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DevikaV269
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छात्रा, क्राइस्ट डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी
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नाम देविका विनोद
लिंग महिला
जन्म तिथि १६ फरवरी 2000
जन्म स्थान केरल
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
विश्वविद्यालय क्राइस्ट डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी
उच्च माध्यामिक विद्यालय न्यू होराइजन पब्लिक स्कूल
शौक, पसंद, और आस्था
शौक पड़ना, लिखना, घूमना
धर्म हिन्दू


भूमिका[संपादित करें]

मेरा नाम देविका विनोद है. मेरा जन्म केरल में हुआ था. १६ फरवरी २००० को मेरा जन्म हुआ था. विज्ञापनों में केरल को 'ईश्वर का अपना घर' कहा जाता है, यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है। केरल सिर्फ हमारे जन्मस्थल है, क्यूंकि हम पिछले १५ साल से बैंगलोर में निवास कर रहे है.

परिवार[संपादित करें]

मेरी माँ, प्रीथा ने "कातिकुडम" नामक ग्राम में अपनी बचपन बितायी, और मेरे पिताज विनोद रमणीय जगह "कूड़ापुरा" के निवासी थे. मेरे एक अग्रज है, राजीव, जो आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रहे है. मेरा व्यक्तित्व मेरे परिवार के सदस्यों का मिश्रण है और मेरी संस्कृति बैंगलोर और केरल की एक अनोखी सम्मिलन है.

शिक्षा[संपादित करें]

मैंने बैंगलोर और केरल के कई प्रतिष्ठित संस्थाओ में पढ़ाई की है, और इन संस्थाओं ने ही मुझे इतने गुणों से संपन्न की है. "टाइनी फ़ीट" नामक संस्था मेरी पहली पाठशाला थी. इसके बाद मैंने "न्यू होराइजन पब्लिक स्कूल" में पढाई करना शुरू कर दिया. यही विद्यालय मेरा दूसरा घर बन गया. मेरे पिताजी की स्थानांतरण केरल में होने के कारन मैंने दो वर्षो केलिए त्रिवेंद्रम के "लेकोले चेम्पका" में अपनी शिक्षा की. फिर से बैंगलोर वापस आकर मैंने इन.हेच.पि.इस. में ही चालू कर दी. दसवीं कक्षा के बाद ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा केलिए में "सी.एम्.आर नेशनल पि.यु. कॉलेज" गयी. अब मई "क्राइस्ट डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी" में पड़ रही है.

रूचियाँ[संपादित करें]

मुझे पुस्तकों का बड़ा शौक है. कथा साहित्य पड़ना मुझे छोटे उम्र से ही बहुत पसंद था. मुझे लिखने में भी दिलचस्पी है. मैं छोटी कहानिया और कविताए भी लिख्ती हूँ. बारहवीं कक्षा तक मै विज्ञानं की छात्रा थी, लेकिन मैं जानती थी की मेरी ठिकाना कई और है. पढ़ने और लिखने के बावजूद मुझे चित्रकला और फिल्म देखना पसंद है. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के "कम्युनिकेशन एंड मीडिया, इंग्लिश एंड साइकोलॉजी" कोर्स मुझे इसलिए पसंद आई क्यूंकि यह कोर्स तीन अनोखी विषयो का सम्मिलन है. मेरे पिताजी एक इंजीनियर और माताजी एक गणित अध्यापिका होने के बावजूद मुझे इस क्षेत्र ही रचनात्मक लगी.

उपलब्धियों[संपादित करें]

अंग्रेजी की परीक्षा में मैं हमेशा कक्षा में प्रथम आती थी. मै कई विद्यालयों के "क्रिएटिव लेखन" प्रतियोगिताओ में भाग लेती थी. "ओक्रीज इंटरनेशनल स्कूल" द्वारा रखी गयी प्रतियोगिता में मैं पूरे कर्णाटक में प्रथम आयी थी. इसलिए उन्होंने मेरी कहानी को पब्लिश किया. मुझे वाद विवाद में भी बहुत शौक है, और मैं अपनी विद्यालय के वाद विवाद समूह की महत्वपूर्ण अंग थी.

लक्ष्य[संपादित करें]

भविष्य का मुझे कुछ नहीं पता, लेकिन मैं आशा करती हूँ की अगले तीन वर्ष क्राइस्ट में पढ़ने के बाद मुझे और स्पष्टता मिल जाएगी. मीडिआ और पत्रकारिता के क्षेत्र अब मुझे पसंद है. मैं चाहती हूँ कि मैं अपनी सर्जनशीलता द्वारा दूसरों की मदद कर सके. मैं यह भी चाहती हूँ कि भविष्य में मैं गरीब और दरिद्र लोगों की सहायता कर सके. मेरी यह भी कल्पना है कि मैं भविष्य में भारत का एक अच्छी नागरिक बनूँ।