सदस्य:Priya.Singh/प्रयोगपृष्ठ/1

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बीजिंग के एक पार्क में लटकते लाल लालटेन

लालटेन महोत्सव पहले चीनी चन्द्र मास के पंद्रहवे दिन मनाया जाता है।[1] इस महोत्सव को शांगयूआन महोत्सव भी कहा जाता है। इस महोत्सव को अधिक्तर रूप से चीन एंव अन्य एशियाई देशों में मनाया जाता है।

महत्व[संपादित करें]

यह उतसव पूर्णिमा के दिन पड़ता है। लालटेन महोत्सव चीनी नव वर्ष के अंत को अंकित करता है और नये चन्द्र मास की पहली पूर्णिमा के साथ आने वाली वसंत ऋतु की घोषना करता है। इस महोत्सव का महत्व इस रूप में भी देखा जा सकता है कि यह रौशनी की ओर बढ़ने का सूचक है और अंधकार से हटते हुए दिनों में मनाया जाता है। यह उत्सव शांति, एकता, सुलह का प्रतीक माना जाता है। संभावित है की यह उत्सव वसंत ऋतु के आगमन की खुशी मे मनाया जाता है। इस उतस्व में लोग अपने मृत पूर्वजों की प्रतिष्ठा करते है। प्राचीन समय में जब बिजली नही होती थी तब यह महोत्सव सर्दियों के मौसम के अंत के दिनों में लोगों के खुशी मनाने का समय होता था क्यूंकि वें लोग रात के अंधेरे में आदमी के बनाये प्रकाश यंत्र की सहायता से घूम सकते थे।[2] उस समय ग्रामवासी अपनी सर्जनशीलता का प्रमाण सजावटी लालटेन बना कर देते थे।

परंपराएँ[संपादित करें]

चिपचिपे चावल के गोले

लालटेन महोत्सव के दौरान बच्चे रात में मंदिरों में जाकर कागज़ के बने हुए लालटेन जलाया करते है। लालटेन में पहेलियाँ भी लिखीं हुई होती है जिसे सुलझाने पर इनाम भी मिलते है।[3] लालटेन महोत्सव में पहेलियाँ बुझाने का खेल की पहली प्रस्तुति सौंग राजवंश में हुई थी। कई जगहों पर, इस दिन सबसे सुनदर लालटेन बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। आजकल, लालटेन कई प्रकार के बनाये जाते है और वें अधिक्तर लाल रंग के होते है क्योंकि चीनी संस्कृति में लाल रंग को शुभ माना जाता है। इस उतसव के दौरान कई प्रदर्शन एंव आतिशबाज़ियाँ होती है। इस महोत्सव के समय सिंह एंव ड्रैग्न नाच भी किया जाता है। उत्तर चीन मे सिंह नृत्य के कौशल पर ज़्यदा ज़ोर दिया जाता है। लेकिन दक्षिण में उस पर कम धयान दे कर सिंह की बनावट पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। एक व्यक्ति सिंह जैसी पोशक को संभालता है, दो लोग शेर बनते है, एक व्यक्ति सिंह के सर को संभामलता है और दूसरा व्यक्ति उस्के अन्य भागों को संभालता है।[4] हॉन्ग कॉन्ग, मलेशिया एंव ताइवान में इस महोत्सव को वैलेंटाइन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। लालटेन महोत्सव के दौरान लोग चिपचिपे चावल के गोले खाया करते है जिसमे फल भरे हुए होते है। चावल का गोल आकार परिवार की एकता का प्रतिनिधित्व करता है।[5]

इतिहास[संपादित करें]

हान राजवंश के दौरान बुध्द धर्म को बढ़ावा देने के लिये एक सम्राट ने राज महल में लालटेन जलाने का आदेश दिया जिससे बुध्द का सम्मान किया जा सके और पूजा की जा सके।[6] टांग, सौंग, मिंग और किंग राजवंश के दौरान लालटेन महोत्सव एक चीनी परंपरा बन के रह गई। कुछ लोगों का मानना है कि टिआनगुआन, जो ताओवाद मे अच्छे भाग्य के देवता है, का जन्मदिवस इस महोत्सव के दिन पड़ता है। कुछ लोग यह भी मानते है कि लालटेन महोत्सव एक प्राचीन योध्दा लान मून से जुड़ा हुआ है। लालटेन महोत्सव से जुड़ा हुआ एक और उपाख्यान है जिसमे लालटेन महोत्सव को जेड राजा- जो की चीन संस्कृति में पहले भगवान का एक प्रतिनिधित्व है- का सारस धरती पर उतरा था। वह सारस उनका सबसे प्रिय था और जब वह धरती पे आया तब उसे ग्रामवासियों ने मार दिया जिससे वह बहुत क्रोधित हुये और उनहोंने धरती पर आग बरसाने का निर्णय लिया। जेड की बेटी ने ग्रामवासियों को इसकी चेतावनी भी दी जिससे ग्रामवासी भयभीत हो गये। उस समय एक नागरिक ने एक उपाय दिया की गाँव वाले अपने घरों के बाहर लाल लालटेन लगाये जिससे जेड को यह लगे की वह गाँव जेड को जलता हुआ दिखे। फ़िर जब जेड के भेजे हुए लोग स्वर्ग से ग्राम को जलाने आये तब उनको वह ग्राम जला हुआ प्रतीत हुआ और वह वापस चले गये और गाँव के लोग बच गये। उस दिन से लोग चन्द्र मास के पंद्रहवें दिन लालटेन महोत्सव मनाते है। कुछ लोग यह भी मानते है का लालटेन महोतस्व का कारण एक दासी युआन जिओ है।

आधुनिक प्रासंगिकता[संपादित करें]

चीनी लालटेन महोत्सव, लंदन

आजकल एस महोत्सव को वेलेंटाईनस दिवस के तौर पे मनाया जाता है क्योंकि इस समय लड़कियाँ से बाहर आती हैं और लोगो से मिलती-जुलती हैं। लालटेन महोत्सव धीरे धीरे पच्छिमी देशों में भी लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। लंदन में भी एक लालटेन उतसव मनाया जाने लगा है।[7] यह एक एसा उत्सव है जिसमें प्राचीन और नवीन का एक अनोखा मिलन होता है। इस दिन लोग परिवार सहित जश्न मनाते है।

सन्दर्भ[संपादित करें]