शिंजिनी भटनागर
शिंजिनी भटनागर | |
---|---|
आवास | भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
क्षेत्र | बाल चकित्सा गैस्ट्रोएनेट्रोलोजी |
संस्थान | ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, फ़रीदाबाद]] |
शिक्षा | लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय |
उल्लेखनीय सम्मान | होतम तोमर स्वर्ण पदक |
शिंजिनी भटनागर एक भारतीय बाल चकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की विशेषज्ञ हैं। उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में शोधकर्ता नियुक्त किया गया है। उनके अनुसंधान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेप्टोलोजी और पोषण के द्वितीय विश्व कांग्रेस से मान्यता प्राप्त है। उन्हें बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में अनुसंधान के लिए डॉ एस टी आचार स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था, और बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में संशोधन करने के लिए होतम तोमर स्वर्ण पदक से नवाज़ा गया था।
शिक्षा और कैरियर
[संपादित करें]शिंजिनी भटनागर, प्रोफेसर और ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, फ़रीदाबाद में मौजूद बाल जीव केंद्र की मुखिया हैं। परियोजना के तहत उनके कार्य में विकासशील देशों में मुंह से लेने वाली दवाओं की खराब स्थिति का अनुमान लगाना और भारत में सिलीऐक रोग का चलन देखना।
पुरस्कार और सम्मान
[संपादित करें]- शोधकर्ता, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत
- बचपन में दस्त रोगों की खोज के लिए अस्थायी सलाहकार
- उनके अनुसंधान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मान्यता
- बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेप्टोलोजी और पोषण के द्वितीय विश्व कांग्रेस से खोज के लिए 2004 में मान्यता