सदस्य:Kheteshwar325

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से


Kheteshwar325
[[File:
|250px|]]
नाम खेतेश्वर सिंह
जन्मनाम खेतेश्वर सिंह
लिंग पुरुष
जन्म तिथि 20/06/2000
जन्म स्थान कर्नाटका
देश  भारत
शिक्षा तथा पेशा
शिक्षा बीकॉम
महाविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय वीनस

परिचय[संपादित करें]

मेरा नाम खेतेश्वर सिंह है। मेरे पिताजी का नाम भरत सिंह है और मेरी माताजी का नाम मुनी कंवर है। मेरा एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन है। मैं अपने माता-पिता का एक प्यारा लड़का हूँ। मैं 18 वर्ष का हूँ और कक्षा १ बीकॉम के वर्ग ‘सी’ में पढ़ता हूँ। मैं बैंगलोर के क्राइस्ट विश्वविद्यालय में पढ़ता हूँ। मेरे दादा-दादी मुझे गुड्डु बुलाना पसंद करते हैं। वो हमेशा मुझे सुबह और शाम को बाहर ठहलाने के लिये ले जाते हैं। मैं बैंगलोर के राजनगर कालोनी में रहता हूँ। मैं रोज सुबह ठीक 9 बजे कॉलेज जाता हूँ और शाम को 4 बजे वापस आता हूँ। मैं नहाने के बाद पूरे कॉलेज यूनिफार्म में कॉलेज जाना पसंद करता हूँ। जब मैं कॉलेज पहुँचता हूँ तो अपने क्लास टीचर को गुड मार्निंग बोलता हूँ । मैं रोज अपने दोस्तों के साथ बस में और लंच के समय मस्ती करता हूँ। मैं हमेशा खेल क्रियाओं और दूसरे कॉलेज क्रियाकलापों में भाग लेता हूँ। मेरा कॉलेज में अंतर-कॉलेज प्रतियोगिता आयोजित करता है, जिसमें मैं जरुर भाग लेता हूँ। मै हमेशा सभी प्रतियोंगिताओं में प्रथम स्थान पर आता हूँ। मेरे हर सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में मेरे माता-पिता मुझे पिकनिक या लंबी यात्रा के लिये बाहर ले जाते हैं। मैं बहुत अच्छे समाज में रहता हूँ। मैं हमेशा अपने पढ़ाई के कमरे और शयन कक्ष को साफ रखता हूँ। मैं हमेशा अपने साफ-सफाई का ध्यान रखता हूँ और खाने के पहले और बाद ठीक तरह से हाथ को साबुन से धोता हूँ।

शौक़[संपादित करें]

मेरा शौक पढ़ना है। मैंने कहानी किताबें, पत्रिकाएं, समाचार पत्र और किसी भी तरह की सामग्री को पढ़ा जो मुझे दिलचस्प लगता है। पुस्तकें पाठक को उसके जीवन में कई सारी जानकारी और तथ्यों को प्रदान करती हैं। किताबों ने निश्चित रूप से मेरे जीवन में मेरी काफी मदद की है। मैं आज हर परेशानी का हल सामान्य तरीके से खोज सकता हूँ। अन्यथा मैं पहले अजीब तरीके से चीजों को सीखने के बारे में सोचता था। असल में यह एक गतिविधि है जिसे हम अपने खाली समय में करते हैं। यह पसंदीदा व्यवसाय है। मैं रोज सवेरे एक घंटे के लिए बागवानी करता हूं। मेरा पसंदीदा शौक खाली समय में रुचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ना है। जब कभी भी मैं स्कूल से घर जाता हूँ, तो अपना गृहकार्य पूरा करने के बाद इस तरह, की किताबों को पढ़ना पसंद करता हूँ। अब, मैं यह अच्छी तरह से जानता हूँ, कि किताबों को पढ़ना बहुत अच्छी आदत है, जो मुझे पूर्णबनाती है। किताबों को पढ़ने के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अकेला और परेशान नहीं रह सकता। मेरा मानना है कि, यह आदत संसार में सोने से भी ज्यादा कीमती है। यह हमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए उच्च स्तर का ज्ञान, आदर्श विचार, अच्छीसोच, आदि प्रदान करता है।

लक्श्य और सपना[संपादित करें]

मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर चिकित्सक बनूँ और अपने चिकित्सा ज्ञान से उन सभी लोगों को लाभान्वित करूँ जो धन के अभाव में उचित चिकित्सा प्राप्त नहीं कर पाते हैं । मैं इस बात को अच्छी तरह समझता हूँ कि एक अच्छा चिकित्सक बनना आसान नहीं है। अच्छे विद्‌यालय का चयन, उसमें प्रवेश पाना तथा पढ़ाई में होने वाला खर्च आदि अनेक रुकावटें हैं । परंतु मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इन बाधाओं को पार कर सकूँगा । इसके लिए मैंने बहुत कड़ी मेहनत का संकल्प लिया है । उचित मार्गदर्शन के लिए मैं अपने अध्यापक व अनुभवी छात्रों का सहयोग ले रहा हूँ । चिकित्सक बनने के बाद मैं भारत के उन गाँवों में जाना चाहता हूँ जहाँ पर अच्छे चिकित्सक का अभाव है अथवा जहाँ पर चिकित्सा केंद्र की व्यवस्था नहीं है । में उन सभी लोगों का इलाज नि:शुल्क करना चाहता हूँ जो धन के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पाते हैं । इसके अतिरिक्त मैं उनमें अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता लाना चाहता हूँ ।