"कलीसिया": अवतरणों में अंतर

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[[File:Hortus Deliciarum, Das Gebäude der Kirche mit den Gläubigen.JPG|thumb|एक ''एक्कलीसिया'' को दर्शाती हुई, मध्यकालीन यूरोपीय चित्र, १२वीं सदी]]
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'''कलीसिया''' ([[लैटिन भाषा|लातिनी]]:Ecclesia, ''एक्क्लेसिया'') अथवा '''चर्च''' का अर्थ [[ईसाई धर्म]] के अन्तर्गत आने वाले किसी भी धार्मिक संगठन या साम्प्रदाय को कहा जाता है। कलीसिया, का शाब्दिक अर्थ है लोगों का समूह या सभा। कलीसिया कुछ विशेष ईसाइ विश्वासियों का संगठन या समूह, को कहते हैं, जिन्हें ईसाई मान्यता के अनुसार, एकमात्र परमेश्वर में विस्वास हो तथा उनके पुत्र ईसा मसीह पर विश्वास हो। विश्वासियों के इस समुदाय के सदस्य इस तरह देश-काल से परे एक सार्वभौमिक कलीसिया के भाग होते हैं। यह सार्वभौमिक कलीसिया एक वैश्विक समुदाय के समान है जिसमें हर विश्वासी एक अंग का कार्य करता है।
'''कलीसिया''' ([[लातिन भाषा|लातिनी]]:Ecclesia, ''एक्क्लेसिया'') अथवा '''चर्च''' का अर्थ [[ईसाई धर्म]] के अन्तर्गत आने वाले किसी भी धार्मिक संगठन या साम्प्रदाय को कहा जाता है। कलीसिया, का शाब्दिक अर्थ है लोगों का समूह या सभा। कलीसिया कुछ विशेष ईसाइ विश्वासियों का संगठन या समूह, को कहते हैं, जिन्हें ईसाई मान्यता के अनुसार, एकमात्र परमेश्वर में विस्वास हो तथा उनके पुत्र ईसा मसीह पर विश्वास हो। विश्वासियों के इस समुदाय के सदस्य इस तरह देश-काल से परे एक सार्वभौमिक कलीसिया के भाग होते हैं। यह सार्वभौमिक कलीसिया एक वैश्विक समुदाय के समान है जिसमें हर विश्वासी एक अंग का कार्य करता है।


==नामकरण==
==नामकरण==
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इस बात से सहमत हैं कि ईसा ने केवल एक ही कलीसिया की स्थापना की थी, किंतु अनेक कारणों से ईसाइयों की एकता अक्षुण्ण नहीं रह सकी। फलस्वरूप आजकल ईसाई धर्म के बहुत से कलीसिया अथवा संगठन वर्तमान हैं जो एक दूसरे से पूर्णतया स्वतंत्र हैं। उनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है :
इस बात से सहमत हैं कि ईसा ने केवल एक ही कलीसिया की स्थापना की थी, किंतु अनेक कारणों से ईसाइयों की एकता अक्षुण्ण नहीं रह सकी। फलस्वरूप आजकल ईसाई धर्म के बहुत से कलीसिया अथवा संगठन वर्तमान हैं जो एक दूसरे से पूर्णतया स्वतंत्र हैं। उनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है :


===[[रोमन काथलिक चर्च|रोमन काथलिक कलीसिया]]===
===[[कैथोलिक कलीसिया|रोमन काथलिक कलीसिया]]===
[[File:Petersdom von Engelsburg gesehen.jpg|thumb|right|250px|[[वैटिकन सिटी]] का [[संत पीटर्स बसिलिका]], विश्व का मौजूद सबसे विशाल चर्च भवन(गिरजा), तथा रोमन कैथोलिक कलीसिया का मुख्यालय।<ref name="UNESCO Article">[http://whc.unesco.org/en/list/286 UNESCO World Heritage: Vatican City]</ref>]]
[[File:Petersdom von Engelsburg gesehen.jpg|thumb|right|250px|[[वैटिकन सिटी]] का [[संत पीटर्स बसिलिका]], विश्व का मौजूद सबसे विशाल चर्च भवन(गिरजा), तथा रोमन कैथोलिक कलीसिया का मुख्यालय।<ref name="UNESCO Article">[http://whc.unesco.org/en/list/286 UNESCO World Heritage: Vatican City]</ref>]]
इसका संगठन सबसे सुदृढ़ है एवं विश्व भर के अधिकांश ईसाई इसके सदस्य हैं। [[रोमन कैथोलिक]] [[रोम]] के [[पोप]] को सर्वोच्च धर्मगुरु मानते हैं। ये स्वयं ही एक चर्च है।
इसका संगठन सबसे सुदृढ़ है एवं विश्व भर के अधिकांश ईसाई इसके सदस्य हैं। [[कैथोलिक कलीसिया|रोमन कैथोलिक]] [[रोम]] के [[पोप]] को सर्वोच्च धर्मगुरु मानते हैं। ये स्वयं ही एक चर्च है।


===[[प्राच्य चर्च|प्राच्य कलीसिया]]===
===[[प्राच्य कलीसिया]]===
पूर्व यूरोप के प्राय: सभी ईसाई जो शताब्दियों पहले [[रोम]] से अलग हो गए हैं, अधिकांश आर्थोदोक्स (Orthodox) कहलाते हैं। [[ऑर्थोडॉक्स]] रोम के पोप को नहीं मानते, पर अपने-अपने राष्ट्रीय धर्मसंघ के [[पैट्रिआर्क]] को मानते हैं और परम्परावादी होते हैं। हर राष्ट्र का सामान्यतः अपना अलग ही चर्च होता है।
पूर्व यूरोप के प्राय: सभी ईसाई जो शताब्दियों पहले [[रोम]] से अलग हो गए हैं, अधिकांश आर्थोदोक्स (Orthodox) कहलाते हैं। [[पूर्वी ऑर्थोडॉक्स चर्च|ऑर्थोडॉक्स]] रोम के पोप को नहीं मानते, पर अपने-अपने राष्ट्रीय धर्मसंघ के [[पैट्रिआर्क]] को मानते हैं और परम्परावादी होते हैं। हर राष्ट्र का सामान्यतः अपना अलग ही चर्च होता है।


===[[प्रोटेस्टैंट धर्म|प्रोटेस्टैंट कलीसिया]]===
===[[प्रोटेस्टेंट संप्रदाय|प्रोटेस्टैंट कलीसिया]]===
यह 16वीं शताब्दी में प्रारंभ हुआ था। [[प्रोटेस्टेंट]] किसी [[पोप]] को नहीं मानते और इसके बजाय बाइबिल में पूरी श्रद्धा रखते हैं। इस साम्प्रदाय में कई चर्च आते हैं।
यह 16वीं शताब्दी में प्रारंभ हुआ था। [[प्रोटेस्टेंट संप्रदाय|प्रोटेस्टेंट]] किसी [[पोप]] को नहीं मानते और इसके बजाय बाइबिल में पूरी श्रद्धा रखते हैं। इस साम्प्रदाय में कई चर्च आते हैं।


===[[ऐंग्लिकन समुदाय|ऐंग्लिकन कलीसिया]]===
===[[आंग्लिकाई ऐक्य|ऐंग्लिकन कलीसिया]]===
यद्यपि प्रारंभ ही से ऐंग्लिकन चर्च पर प्रोटेस्टैंट धर्म का प्रभाव पड़ा, फिर भी अधिकांश ऐंग्लिकन ईसाई अपने को प्रोटेस्टैंट नहीं मानते।
यद्यपि प्रारंभ ही से ऐंग्लिकन चर्च पर प्रोटेस्टैंट धर्म का प्रभाव पड़ा, फिर भी अधिकांश ऐंग्लिकन ईसाई अपने को प्रोटेस्टैंट नहीं मानते।


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*[[गिरजाघर]]
*[[गिरजाघर]]
*[[ईसाई धर्म का इतिहास]]
*[[ईसाई धर्म का इतिहास]]
*[[चर्च (संस्था)]]
*[[ईसाई धर्म का इतिहास|चर्च (संस्था)]]


== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==

22:43, 4 मार्च 2020 का अवतरण

एक एक्कलीसिया को दर्शाती हुई, मध्यकालीन यूरोपीय चित्र, १२वीं सदी

कलीसिया (लातिनी:Ecclesia, एक्क्लेसिया) अथवा चर्च का अर्थ ईसाई धर्म के अन्तर्गत आने वाले किसी भी धार्मिक संगठन या साम्प्रदाय को कहा जाता है। कलीसिया, का शाब्दिक अर्थ है लोगों का समूह या सभा। कलीसिया कुछ विशेष ईसाइ विश्वासियों का संगठन या समूह, को कहते हैं, जिन्हें ईसाई मान्यता के अनुसार, एकमात्र परमेश्वर में विस्वास हो तथा उनके पुत्र ईसा मसीह पर विश्वास हो। विश्वासियों के इस समुदाय के सदस्य इस तरह देश-काल से परे एक सार्वभौमिक कलीसिया के भाग होते हैं। यह सार्वभौमिक कलीसिया एक वैश्विक समुदाय के समान है जिसमें हर विश्वासी एक अंग का कार्य करता है।

नामकरण

यह यूनानी बाइबिल के 'एक्लेसिया' शब्द का विकृत रूप है; बाइबिल में इसका अर्थ है - किसी स्थानविशेष अथवा विश्व भर के ईसाइयों का समुदाय। बाद में यह शब्द गिरजाघर के लिये भी प्रयुक्त होने लगा। यहाँ पर संस्था के अर्थ में चर्च पर विचार किया जायगा।

चर्च, कलीसिया और गिरजाघर

हालाँकि भारत में, आजकल, "चर्च" नाम प्रचलित है, जिसे लोग सामान्यतः एक धार्मिक भवन समझते हैं, मगर ऐसा नहीं है, वास्तविक रूप में, चर्च, उस विशेष ईसाई समुदाय को अथवा उस लोगों के समूह को कहते हैं, इसके लिए सटीक हिंदी शब्दावली कलीसिया है। अंग्रेजी में, कलिसिया और गिरजाघर, दोनों को "चर्च" ही कहा जाता है। कलीसिया और गिरजाघर में अंतर समझने के लिए आप किसी देश के सांसद और संसद भवन का उदाहरण ले सकते हैं: "संसद", कुछ निर्वाचित सांसदों के समूह को कहा जाता है, जबकि संसद भवन, एक इमारत है, जिसमें संसद की बैठकें आयोजित होती हैं। उसी तरह से कलीसिया, लोगों के समूह को कहा जाता है, जबकि गिरजाघर एक भवन है, जिसमें धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं। अंग्रेजी में, कलीसिया और गिरजाघर, दोनों को चर्च ही कहा जाता है, हालाँकि, अधिकांश बार जब "चर्च" शब्द का उल्लेख होता है, तो संकेत, भवन पर नहीं, बल्कि कलीसिया पर होता है। उदाहरण के लिए, "कैथोलिक चर्च" का मतलब किसी कैथोलिक गिरजाघर से नहीं, कैथोलिक कलीसिया से है।

प्रमुख ईसाई साम्प्रदाय/कलीसिया

इस बात से सहमत हैं कि ईसा ने केवल एक ही कलीसिया की स्थापना की थी, किंतु अनेक कारणों से ईसाइयों की एकता अक्षुण्ण नहीं रह सकी। फलस्वरूप आजकल ईसाई धर्म के बहुत से कलीसिया अथवा संगठन वर्तमान हैं जो एक दूसरे से पूर्णतया स्वतंत्र हैं। उनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है :

रोमन काथलिक कलीसिया

वैटिकन सिटी का संत पीटर्स बसिलिका, विश्व का मौजूद सबसे विशाल चर्च भवन(गिरजा), तथा रोमन कैथोलिक कलीसिया का मुख्यालय।[1]

इसका संगठन सबसे सुदृढ़ है एवं विश्व भर के अधिकांश ईसाई इसके सदस्य हैं। रोमन कैथोलिक रोम के पोप को सर्वोच्च धर्मगुरु मानते हैं। ये स्वयं ही एक चर्च है।

प्राच्य कलीसिया

पूर्व यूरोप के प्राय: सभी ईसाई जो शताब्दियों पहले रोम से अलग हो गए हैं, अधिकांश आर्थोदोक्स (Orthodox) कहलाते हैं। ऑर्थोडॉक्स रोम के पोप को नहीं मानते, पर अपने-अपने राष्ट्रीय धर्मसंघ के पैट्रिआर्क को मानते हैं और परम्परावादी होते हैं। हर राष्ट्र का सामान्यतः अपना अलग ही चर्च होता है।

प्रोटेस्टैंट कलीसिया

यह 16वीं शताब्दी में प्रारंभ हुआ था। प्रोटेस्टेंट किसी पोप को नहीं मानते और इसके बजाय बाइबिल में पूरी श्रद्धा रखते हैं। इस साम्प्रदाय में कई चर्च आते हैं।

ऐंग्लिकन कलीसिया

यद्यपि प्रारंभ ही से ऐंग्लिकन चर्च पर प्रोटेस्टैंट धर्म का प्रभाव पड़ा, फिर भी अधिकांश ऐंग्लिकन ईसाई अपने को प्रोटेस्टैंट नहीं मानते।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

  1. UNESCO World Heritage: Vatican City