श्याम नारायण सिंह

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श्याम नारायण सिंह (1901-1968) भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होने उस समय बिहार में हुए विभिन्न आन्दोलनों में भाग लिया क्योंकि बहुत कम आयु में ही वे स्वतन्त्रता के लिए तड़प रहे थे। १९४२ में अंग्रेज सरकार ने उन्हे देखते ही गोली मारने का आदेश कर दिया था। वे चुनावी राजनीति का महत्व भी समझ चुके थे और १९३७ से ही विधायिका के सदस्य रहे। [1]

१९४७ में पटना में हुए ब्रिटिश-विरोधी आन्दोलन में बोलने वाले वे अन्तिम वक्ता थे। जब वे बोलने लगे तो पुलिस ने गोली चलानी शुरू कर दी जिसमें सात नवयुवक मारे गए थे। इसी स्थान पर पटना का शहीद स्मार्क बनाया गया है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Remembering the Courageous Freedom Fighter of Bihar, 'Shyam Narayan Singh' on his 119th Birth Anniversary". मूल से 12 सितंबर 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2020.