शंखलिपि

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भारत तथा जावा और बोर्नियो में प्राप्त बहुत से शिलालेख शंखलिपि में हैं। इस लिपि के वर्ण 'शंख' से मिलते-जुलते कलात्मक होते हैं

यह लिपी तीर्थंकर महावीर कालिन हैं. राजगीर, बिहार मे रास्तों पर भी खुदि है।गौतम बुद्ध पहले जैन थे तथा महावीर के शिष्य थे.जब वे अलग हुये तो उदयगिरि आये.और शंख लिपी मे महावीर के लिये संदेश छोड गये.