सदस्य:Fatima Yasmeen 0625/प्रयोगपृष्ठ

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सयदुल शोहदा इमाम हुसैन के अनेक नामों मे से एक नाम है|[संपादित करें]

प्रारम्भिक जीवन[संपादित करें]

इमाम हुसैन अलैहिस्स्लाम का जन्म शाबान के माह में मदीना नामक शहर में हुआ था।अली इब्ने अबुतलिब इनके पिता थे और बीबी फ़तिमा ज़हरा इनकी माता का नाम था।अली इब्ने अबुतलिब को शेरे खुदा कहा जाता है , शेरे खुद अ्राथात खुदा का शेर। दूसरी ओर बीबी फ़तिमा ज़हरा को बीबी सय्यदा भी कहा जाता है ओर आप पेशे से स्वर्ग कि महारानी भी मानी जाती हैं। इमाम हुसैन अलैहिस्स्लाम अली इब्ने अबुतलिब और बीबी फ़तिमा ज़हरा के छोटे बेटे हैं,और इनके बड़े बेटे का नाम इमाम हसन अलैहिस्स्लाम है |

जीवन[संपादित करें]

आपका जन्म शाबान के माह में 3 तारीक को हुआ,इतिहास के अनुसार इमाम हुसैन ने अपने जीवन के छः वर्ष नबी(अथॆात अपने नाना के संग बिताए),वह उनसे अधिक प्रेम करते थे,तथा आपने यह घोषित भी कर दिया था कि "हुसैन मुझसे है और मैं हुसैन से हूँ। अल्लाह तू उससे प्रेम कर जो हुसैन से प्रेम करे| [1] अर्ाथत हुसैन मुझसे जुड़े हैं और मैं हुसैन से, और भगवान के अधिक समीप होने के कारण,आपने भगवान से भी विंति करी कि जो सज्जन हुसैन से प्रेम करे,भगवान से भी उससे प्रेम करेगा|आपका विवाह बीबी कुबरा के संग हुआ,और विवाह के पश्चात आपकी बेटी बीबी सकीना और जनाब अली असग़र का जनम हुआ| जब आप करबला की यात्ा पर गए आप अपने संग अपने परिवार को भी लेकर गए,जो यह दशॆाता है कि आप युद्ध के लिए नही जबकि अपने नाना के द्वारा दिए गए मानवता के हित में संदेश पहुचाने करबला पहुचे| करबला के युद्ध में आपको भुखा और प्यासा मार दिया गया,आपके हत्यारे का नाम शिम्र था और वह करबला का निवासी था|आपकी म्रत्यु के दिन को आशूरा कहा जाता है,इस दुःख के अवसर पर शिया समुदाय के लोग मातम मनाते हैं,आपकी म्रत्यु मोहर्रम के माह में हुई थी,इसलिये सभी शिया एकत्रित होकर नौहख्वानी व सीनाज़नी करके दुःख मनाते हैं|

अधिक जानकारी के लिए यह भी देखिये[संपादित करें]

फ़तिमा ज़हरा[2] अली इब्ने अबुतलिब[3]

https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A5%88%E0%A4%A8_%E0%A4%87%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%A8_%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%80
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%BE
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%80_%E0%A4%87%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%A8_%E0%A4%85%E0%A4%AC%E0%A5%80_%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AC#:~:text=%E0%A4%85%E0%A4%B2%E0%A5%80%20%E0%A4%87%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%85%E0%A4%AC%E0%A5%80%20%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AC%20(%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A4%AC%E0%A5%80,%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%87%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A5%A4