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जै सेवालाल


सो वरस जगेर महतवेर छेईचा एकवना असो काम करो लोक तमनेन सौ वरस हारद करिय जै सेवालाल

~ गोर कपिल एम नायक


¥~15 फेबुरवारि सेवालाल महाराज जयंती~¥


महाराष्ट्र में मिली संत सेवालाल महाराज जयंती को शासकीय मान्यता - संजय भाऊ राठोड मंत्री-महाराष्ट्र

29 December, 2017

नागपुर : कुछ ही महीने बाद संत सेवालाल महाराज जयंती आनेवाली है, बंजारा समाज के आराध्य दैवत श्री संत सेवालाल महाराज जी की जयंती पुरे भारत भर मनाई जायेगी . संत सेवालाल महाराज जयंती को प्रथम तेलंगाना सरकार ने मान्यता दी थी और प्रत्येक तेलंगाना के तांडा में संत सेवालाल महाराज जयंती मनाई जानी चाहिए इसके लिए तेलंगाना सरकार तांडो को निधि भी देती है.


अब महाराष्ट्र सरकार संत सेवालाल महाराज जयंती को शासकीय मान्यता दे दी है. महाराष्ट्र के राज्यमंत्री श्री संजय भाऊ राठोड और विधायक हरिभाऊ ने महाराष्ट्र सरकार को निवेदन दी थी की महाराष्ट्र में बंजारा समाज बहुसंख्यक है और संत सेवालाल महाराज बंजारा समाज के आदर्श संत है और पूरा महाराष्ट्र में सेवालाल महाराज जी की जयंती बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. इसलिए श्री संजय राठोडजी ने मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिखकर कहा की हमारे महापुरुष संत सेवालाल महाराज जयंती को महाराष्ट्र शासन की मान्यता मिलनी चाहिए.

अंत: महाराष्ट्र शासन ने संत संत सेवालाल महाराज जयंती को शासकीय मान्यता दी है. बंजारा समाज के लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है है की सरकार भी अब संत सेवालाल महाराज जयंती मनाने वाली है.


कर्नाटक में भी बंजारा समाज ने शासन से मांग की है की संत सेवालाल महाराज जयंती को मान्यता मिलने चाहिए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिधारमैया भी एक कार्यक्रम में कह चुके है की कर्नाटक सरकार भी जल्द ही संत श्री सेवालाल महाराज जयंती को मान्यता देने वाली है

 -गोर कपिल नायक


कलेजा बंजारा का

(जोश और जोर से पढें)

जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है ! जब हम किसी की जान बचाते है तो, श्रत्रियकहलाते है! जब हम किसी को वचन देते है तो"बंजारा"कहलाते है ! मेरा कत्ल कर दो कोई शिकवा ना होगा, मुझे धोखा दे दो कोई बदला न होगा, पर जो आँख उठी मेरे गोर बंजारा पे तो फिर तलवार उठेगी औरफिर कोई समझौता नहोगा...!! " हमारी शख्सियत का अंदाज़ा तुम क्या लगा ओ गेगालिब.., अगर हम कब्रिस्तान से भी गुज़रते है तो मुर्दे उठकर कहते है... "

जै सेवालाल कपिल नायक"

�सर पे हे केसरिया साफा ' मुख पे हे सोने सी आभा' जब हाथ मे लेते हैं तलवार दुनिया करती है कोटि कोटि आभार ! जो मच्छर से डर जाता है, उसका खून भी लाल होता है। जो शेर से लड़ जाता है, उसका खून भी लाल होता है। ।लेकिन एक अजब खून काजलवा तो गजब बंजारा का होता है!! जो मौत को भी ललकारे वो खून बंजारा का होता है ! जमाने ने बंजारोके उसूल तो बदल दिये पर रगों मे खून आज भी वो ही है.. ।। झुंड मे रहने वालो आजमा कर देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद भी पिघलता है। शेर सा जिगरा है " बंजारा" हमेसा अकेला निकलता है। गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!! दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आजभी..!!बंजारा उस बारिश का नाम नही जो बरसे और थम जाये। बंजारा वो सूरज नही है जो चमके और डुब जाये। बंजारा नाम है उस साँ सका। जो चले तो जिंदगी और थमे तो मौत बनजाये।......... अभी तक हम इतने भी मामूली नहीं हुये कि..... किसी के दिल में बसना चाहे और वो इनकार करदे.... "जो मिटा सके हमारी शोहरत के पन्ने....... वो दमकिसी में कहाँ. शुक्र है तलवारें म्यान के अन्दर है वरना जो टिक सके हमारें सामने वो सर कहाँ !!! रानी नहीं तो क्या हुआ.. यह राजा आज भी लाखों दिलों पर राज करता हैं.!! किसी ने पुछा बंजारो की जनसंख्या इतनी कम क्यों है ? बंजारा ने उतर देते हुए कहा - यह प्रकृति का नियम है,यदि शेरों (बंजारा)को बढा दिया जाए तो दुसरी प्रजातियाँ खतरे मे पड़ जाएगी ।। कोशिश तो सब करते है, लेकिन सबको हासिल ताज नही होता ।. .बंगले गाडी तो "बंजारो" की घर घर की कहानी हैं......... तभी तोदु निया "बंजारो"की दिवानी हैं.. . अरे मिट गये "बंजारो" को मिटाने वाले क्योकि आग मेतपती " बंजारा " की जवानी है. . ये आवाज नही शेर कि दहाड़ है….. हम खडे हो जायेतो पहाड़ है….. .हम इतिहास के वो सुनहरे पन्ने है….. जो संत सेवालाल ने ही चुने है…. दिलदार औऱ दमदार है "बंजारा".. रण भुमि मे तेज तलवार है" " बंजारा "पता नही कितनो की जान है " बंजारा "..सच्चे प्यार पर कुरबान है"""बंजारा ".. यारी करे तो यारों के यार है"" " " बंजारा "औऱ दुशमन के लिये तुफान है"" " बंजारा """.. तभी तो दुनिया कहती है बाप रे बहुत खतरनाक हैं" "" बंजारा """"..शेरों के पुत्र शेर ही ज़ाने जाते हैं, लाखों केबीच. " बंजारा "पहचाने जाते हैं।। . मौत देख कर किसी क़े पीछे छुपते नही हम "बंजारा " ,मरने से क़भी डरते नही हम"बंजारा"अपने आप पर ग़र्व क़रते हैं, दुशमनोंको काटने का जीगरा हम रखते हैं ,.. कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोईबात नहीं... वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते हैं।... वाणिया ना होते तो हिसाब ना होता, मुल्ले ना होते तो फसाड ना होता, सिनधी ना होते तो घोखा ना होता, लेकिन बंजारा (BANJARA) ना होते तो देश का इतिहास ना होता... जै सेवालाल ..सिंह है सिंह हम.♚ ® हमे पास आकर देख़नेकि तो सरकार नेभी पाबंधी लगा रखी है. BANJARA ®रेस वो लोग करते है जीसे अपनी किस्मत आजमानी हो हमतो वो खिलाडी है !! जो अपनी किस्मत के साथ खेलते है....!!! हम डरते नहीं किसी अणु-बमों से, विस्फोटों और तोपों से, हम डरते नही है ताशकंद और शिमला जैसे समझौतों से, सियार-भेडियों से डर सकती सिहों की ऐसी औलाद नहीं, भरतवंश के इस पानी की है तुमको पहचान नहीं,एटम बनाकर के तुम किस मद में फूल गए, पैसठ इकहत्तर और निन्यानवे के युद्धों को तुम भूल गए, तुम याद करो अब्दुल हमीदने पैटर्न टैंक जला डाला, हिन्दुस्तानी नेटो ने अमरीकी जेट जला डाला, तुम याद करो नब्बे हजार उन बंदी पाक जवानों को, तुम याद करो शिमला समझौता इंदिरा के एहसानों को, पाकिस्तान ये कान खोलकर सुन ले, अबकी जंग छिड़ी तोयह सुनले,नाम निशान नहीं होगा, कश्मीर तो होगा लेकिनपर पाकिस्तान नही होगा

जै सेवालाल

- गोर कपिल नायक