वेदिक गणित (बहुविकल्पी)

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वेदिक गणित के दो अर्थ हो सकते हैं:

  • वेदिक गणित (विषय): वैदिक गणित प्राचीन भारत में प्रचलित गणित प्रणाली थी। इसे भारती कृष्ण तीर्थ ने 1911 और 1918 के बीच पुनः खोज निकाला था। यह एक तार्किक प्रणाली है जिसमें अध्ययन के अनुसार लचक का प्रावधान है। इससे स्मरण शक्ति की वृद्धि तथा आनन्दमय प्रशिक्षण की सम्भावना है। गणित प्रश्नों को आसानी से इससे हल किया जा सकता है।
  • वैदिक गणित (पुस्तक): ऊपर के विषय पर भारती कृष्ण तीर्थ द्वारा खोज निकाली गई प्राचीन भारत की प्रणाली पर लिखित पुस्तक है। इसे आधूनिक काल में कई शैक्षिक संस्थाओं में पढ़ाया जाता है। इससे समझा जाता है कि नव युवकों में नई चेतना प्रकाशित होती है और यह शिक्षकों के कार्य में सहायक है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]