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परिचय[संपादित करें]

जनशख़या ९९३ है जिसमे २१३ घर है.
मंधना

मंधना कानपूर जिला, उत्तर प्रदेश मे है। यह कानपूर से २० किलोमीटर की दुरी पर ग्रैंड ट्रंक रोड जो दिल्ली को जाती उस पर स्थापित है। यह एक प्राकार का गाव है। भारत के २०११ की जनगणना के अनुसार, गांव में ९९३ की जनसंख्या है। मंधना मे , २१३ परिवार है । ९९३ कि आबादी मे से ५०४ पुरुष है और ४८९ महिलाए। मंधना का साक्षरता दर ६०प्रतिशत है। यह चौबेपुर, इसका बहन गांव से ५ किलोमीटर की दूरी पर है । इस गांव मे कन्नौजी बोली जाती है। कन्नौजी हिंदी की एक मानक बोली नहीं है, परन्तु इसे ब्रज भाषा और अवधियों के बीच का अस्थायी चरण माना जा सकता है।

जनसांख्यिकी[संपादित करें]

मंधाना में राष्ट्रीय राजमार्ग 91 (ग्रांड ट्रंक रोड) पर बस स्टेशन है और कानपुर, कन्नौज, गाजियाबाद, इलाहाबाद और फतेहपुर के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं। कानपुर मेट्रोपोलिटन बस सेवा के यूपीएसआरसीसी सिटी बसों को मंधाना से लेकर विभिन्न इलाकों तक मार्ग है। मांधना के पास कानपुर-फर्रुखाबाद लाइन पर एक रेलवे स्टेशन है जो बिथुरे रेलवे स्टेशन को भी जोड़ता है। इस रेलवे लाइन को व्यापस गेज में बदला जा रहा है, जिसके चलते मंधना के तरफ जाने वाली ट्रैन का नंबर जयादा हो जाये गए । सबसे निकटतम हवाई अड्डा कानपुर हवाई अड्डे है। जबकि निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ में है । एक हवाई अड्डा आईआईटी कानपुर हवाई अड्डे भी है, परन्तु मुख शहरों के लिए कोई उड़ान नहीं है। मंधाना महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कॉलेज और राम विश्वविद्यालय का स्थान है। आईआईटी कानपुर केवल मंधाना से ७ किलोमीटर दूर है। बिथुर की तीर्थयात्रा का स्थान शहर से ८ किलोमीटर (५.० मील) और साई मंदिर ५ किलोमीटर (३.१ मील) दूर है। और ब्लू वर्ल्ड मनोरंजन पार्क भी एक महान आकर्षण है।

आकर्षण[संपादित करें]

उत्तर प्रदेश उन लोगों के लिए भक्ति का देश है, जो सर्वशक्तिमान देवता पर विश्वास रखते हैं। यदि वह कुम्भ का मेला हो अल्लाहाबाद का या फिर मथुरा की होली , उत्तर प्रदेश के सारे त्यौहार प्रसिद्ध है। गंगा मेला मंधना और कानपुर के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जिसमें होली को कम से कम 7 दिनों के लिए मनाया जाता है।जन्माष्ठमी का त्योहार २ दिन तक मनाया जाता है,यह मंधना में परिवार और दोस्तों के साथ मनाया जाता है । दिवाली भारत के बहुत एहम फेस्टिवल्स में से एक है। मंधना में दिवाली की तैयारी एक हफ्ते से पहले शुरू हो जाती है। यहाँ लक्समी पूजा और गणेश पूजा करि जाती है। मंधना और कानपूर में काफी शिव मंदिर है , शिवरर्ति के त्यौहार को काफी प्रेम से मनाया जाता है। सारे शिव भक्त शिव मंदिरो में जा कर भक्ति रस में दूप जाते है। कानपूर और मंधना बहुत ही प्रशिद्ध संस्कृति से धन्य है। यहाँ के संस्कृति को प्रसिद्ध करने में बहुत बड़ा हाथ बल कृष्ण शर्मा का रहा है। इस गांव की वजह से ही नौटंकी की कला प्रख्यात हुई है ,खोया लड्डू और बिरयानी यहाँ की विशेषता है। मंधना का इतिहास काफी धनी है और हमेशा कानपूर का एक जरूरी हिस्सा रहे गा।

महत्त्व[संपादित करें]

मंधना, जी. टी. रोड, एक प्रमुख राज मार्ग से एकदम सटा हुआ है और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल बिठूर से बहुत निकट है। कानपुर के विकास में मंधना का एक महत्वपूर्ण स्थान है I पिछले कुछ वर्षों में मंधना और इसके आस-पास के इलाकों में कई उद्योग घरानों ने अपने कारखाने लगाए हैं जिनमे प्रमुख घड़ी डिटर्जेंट, नमस्ते इंडिया, गोल्डी मसाले, लोहिया ग्रुप आदि हैं। कुछ सिनेमा घरों और चिड़िया घर के अलावा कानपुर में मनोरंजन के संसाधनों की हमेशा से कमी रही है। इस कमी को पूरा करते हुए कुछ सालों पहले एक वाटर पार्क के लिए मंधना को ही चुना गया।ब्लू वर्ल्ड नाम का यह वाटर पार्क आज कानपुर ही नहीं बल्कि समस्त उत्तर प्रदेश की शान के रूप में उभरा है। यू. पी. स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (UPSIDC) और इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंस सर्विसेज (IL&FS) मिलकर मंधना में नॉलेज पार्क की आधार शिला रखने की दिशा में कार्यरत हैं जिससे वहां बेहतर से बेहतर शिक्षा के संस्थान खोले जा सकें. मंधना, उन्नाव और लखनऊ मार्ग पर ट्रांस गंगा सिटी की बसाये जाने की नींव भी 2014 में रक्खी जा चुकी है. इस सिटी के निर्माण के अंतर्गत करीब दस हज़ार करोड़ के निवेश की संभावना है।नॉलेज पार्क और ट्रांस गंगा सिटी परियोजनाओं से न केवल लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना बढ़ती है बल्कि लोगों के जीवन स्तर में आने वाले सुधार की भी कल्पना की जा सकती है।

सूत्र[संपादित करें]

https://en.wikipedia.org/wiki/Mandhana,_Kanpur https://www.mapsofindia.com/villages/uttar-pradesh/kanpur-nagar/kanpur/mandhana.html https://www.britannica.com/place/Kanpur-India