"प्रसाद": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन |
छो 27.97.152.46 (Talk) के संपादनों को हटाकर सत्यम् मिश्र के आखिरी अवत... |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''प्रसाद''' पूजा के बाद वितरित करने वाले पदार्थ को कहते हैं। सामान्यतः यह कोई खाद्य पदार्थ होता है किंतु कभी कभी कपड़े इत्यादि को भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। |
'''प्रसाद''' पूजा के बाद वितरित करने वाले पदार्थ को कहते हैं। सामान्यतः यह कोई खाद्य पदार्थ होता है किंतु कभी कभी कपड़े इत्यादि को भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। |
||
हिन्दुओं का ऐसा मानना है कि पूजा के समय जब कोई खाद्य सामग्री देवी-देवताओं के समक्ष प्रस्तुत की जाती है तो देवी-देवता उसे खाते हैं। अगर खाने की वस्तु नहीं है जैसे कपड़े इत्यादि तो वे उसे पहिनते हैं, इस्तेमाल करते हैं। अपने इष्टदेव के जूठन को खाना या इस्तेमाल करना हिन्दू अपना परम सौभाग्य समझते हैं, अतः भगवान, देवी-देवताओं के जूठन को प्रसाद कहा जाता है। |
हिन्दुओं का ऐसा मानना है कि पूजा के समय जब कोई खाद्य सामग्री देवी-देवताओं के समक्ष प्रस्तुत की जाती है तो देवी-देवता उसे खाते हैं। अगर खाने की वस्तु नहीं है जैसे कपड़े इत्यादि तो वे उसे पहिनते हैं, इस्तेमाल करते हैं। अपने इष्टदेव के जूठन को खाना या इस्तेमाल करना हिन्दू अपना परम सौभाग्य समझते हैं, अतः भगवान, देवी-देवताओं के जूठन को प्रसाद कहा जाता है। |
||
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]] |
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]] |
03:45, 10 जून 2016 का अवतरण
प्रसाद पूजा के बाद वितरित करने वाले पदार्थ को कहते हैं। सामान्यतः यह कोई खाद्य पदार्थ होता है किंतु कभी कभी कपड़े इत्यादि को भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। हिन्दुओं का ऐसा मानना है कि पूजा के समय जब कोई खाद्य सामग्री देवी-देवताओं के समक्ष प्रस्तुत की जाती है तो देवी-देवता उसे खाते हैं। अगर खाने की वस्तु नहीं है जैसे कपड़े इत्यादि तो वे उसे पहिनते हैं, इस्तेमाल करते हैं। अपने इष्टदेव के जूठन को खाना या इस्तेमाल करना हिन्दू अपना परम सौभाग्य समझते हैं, अतः भगवान, देवी-देवताओं के जूठन को प्रसाद कहा जाता है।