सदर बाजार, दिल्ली

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सदर बाज़ार
Sadar Bazaar
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सदर बाज़ार का दृश्य
सदर बाज़ार का दृश्य
सदर बाज़ार is located in नई दिल्ली
सदर बाज़ार
सदर बाज़ार
दिल्ली में स्थिति
निर्देशांक: 28°39′32″N 77°13′01″E / 28.659°N 77.217°E / 28.659; 77.217निर्देशांक: 28°39′32″N 77°13′01″E / 28.659°N 77.217°E / 28.659; 77.217
देश भारत
प्रान्तदिल्ली
ज़िलाउत्तर दिल्ली ज़िला
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी, अंग्रेज़ी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड110006

सदर बाज़ार (Sadar Bazaar) भारत के दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उत्तर दिल्ली ज़िले में एक क्षेत्र है। यह थोक बिक्री का एक प्रसिद्ध बाज़ार है।[1][2]

विवरण[संपादित करें]

सदर बाज़ार में आप को शिंगार सामान जैसे चूड़ियां, नेल पॉलिश, लिपस्टिक, बिंदी, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, कंघा शीशा, रोजाना घरों में इस्तेमाल होने वाला (पर्सनल केयर, होम केयर ) सामान, स्वयं को सजाने का सामान, मेकअप का सारा सामान, हर त्योहार का सामान, चुनाव की सामग्री जैसे झंडे बिल्ले, बच्चों के खिलौने, झूले,स्टेशनरी का सामान, हर प्रकार की क्रॉकरी, बिजली का सामान, बर्तन, पर्स, बैग, डायरी, मोबाईल एसेसरी, गाड़ियों के तिरपाल, छतरी, मच्छर दानी, चुहेदनी, तस्ला, कस्सी, हथौड़ी, और भी बहुत कुछ, जो सामान आप को रोज मर्रा के जीवन में जिस भी सामान की जरूरत पड़ती है वो सब कुछ, अगर थोक भाव में चाहते हैं तो आप सदर बाज़ार का रुख कर सकते हैं। यह सब कुछ थोक भाव में मिलता है। कॉस्मेटिक्स और जनरल स्टोर से आप जो भी सामान फुटकर में हर रोज खरीदते हैं।उस सारे समान का थोक का बाज़ार है सदर बाज़ार दिल्ली।

एक अनुमान के अनुसार यहां करीब चालीस हजार से ज्यादा थोक की दुकानें हैं। कुछ मैन्युफैक्चर भी यहां अपना उत्पाद बना कर खुद ही उसे बेचते हैं। बहुत बड़ा पटरी बाज़ार भी है। जहां से आप खुदरा खरीददारी भी कर सकते हैं। इस बाज़ार की एक विशेषता ये भी है के यह बाज़ार मौसम के अनुसार अपना रंग बदल लेता है। जैसे जब भी कोई त्योहार आता है तो ये बाज़ार उस त्योहार के अनुसार आप की जरूरत के सामान का आप को बहुत बड़ी मात्रा में थोक दुकान दार प्रदान करता है। जैसे होली के दिनों में रंग पिचकारी, गुब्बारे आदि, दीवाली के दिनों में घर की सजावट का सामान, झालर लड़ियां, लाईटें, गिफ्ट आइटम्स, ग्रीटिंग कार्ड्स, राखी के दिनों में राखी ही राखी। 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिनों में तिरंगे झंडे, पतंग। नव रात्रि के दिनों में माता की चुनरी और भी सामान। यानी आप की हर जरूरत का सामान यहां थोक भाव में मिलता है और भरपूर वराइटी और चॉइस से मिलता है। और पूरे हिंदुस्तान में सब से सस्ता मिलता है, बस आप के पास खरीदने की समझ बूझ होनी चाहिए।

इस एक ही बाज़ार में छोटी छोटी तंग गलियों में बहुत सारी छोटी छोटी मार्केट हैं। इन मार्केट में छोटी छोटी दिखने वाली दुकानों की हैसियत बहुत बड़ी हैं। किसी भी सामान की आप कितनी भी क्वांटिटी यहां से ले सकते हैं। सब कुछ क्वांटिटी में ही बिकता है यहां। बहुत सारी रेंज और वैरायटी आप को यहां मिलेगी। पुरानी बिल्डिगों में दूसरी, तीसरी, और चौथी मंजिल पर भी बहुत बढ़िया और बड़ी बड़ी थोक की दुकानें हैं।

रविवार को बाज़ार की बंद रहता है, लेकिन बहुत बड़ा पटरी बाज़ार लगता है यहां। और रिटेल ग्राहकों की बहुत भीड़ लगती है। एक मेले जैसा माहौल होता है सन्डे को। हर रोज सुबह 6 बजे से 10 बजे तक भी पटरी बाज़ार लगता है, जिसमें आस पास के छोटे दुकानदार खरीददारी करने बहुत बड़ी संख्या में आते हैं। और टाईम से वापस जा कर अपनी दुकान पर पहुंच जाते हैं। जिस से उनका दुकानदारी का समय बाधित नहीं होता और वो खरीददारी कर के अपनी दुकान पर भी पूरा समय दे पाते हैं।

सदर बाजार के एक तरफ खारी बावली मार्केट है जहां पर खाने पीने का कच्चा समान, सभी प्रकार की दाले, चावल, आटा, घी तेल, ड्राई फूट्स, मसाले की बहुत बड़ी थोक की मार्केट है। एक तरफ आज़ाद मार्केट जहां पर तिरपाल और पॉलीथिन छतरी, गाड़ी कवर, बैग्स की थोक मार्केट है। एक तरफ डिप्टी गंज जहां बर्तनों और क्रॉकरी की थोक की मार्केट है। एक तरफ पहाड़गंज जहां होटल ही होटल हैं। एक तरफ करोल बाग़ मार्केट है। चांदनी चौक, श्रृद्धा नन्द मार्ग( जी बी रोड़, रेड लाइट एरिया ) है। यह सब मार्केट भी सदर बाज़ार से लगती हुई मार्केट हैं।

सदर बाजार में तेलीवाड़ा, बारह टूटी चोक, क़ुतुब रोड़, पुराना बहादुर गढ़ रोड़, मिठाई पुल चोक, तांगा स्टैंड, बाड़ा, ये सदर बाज़ार के मुख्य सड़के और चौक हैं। मटके वाली गली, स्वदेशी मार्केट, प्रताप मार्केट, न्यू मार्केट, हनुमान मार्केट,गांधी मार्केट, रूई मण्डी, अनाज मंडी, गली ग्यारह, आदि यहां पर अनेक मार्केट हैं। बारह टूटी चौक के पास एक सिनेमा हाल भी था, वेस्ट एंड, जो अब काफी सालों से बंद पड़ा है। यहां तक पहुंचने के लिए काफी सारे रास्ते हैं। सदर बाजार रेलवे स्टेशन, न्यू दिल्ली स्टेशन दिल्ली जंक्शन, सब्जी मण्डी स्टेशन, किशन गंज स्टेशन ये रेलवे के स्टेशन हैं जहां से आप आसानी से सदर बाज़ार आ सकते हैं। ये सब सदर बाज़ार से 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर हैं।

आवागमन[संपादित करें]

तीस हजारी मेट्रो, पुल बंगश, कश्मीरी गेट, आर के आश्रम और न्यू दिल्ली मेट्रो स्टेशन से भी आप सदर बाजार आ सकते हैं।यहां से आप को आसानी से 10 रुपए प्रति सवारी के हिसाब से रिक्शा मिल जाएगा। अगर आप अपनी गाड़ी से यहां आना चाहते हैं तो आ सकते हैं लेकिन बहुत भीड़ वाला इलाका है, पार्किंग की भी व्यवस्था बहुत बुरी है। आप फंस सकते हैं।

पार्किंग के नाम पर यहां कुछ नहीं है। सदर बाजार रेलवे के पास एक छोटी सी पार्किंग है और सदर थाना के पास एक पार्किंग प्लेस है, जो सुविधा पूर्ण नहीं है। हमारी सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वेस्ट एंड सिनेमा पर भी अन ऑथराइज्ड पार्किंग है, लेकिन विश्वसनीय नहीं है के आप को जगह मिलेगी या नहीं।

सुविधाएँ[संपादित करें]

प्रशासन की तरफ से इतनी बड़ी मार्केट की कोई भी सुविधा नहीं है। सुलभ शौचालय की लंबी लाइन हैऔर महिलाओं के लिए यहां कुछ भी सुविधा नहीं है। जब की एक बहुत बड़ी मात्रा में यहां हर रोज महिला ग्राहक आती हैं। अपनी सुरक्षा आप को स्वयं ही करनी है। भीड़ भाड़ और गंदगी,तंग रास्ते झल्ली वालों ( मजदूरों ) की बदतमीजी आप को अखर सकती है। अति क्रमण असहनीय महसूस होगा। खाने पीने के लिए खोमचे वालों से काम चलाना पड़ेगा। अगर आप पहली बार आए हैं और किसी तंग गली में फंस गए हैं तो बहुत स्वाभाविक है के आप को यहां आने पर पछतावा हो।

अगर आप को यहां रुकना पड़े तो ज्यादातर व्यापारी पहाड़ गंज जा कर होटल में स्टे करते हैं। सदर बाजार में भी एक नव युग गेस्ट हाउस है, और झब्बन लाल धर्मशाला भी है। इनमें सुविधाएं तो ज्यादा नहीं है, पर आप यहां रात बिता सकते हैं। खाने में यहां कुलचे, भटूरे, कचोरी, समोसे, ही ज्यादा मिलते हैं। कोई बढ़िया ढाबा या रेसटोरेंट्स यहां नहीं है।

एक बात और यहां आप को दलालों से भी सतर्क रहने की जरूरत है, सदर बाज़ार आने के सभी रास्तों पर आप को विजिटिंग कार्ड्स देकर लोग अपनी दुकानों पर बुलाते हुए मिलेंगे। वास्तव में ये लोग दलाल होते हैं और आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे लोगों के साथ ना जाएं। कई बार ऐसे ही सस्ता सामान दिलाने के नाम पर लूट पाट की घटना भी घट जाती है।

इतनी बड़ी मार्केट में दुकानदारों की एसोसिएशन भी हैं, लेकिन अपने बाज़ार को बेहतर बनाने की कोई कोशिश नजर नहीं आती। सरकार को इस बाज़ार से इतना टैक्स मिलता है, उसके बाद भी यहां सरकार की तरफ से आप को या दुकानदारों को सफाई और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं मिलती। मोबाईल नेटवर्क का भी इश्यू रहता है। पुलिस प्रशासन की अनदेखी से सारा सिस्टम ठप्प दिखेगा आप को। अतिक्रमण का ऐसा नज़ारा आप को और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। और आप के कानों में ये आवाज़ आती रहेगी "दिल्ली पुलिस सदैव आप के साथ "।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]