदुपयोग करना चाहती हूँ और हर दिन कुछ न कुछ सीखने का प्रयास करती हूँ। मैं आगे संगीत के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हूँ और साथ में अपनी पढ़ाई के संबंध में भी काम करना चाहती हूँ| मेरे माता-पिता और अध्यापकों ने हमेशा मुझे बहुत प्रोत्साहित किया है, और मैंने आज तक जीवन में जो भी हासिल किया है, वह उनके कारण ही है| मैं उन सभी व्यक्तियों के प्रति कृतज्ञ हूँ जिन्होंने मेरा साथ दिया है, और मैं भविष्य में कुछ ऐसा काम करना चाहूँगी जिससे इन सबको खुशी और संतुष्टि मिले|