शून्य छाया दिवस

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शून्य छाया दिवस पर प्रयोग करते विद्यार्थी

शून्य छाया दिवस वह दिन होता है, जिस दिन सूर्य दोपहर के समय किसी वस्तु की छाया नहीं डालता है। इसी दिन सूर्य बिल्कुल आंचल स्थिति में होता है। शून्य छाया दिवस वर्ष में दो बार उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (२३.४° उत्तर अक्षांश पर कर्क रेखा और २३.४° दक्षिण पर मकर रेखा के बीच) के लिए होता है। पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों के लिए तारीखें अलग-अलग होताहै। यह घटना तब घटित होती है जब सूर्य का झुकाव स्थान के अक्षांश के बराबर हो जाता है। [1] शून्य छाया वाले दिन, जब सूर्य स्थानीय मध्याह्न रेखा को पार करता है, तो सूर्य की किरणें जमीन पर किसी वस्तु के सापेक्ष बिल्कुल लंबवत पड़ेंगी और कोई भी उस वस्तु की कोई छाया नहीं देख सकता है। [2]

Subsolar point date graph

दुनिया के नक्शे पर अनुमानित उप-सौर बिंदु तिथियां बनाम अक्षांश सुपरइम्पोज किया गया है, उदाहरण नीले रंग में होनोलूलू में लहेना नून को दर्शाता है।साँचा:Subsolar point date graph.svg

और भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "Zero Shadow Day". ASI POEC (अंग्रेज़ी में). 2017-04-07. अभिगमन तिथि 2019-08-22.
  2. Newsd (2019-04-24). "Zero Shadow Day 2019: Date, time & know why you cannot see your shadow". News and Analysis from India. A Refreshing approach to news. (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2019-08-22.