सदस्य:Amrita.nair0307/प्रयोगपृष्ठ
वह् "क्रोकोडाइल हंटर" के नाम से जाने जाते थे| वह एक ऑस्ट्रेलियाई वन्यजीव विशेषज्ञ,टेलीविजन व्यक्तित्व और एक संरक्षणवादी थे| स्टीव को दुनिया भर में ख्याति, एक टेलीविजन श्रृंखला, "क्रोकोडाइल हंटर" से मिली| यह कार्यक्रम वन्यजीव वृत्तचित्र श्रृंखला पर दिखाया जाता था| उनकी पत्नी का नाम् टेरी है| इरविन ने टेरी के साथ, एक ऑस्ट्रेलियाई चिड़ियाघर खोला| यह चिड़ियाघर, क्वींसलैंड राज्य में स्थित हे| इरविन, ४ सितंबर २००६, को निधन हो गए|
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]स्टीव इरविन का जन्म २२ फ़रवरी १९६२ को हुआ था| उनके माता का नाम लिन और पिता का नाम, बॉब इरविन था| उनका जन्म मेलबोर्न शहर मे हुआ| स्टीव इरविन ने, लान्ड्सबोरोजह्रा ज्य स्कूल और कौलोनद्र् राज्य हाई स्कूल में पढ़ाई की| उनके पिता बी एक वन्यजीव विशेषज्ञ थे| माता एक वन्य जीवन की देखभाल लेने वालि औरत थी| बॉब इरविन जी ने एक साँप और जीव उद्यान,क्वींसलैंड मे खोला| इरविन अलग तरीकों से,साँप और जीव उद्यान मे शामिल हो गए| दैनिक पशु खिला में हिस्सा लेते और उनकी देखभाल करते| स्टीव के छह जन्मदिन पर, उसे एक, 12 फुट (4 मी) अजगर सांप दिया गया था| नौ साल की उम्र में,स्टीव ने मगरमच्छ से निपटना शुरू किया| इरविन ने, १९९१ में पार्क का प्रबंधन अपने हाथो में ले लिय और उस्से बाद मे, ऑस्ट्रेलियाई चिड़ियाघर, नाम दिया| इर्विन ने अप्ने पिता जी से मगरमच्छ को पकड़ने के बारे मे सीखा|
शादी और परिवार
[संपादित करें]स्टीव इरविन ने टेरी से ४ जून १९९२ मे शादी की| सात मे, उन्के दो बच्चे है| बिंदी इरविन और एक बेटा, रॉबर्ट क्लेरेंस| इरविन अपने परिवार के बारे मे उतने ही उत्साहित थे जितने वह अपने काम के बारे में थे| उन्होंने एक बार अपनी बेटी बिंदी का वर्णन इस तरह् किया - उनहोने कहा था कि " उन्कि वजह इस दुनिया मे रेह्ने के लिए उनकि बेटी बिंदी ही है| अप्ने बच्चो को उन्होने बहुत प्यार किया और उन्को छोटि उम्र से ही, जानवरो के बारे मे बहुत सूचना और ज्ञान दी| हमेशा उनहोने जानवरो के बारे मे बात की|
व्यवसाय
[संपादित करें]क्रोकोडाइल हंटर और संबंधित काम
[संपादित करें]"क्रोकोडाइल हंटर" श्रृंखला १९९६ में ऑस्ट्रेलियाई टीवी स्क्रीन पर शुरू हुआ था| और अगले वर्ष मे उत्तर अमेरिकी टेलीविजन पर अपना रास्ता बनाया| क्रोकोडाइल हंटर, अनेक राज्य, जैसे, अमेरिका, ब्रिटेन,और १३० से अधिक अन्य देशों में सफल हो गया था| इरविन के पास विपुल और उत्साही पेश था| लोगो को वह बहुत पसन्द आते थे| उनका तकिया कलाम, "Crikey!" दुनिया भर में जाना जाता है| इर्विन जी के ट्रेडमार्क, उन्के खाकी शर्ट और शॉर्ट्स थे| इन सब की वजह से इरविन जी लोकप्रिय संस्कृति में एक जाने-माने व्यक्ति बन गए थे| सन १९८० मे, स्टीव इर्विन ने, कई महीने, उत्तरी क्वींसलैंड के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों मे,मगरमच्छ को पकड़ने मे,बिताए|वह उन्हें शिकारियों से बचा रहा था| स्टीव इर्विन ने, कई महीने, उत्तरी क्वींसलैंड के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों मे,मगरमच्छ को पकड़ने मे,बिताए|वह उन्हें शिकारियों से बचा रहा था|
सम्मान
[संपादित करें]सन १९९७ में, अपने पिता के साथ क्वींसलैंड के तट पर एक मछली पकड़ने के यात्रा पर, इरविन ने कछुओ की एक नई प्रजाति को खोजा और इस के लिये उन्हे आदार भि मिला | इर्विन जी ने उस कछुए को एक नाम दिया - इर्विन्स तर्तल| सन २००१ में, इरविन को वैश्विक संरक्षण के लिए, सेवा के लिए और ऑस्ट्रेलियाई पर्यटन के लिए, ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा "शताब्दी पदक" से सम्मानित किया गया था| उन्हे, "वर्ष के ऑस्ट्रेलियाई" के लिए २००४ में नामांकित किया गया था| उन्के मौत से पेह्ले, इर्विन जी को क्वींसलैंड के स्कूल के विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर का पद मिला| सन २००७, मय मे, रवांडा की सरकार ने, वन्यजीव संरक्षण में अपने काम के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में, एक बच्चे गोरिल्ला को इर्विन जी का नाम दिया| इर्विन जी इस पीढ़ियों के सब्से महान पशु संरक्षणवादी आदमी है|
पर्यावरणवाद
[संपादित करें]इर्विन जी एक भावुक संरक्षणवादी आदमि थे| वह प्राकृतिक दुनिया के बारे में अपने उत्साह को साझा करने के बजाय लोगों को उपदेश द्वारा पर्यावरणवाद को बढ़ावा देने में विश्वास करते थे। उनका मान्ना था की संरक्षण उन्के काम की सब्से जरूरी और महत्वपुर्न चिज़ थी| वे खुद को एक "wildlife warrior" - वन्य जीवन के योद्धा मान्नते थे|
उन्के पास हमेशा एक अलौकिक छठे भाव था, और उन्होने अप्नि सारि ज़िन्द्गि अप्ने इस् कौशल में सुधार लाने मे डाल दी| इरविन विचारशील पर्यटन के क्षेत्र में भाग लेने के लिए, लोगों से आग्रह किया करते थे| इर्विन अवैध शिकार का समर्थन नहीं करते और लोगो को कछुआ गोले या शार्क फिन सूप, खरीदने से इन्कार करते| इर्विन को मार्क टोवणॅनड, RSPCA क्वींसलैंड के सीईओ द्वारा "आधुनिक दिन नूह" वर्णित किया गया था| इर्विन जी एक प्राकृतिक इतिहासकार और मीडिया कलाकार थे और इस के लिये उन्हे बहुत प्रशंसा मीली है| स्टिव इर्विन ने अप्ने चिड़ियाघर को अपना घर बुलाया| उन्हे जाइवरो से बेह्द प्यार था| जब भी वे कोई जानवर देख्ते तो जोर से चिल्ला कर कहते "क्रिन्की"| और ये शबद बहुत प्रसिद्ध हो गया|
खेलकूद गतिविधियां
[संपादित करें]स्टीव जी, मिश्रित मार्शल आर्ट प्रतियोगिताओं को बहुत पसन्द करते थे और ग्रेग जैक्सन नामक ट्रेनर के साथ प्रशिक्षित करते| कई ऑस्ट्रेलियाई लोग की तरह,स्टीव भी एक महान क्रिकेट प्रशंसक थे| उनहे कॉलेज फुटबॉल मे बहुत रुचि थी| वे रग्बी लीग के भी एक प्रशंसक थे| इर्विन एक प्रतिभाशाली सर्फर थे|
मौत
[संपादित करें]सितंबर ४ २००६ में,स्नॉर्कलिंग करते समय,क्वींसलैंड में पोर्ट डगलस के तट पर, इरविन जी की मौत हो गई थी| उनकि उमर ४४ थी| वे ग्रेट बैरियर रीफ में, " महासागरों घातक"( Ocean's Deadliest) नामक टीवी शो को बना रहे थे जब उनहे एक स्टिंगरे (Stingray) ने उनहे काट लिया और इसी वजह से उन्की मौत हो गई| उसकी अचानक मौत की खबर से दंग रह कर्, दुनिया भर के लोगों ने उन्के लिए उनके निधन पर शोक प्रकट किये थे| कई लोगो ने, ऑस्ट्रेलिया चिड़ियाघर मे, फूल और नोट्स छोडे थे| अन्कि पत्नी और दो बच्चों ने चिड़ियाघर का ख्याल रखा है| स्टिव की बेटी, बिंदी इरविन, ने अप्ने पिता के, टीवी धारावाहिक को जारी रखा| वे बहुत स्मार्ट लड़की है|
फिल्मोग्राफी
[संपादित करें]वह क्ई टीवी शो के होस्ट रहे है| फिल्मों में भाग लिया, जैसे-
१)Happy Feet
२)Ocean's Deadliest
३)Wiggly Safari
४)Dr. Dolittle 2
५)The Crocodile Hunter और अधिक शो मे भाग लिया|
सबसे बड़ा योगदान
[संपादित करें]अंत में,अपनी क्षमता के माध्यम से,लाखो लोग को मनोरंजन और शिक्षित करने के साथ, इर्विन जी ने दुनिया भर के संरक्षण के बारे में जागरूकता उठाई और इस योगदान से अधिक योगदान क्या हो सकता है? उन्हो ने दोनिया भर के लोगो को जानवरों के बारे मे इत्नि ज्ञान दी है|इर्विन जी एक भावुक संरक्षणवादी आदमि थे| वह प्राकृतिक दुनिया के बारे में अपने उत्साह को साझा करने के बजाय लोगों को उपदेश द्वारा पर्यावरणवाद को बढ़ावा देने में विश्वास करते थे। उनका मान्ना था की संरक्षण उन्के काम की सब्से जरूरी और महत्वपुर्न चिज़ थी|इरविन अपने परिवार के बारे मे उतने ही उत्साहित थे जितने वह अपने काम के बारे में थे| वे खुद को एक "wildlife warrior" - वन्य जीवन के योद्धा मान्नते थे| आज के ज़ामाने के कई बच्चे बडे होकर,स्टीव इर्विन की तारह बनना चाहते है|वे रग्बी लीग के भी एक प्रशंसक थे| स्टिव इर्विन कि पत्नि ने उन्के बारे मे बहुत सारी चीज़े कही है| सन २००७, मय मे, रवांडा की सरकार ने, वन्यजीव संरक्षण में अपने काम के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में, एक बच्चे गोरिल्ला को इर्विन जी का नाम दिया|