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'अमीष त्रिपाठी'
[संपादित करें]'अमीष त्रिपाठी' एक भारतीय लेखक है । उनका जन्म 18 अक्टूबर 1974 मे हुआ । ‘द इम्मारटल्स ऑफ मेलुहा’ (2010), ‘द सीक्रेट ऑफ नागाज’(2011) और ‘द ओथ ऑफ द वायुपुत्राज’ (2013) उनके सबसे प्रसिद्ध कहानियॉं है । प्रिंट में 2.5 लाख से अधिक प्रतियां और बिक्री में 70 करोड़ रुपये के साथ ‘शिव त्रयी’ भारतीय प्रकाशन के इतिहास में सबसे तेजी से बिकने वाली किताब सीरीज बन गया है । 'फ़ोरब्स भारत' ने उसे 2012,
2013 और 2014 में तीन बार एक पंक्ति में भारत में टॉप 100 हस्तियों के बीच उसे स्थान दिया है ।
'जीवन'
[संपादित करें]अमीष त्रिपाठी राउरकेला, ओडिशा के पास बड़ा हुआ।वह ' [सेंट जेवियर्स कॉलेज] ', मुंबई और' भारतीय प्रबंधन संस्थान ', कोलकाता के एक पूर्व छात्र है। वह एक इतिहासकार बनना चाहता था, लेकिन वित्तीय परिस्थितियों के कारण ऐसा नहीं कर सके । उन्होंने वित्तीय सेवा उद्योग में 14 साल के लिए काम किया , जैसे स्टैंडर्ड चार्टर्ड, डीबीएस बैंक और आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के में कम किया । ‘द इम्मारटल्स ऑफ मेलुहा’ त्रिपाठी का पहला उपन्यास और "शिव त्रयी 'में पहली पुस्तक, फरवरी 2010 में प्रकाशित हुआ था। ‘द इम्मारटल्स ऑफ मेलुहा’ की फिल्म के अधिकार 2012 में "धर्मा प्रोडक्शंस" द्वारा खरीदे गए थे। उनकी नवीनतम पुस्तक, 'स्किोन ऑफ़ इक्ष्वाकु ' 22 जून 2015 को रिलीज़ किया गय . यह राम चंद्र श्रृंखला में पहली पुस्तक है।यह भारतीय महाकाव्य रामायण के बारे मे है ।
त्रिपाठी की पुस्तकों के सभी धार्मिक विषयों पर हैं क्योंकि वह[ शिव ]का भक्त है । अमीष शुरू में एक [नास्तिक] थे और चार्वाक हिंदू दर्शन में विश्वास करते थे। उनके दादा एक [संस्कृत] विद्वान और [बनारस] से एक पंडित थे।त्रिपाठी ने कहा कि वह अपने दादा और उसकी बहुत धार्मिक माता-पिता से हिंदू धर्मशास्त्र और धर्म जान पाया . वह भगवान के सभी रूपों में विश्वास रखता है . त्रिपाठी पहला अध्याय का नमूना प्रतियां को प्रिन्ट किया .उन्होंने कई पुस्तक की दुकानो को जाकर अपनी पुस्तको को फ्री में देने लगा . उन्होंने यह भी बड़े और छोटे खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रस्तुतीकरण किया और स्थानीय वितरकों से मुलाकात की और नियमित रूप से विभिन्न हितधारकों के लिए ईमेल अपडेट भेजा ।