सदस्य:2340610ArianSahu/प्रयोगपृष्ठ
बनदुर्गा
[संपादित करें]भारतवर्ष में की तरह के त्योहार बनाए जाते हैं। वैसे ही ओड़िशा राज्य जो भारत के पूर्व ओर स्थित एक राज्य हैं। ओड़िशा अपने संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। वैसे ओड़िशा के अनुगुल ज़िले में पड़ता है एक छोटा सा गांव । डस गांव का नाम राउटल है जो जारपड़ा तहसील के अंदर आता है। इस गांव कि जनसंख्या 644 है जिसमें 313 नर और 331 नारी जनसंख्या है। यह गांव का क्षेत्र 115 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस गांव में 134 घर है। इस गांव का पिनकोड है 759127 ओर यह गांव अनुगुल से 20 किलोमीटर दूर है।राउटल गांव की ग्राम देवी मां बनदुर्गा है[1] । गांव के लोग मां बनदुर्गा को अपनी देवी माता मानते हैं। बनदुर्गा भगवान मां दुर्गा का एक रुप है और बनदुर्गा मां कि पूजा रोज कि जाती है और यह कहा जाता है कि अगर मां बनदुर्गा से जो मांगो वह मिल जाता है। मां बनदुर्गा को गांव के एक मंदिर में रखा जाता है। प्रसाद के रुप में मां बनदुर्गा को काले रंग कि सारी , केले और लाल रंग का जपापुष्प चढ़ाया जाता है।भाद्रक महीने जो साल के छटवा माह में पड़ता है, डस माह के द्वितीय दिन में मां बनदुर्गा को गांव में घुमाया जाता है। मां बनदुर्गा को जंगल के एक मंदप पर विराजमान किया जाता है। इस समय गांव में जात्रा होते हैं जिससे कई तरह के नातक एवं नृत्य का आयोजन होता है जिससे कई तरह के समुदायिक संस्कृति को प्रोन्नति किया जाता है। जहां जात्रा होते हैं वहां मैले भी लगते हैं जिससे गांव का माहौल बहुत आनंद दायक हो जाता है। मां बनदुर्गा को एक दिन के लिए जंगल में रखा जाता है मानो कि मां पूरे गांव कि रक्षा कर रही हो और अपनी आशीर्वाद दे रही हो। हिन्दू धर्म में मुंडन जिससे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहते हैं, यह बहुत अहमियत रखता है। जब मां बनदुर्गा को जंगल के एक मंदप पर विराजमान किया जाता है तो गांव के छोटे छोटे बालको का मुंडन कराया जाता है। मंदप संस्कृति शास्त्रों के अनुसार जब एक बालक का मंदप होता है वह यह दर्शाता है कि उस बालक का मानसिक विकास शुरू हो जाता है। यह एक दिन बच्चों के लिए बहुत आनंद दायक होता है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Rautal Village in Jarapada (Anugul) Odisha | villageinfo.in". villageinfo.in. अभिगमन तिथि 2024-10-16.