सदस्य:Azaz yusufzai

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पठनीय ऐतिहासिक पोस्ट। "*कैलाश मानसरोवर और औरंगज़ेब :-* ^^^^

  • राहुल गाँधी कैलाश मानसरोवर की धार्मिक यात्रा पर हैं और वह नेपाल और चीन होते हुए शिव पार्वती जी की वास् स्थली कैलाश मानसरोवर जाएँगे.*
  • आज़ादी के बाद चीन ने "कैलाश पर्वत व कैलाश मानसरोवर" और अरुणाचल प्रदेश के बड़े भूभाग पर जब कब्ज़ा कर लिया तो देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी UNO पहुंचे कि चीन ने ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा कर लिया है, हमारी ज़मीन हमें वापस दिलाई जाए.*
  • इस पर चीन ने जवाब दिया कि हमने भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा नहीं किया है बल्कि अपना वो हिस्सा वापस लिया है जो हमसे भारत के एक शहंशाह 1680 में चीन से छीन कर ले गया था। यह जवाब UNO में आज भी ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में मौजूद है.*
  • जानते हैं चीन ने किस शहंशाह का नाम लिया था ?*
*"---औरंगज़ेब" का!*
  • दरअसल चीन ने पहले भी इस हिस्से पर कब्ज़ा किया था, जिस पर औरंगज़ेब ने उस वक़्त चीन के चिंग राजवंश के राजा "शुंजी प्रथम" को ख़त लिख कर गुज़ारिश की थी कि कैलाश मानसरोवर हिंदुस्तान का हिस्सा है और हमारे हिन्दू भाईयों की आस्था का केन्द्र है, लिहाज़ा इसे छोड़ दें.*
  • लेकिन जब डेढ़ महीने तक किंग "शुंजी प्रथम" की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो औरंगजेब ने चीन पर चढ़ाई कर दी जिसमें औरंगजेब ने साथ लिया कुमाऊँ के राजा "बाज बहादुर चंद" का और सेना लेकर कुमाऊँ के रास्ते ही मात्र डेढ़ दिन में "कैलाश मानसरोवर" लड़ कर वापस छीन लिया*
  • ये वही औरंगज़ेब है जिसे कि कट्टर इस्लामिक बादशाह और "हिन्दूकुश" कहा जाता है, सिर्फ उसी ने हिम्मत दिखाई और चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी थी.*
  • इतिहास के इस हिस्से की प्रमाणिकता को चेक करना हो तो आज़ादी के वक़्त के UNO के हलफनामे जो आज भी संसद में भी सुरक्षित हैं.*
  • और आप हिस्ट्री ऑफ उत्तरांचल :-ओ सी हांडा*
  • तथा द ट्रेजेड़ी ऑफ तिब्बत :-- मन मोहन शर्मा पढ़ सकते हैं.