सत्ते पे सत्ता
सत्ते पे सत्ता | |
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सत्ते पे सत्ता का पोस्टर | |
निर्देशक | राज एन॰ सिप्पी |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद)[1] |
पटकथा |
ज्योति स्वरूप सतीश भटनागर |
निर्माता | रोमू एन॰ सिप्पी |
अभिनेता |
अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, रंजीता, अमज़द ख़ान, शक्ति कपूर, सचिन, पेंटल, रंजीत, सुधीर, कंवलजीत सिंह, विजयेन्द्र घटगे, सारिका |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
22 जनवरी, 1982 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सत्ते पे सत्ता 1982 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य एक्शन फ़िल्म है। इसमें अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, अमज़द ख़ान, रंजीता, सचिन, शक्ति कपूर, पेंटल, विजयेन्द्र घटगे, सुधीर, सारिका, कंवलजीत सिंह, प्रेमा नारायण, मैक मोहन और कल्पना अय्यर आदि शामिल हैं।
संक्षेप
[संपादित करें]सत्ते पे सत्ता सात भाइयों की कहानी है। उनमें सबसे बड़ा रवि (अमिताभ बच्चन) जो अपने भाइयों की देखरेख करते रहता है। वे सभी अनाथ और अशिक्षित होते हैं। उन लोगों को अच्छे से रहना भी नहीं आता है। उन लोगों की जिंदगी में तब बदलाव आता है, जब रवि को एक नर्स इन्दु (हेमा मालिनी) से प्यार हो जाता है। रवि उसे बेवकूफ बनाता है और कहता है कि उसका सिर्फ एक ही छोटा भाई है। इसके बाद रवि और इन्दु की शादी हो जाती है।
बाद में उसे पता चलता है कि रवि के और पाँच भाई भी हैं और सभी के सभी अशिक्षित और असभ्य हैं। इन्दु उन सभी भाइयों को सभ्य बनाने के काम में लग जाती है। उसके 6 भाइयों को जल्द ही एक समूह की 6 महिलाओं से प्यार हो जाता है। लेकिन इस बीच रंजीत सिंह (अमज़द ख़ान) किसी रवि की तरह दिखने वाले, बाबू को पैतृक संपत्ति हासिल करने के लिए सीमा (रंजीता) को मारने का आदेश देता है।
रंजीत किसी तरह रवि का अपहरण कर लेता है और उसके जगह बाबू को रवि बना कर भेज देता है। बाबू वहाँ सीमा की हत्या करने का प्रयास करते रहता है। लेकिन इस सदमे से सीमा के पैर फिर से काम करने लगते हैं और वो भागने में सफल हो जाती है। बाबू कई दिन रवि के परिवार वालों के साथ रहता है और अंत में उसे अपनी गलती का एहसास होता है और वो परिवार वालों को अपना सच बता देता है। परिवार वाले उसे माफ कर देते हैं, क्योंकि उसने रवि होने का कोई फायदा नहीं उठाया था और खुद ही सच्चाई भी बता दिया। बाबू उन भाइयों को रंजीत के ठिकाने तक ले जाता है। वे लोग रंजीत को हरा कर रवि को छुड़ा लेते हैं।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- अमिताभ बच्चन — रवि आनन्द / बाबू
- हेमा मालिनी — इंदु बड़जात्या आनन्द
- रंजीता - सीमा सिंह
- अमज़द ख़ान — रंजीत सिंह
- शक्ति कपूर — मंगल आनन्द
- सचिन — शनि आनन्द
- पेंटल — बुध आनन्द
- सुधीर — सोम आनन्द
- कंवलजीत सिंह — गुरू आनन्द
- विजयेन्द्र घटगे — शेखर
- विमल साहू — शुक्र आनन्द
- सारिका - शीला
- मैक मोहन — रंजीत का आदमी
- प्रेमा नारायण — मंगल की प्रेमिका
- मधु मल्होत्रा — बुध की प्रेमिका
- अराधना — शुक्र की प्रेमिका
- आशा सचदेव — गुरू की प्रेमिका
- रजनी शर्मा — शनि की प्रेमिका
- शोभिनी सिंह — सोम की प्रेमिका
- कल्पना अय्यर —
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत गुलशन बावरा द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "दिलबर मेरे कब तक मुझे" | किशोर कुमार, एनेट पिंटो | 4:47 |
2. | "प्यार हमें किस मोड़ पे" | किशोर कुमार, आर॰ डी॰ बर्मन, भूपेन्द्र सिंह, सपन चक्रवर्ती, गुलशन बावरा | 6:33 |
3. | "जिंदगी मिल के बिताएंगे" | किशोर कुमार, आर॰ डी॰ बर्मन, भूपेन्द्र सिंह, सपन चक्रवर्ती | 4:30 |
4. | "मौसम मस्ताना रस्ता अनजाना" | आशा भोंसले, दिलराज कौर | 4:38 |
5. | "दुक्की पे दुक्की हो" | आशा भोंसले, किशोर कुमार, आर॰ डी॰ बर्मन, भूपेन्द्र सिंह, सपन चक्रवर्ती, बासु | 5:45 |
6. | "झुका के सिर को पूछो" | आशा भोंसले, सपन चक्रवर्ती | 4:38 |
7. | "परियों का मेला हैं" | किशोर कुमार, आर॰ डी॰ बर्मन, सपन चक्रवर्ती, एनेट पिंटो | 6:29 |
8. | "जिंदगी मिल के बिताएंगे" (II) | किशोर कुमार | 1:48 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "कादर ख़ान नहीं रहे, कनाडा में ली अंतिम साँस". बीबीसी हिन्दी. 1 जनवरी 2019. मूल से 3 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जनवरी 2019.