"पलवल जिला": अवतरणों में अंतर
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'''पलवल''', [[हरियाणा]] प्रदेश का ज़िला है। पहले पलवल [[पंजाब]] में था और अब हरियाणा का 21वां ज़िला बन गया है। |
'''पलवल''', [[हरियाणा]] प्रदेश का ज़िला है। पहले पलवल [[पंजाब]] में था और अब हरियाणा का 21वां ज़िला बन गया है। |
15:47, 3 नवम्बर 2013 का अवतरण
फरीदाबाद | |
— जिला — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | हरियाणा |
महापौर | |
जनसंख्या • घनत्व |
21,93,176 (2001 के अनुसार [update]) • 1,020/किमी2 (2,642/मील2) |
निर्देशांक: 28°09′00″N 77°20′00″E / 28.1500°N 77.3333°E पलवल, हरियाणा प्रदेश का ज़िला है। पहले पलवल पंजाब में था और अब हरियाणा का 21वां ज़िला बन गया है।
इतिहास
पलवल आज़ादी में अपना अहम योगदान रखता है। यहाँ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पहली राजनीतिक गिरफ्तारी हुई थी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने पलवल में अपने हाथों से एक कमरे बनवाने के लिए नींव रखी। महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ आज़ादी की लड़ाई में पलवल के स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। महात्मा गांधी के साथ पलवल के लाला गोबिंदराम बेधड़क, दीपचंद सत्याग्रही, लल्लू भाई पटेल, लक्ष्मीनारायण, लछमन दास बंसल, योगेंद्र पाल भारती, लाला भनुआमल मंगला ने आज़ादी की लड़ाई में सहयोग किया था। उन्होंने गांधीजी के साथ जेल यात्राएं भी कीं। 9 अप्रैल 1919 को पंजाब में गांधी जी ऐंट्री पर बैन लगा दिया लेकर पंजाब के सेक्रेटरी ने आदेश जारी कर दिए थे। 10 अप्रैल को जैसे ही महात्मा गांधी पलवल रेलवे स्टेशन पहुँचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने पंजाब में प्रवेश न करने का ब्रिटिश सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। मथुरा के बाद पलवल पहला स्टेशन था, जहाँ ट्रेन को रोककर गांधी जी को गिरफ्तार किया गया। यहाँ से गिरफ्तार कर गांधी जी को मुंबई ले जाकर छोड़ दिया गया।