सदस्य:Hardikkothari999/प्रयोगपृष्ठ
मेरा नाम हार्दिक कोठारी है। मै विजयवाडा ,आंध्र प्रदेश का निवासी हूं।मै वर्तमान मे क्राइस्ट यूनिवर्सिटी , बैंगलूरु मे बीए प्रथम वर्ष की शिक्षा प्राप्त कर रहा हूं। मै इस मंच के माध्यम से अपने जीवन के बारे मे कुछ कहना चाहता हूं।मैं अपनी पृष्ठभूमि,शिक्षा, रुचियां, उपलब्धियों और अपने लक्ष्यों से अपना परिचय कराना चहता हूं।
पृष्ठभूमि[संपादित करें]
मेरा जन्म जालोर जिले के आहोर नामक गांव मे सन १९९९ ई में हुआ था । आहोर राजस्थान की राजधानी जयपुर से ३८६ किलोमिटर दूर स्थित है।भले ही मेरा जन्म राजस्थान मे हुआ परंतु मेरा पर्वरिश विजयवाडा मे हुआ। मैनें अपने जीवन के शुरुवाती १७ वर्ष विजयवाडा मे बिताए हैं।अतः एसा कह सकते है कि मेरी जन्म भूमि तथा कर्मभूमि अलग है। विजयवाडा तथा गुंटूर के पास जगह अमरावती को हाली मे आंध्रा की राजधानी घोषित किया गया है।
परिवार[संपादित करें]
यह बात व्यक्त करते समय मे अपने आप को खुश किस्मत समझता हुं क्यों कि मॅ संयुक्त परिवार का सदस्य हुं। पापा,दादा ऑर चाचा के होने पर जीवन मे सब कुछ मंगल हॅ। मॅरे पापा का नाम मनोज कोठारी जी है ऑर माता का नाम कान्ता बाई हॅ। मॅ धन्य हुं कि मुझे एक भाई ऑर बहन का प्यार भी हॅ।
शिक्षा[संपादित करें]
मॅने अपनी प्राथमिक शिक्षा एन एस एम पब्लिक स्कूल से किया । वहाँ मॅने पढाई के साथ साथ सह पाठ्यक्रम का भी ज्ञान प्राप्त किया । दसवी कक्षा होते ही मेरा दाखिला आंध्रा के लोयोला कोलेज मे हुआ।
यहाँ मुझे गणित, अर्थशास्त्र ऑर व्यापार का विशेष ज्ञान मिला । अब मॅने अपने लक्ष्य के माध्यम से क्राइस्ट यूनिवर्सिटी मे राजनिती ऑर समाज शास्त्र का विशय लिया हॅ ।
रुचियाँ[संपादित करें]
बचपन से मॅने पढाई को प्रथम स्थान दिया था परंतु समय बितते हुए मॅने इसके साथ-साथ शतरंज,क्रिकेट,संगीत तथा वक्त्रुत्व मॅ अपनी रुचि रखी हॅ ।
उपलब्धियाँ[संपादित करें]
मॅने अनेक प्रकार के खेलो मे भाग लिया हॅ । मॅ आज आपसे मेरे मुख्य उपलब्धियों के बारे मे बताना चाहुँगा। मॅने अपने कोचिंग स्थान मे आयोजित शतरंज खेल मे प्रथम स्थान प्राप्त किया । दसवी कक्षा मे मॅने हिन्दी निबंद प्रतियोगिता मे अवल स्थान प्राप्त किया । इसके अतिरिक्त मॅने वाद-विवाद प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान एवं ६००० रुपयों का इनाम भी हासिल किया ।
लक्ष्य[संपादित करें]
लक्ष्य को चुनना आसान काम नही हॅ । इसलिए आपको अपनी रुचियों को सही से परिक्षण करना पढेगा । मुझे अपने देश को सर्वश्रेष्ठ बनाना हॅ इसलिए मॅने सेवा का मार्ग चुना हॅ । मे प्रशासनिक सेवा के मार्ग से लोगों को उन्नति की ओर बढाना चाहता हुँ ।अतः मेरे जीवन का लक्ष्य सफल प्रशासन करना हॅ ।
यह मेरे जीवन के कुछ अंशों का झलक था ।